Money Laundering Cases : क्या अब सिसोदिया की बारी है |

Money Laundering Cases : क्या अब सिसोदिया की बारी है

Money Laundering Cases: Is it Sisodia's turn now?

Money Laundering Cases

Money Laundering Cases : नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने सारे मंत्रियों को कट्टर इमानदार बताते हुए नहीं थकते। यह बात अलग है कि उनकी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येन्द्र जैन मनी लाड्रींग के मामले में ईडी के निशाने पर आए और इन दिनों जेल की हवा खा रहे हैं। उन्होंने तो ईडी के सवालों से परेशान होकर कोरोना के कारण अपनी याददास्त खो जाने की बात भी कही है।

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद वहां के स्वास्थ्य मंत्री भी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल पहुंच गए है। अब नई दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनिष सिसोदिया के खिलाफ भी सीबीआई ने अपनी जांच तेज कर दी है। उनके निवास पर सीबीआई ने छापा मारा है और मनीष सिसोदिया के लिए लुकआउट नोटिस जारी कर उनके विदेश यात्रा पर रोक भी लगा दी गई है। ऐसे में नई दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा सरगर्म है कि क्या अब मनिष सिसोदिया की जेल जाने की बारी है। खुद मनिष सिसोदिया ने कहा है कि सीबीआई उन्हें जेल भेज सकती है।

पूर्व में जब सराब घोटाले को लेकर सीबीआई ने जांच (Money Laundering Cases) शुरू की थी तब नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी यह आशंका जताई थी कि मनिष सिसोदिया को गिरफ्तार किया जा सकता है। गौरतलब है कि अभी सीबीआई ने सिर्फ छापा मारा है और एफआईआर दर्ज की है इसके साथ ही सीबीआई ने प्रवर्तन निर्देशालय को भी इस बारे में जानकारी दी है। ईडी भी अब शराब घोटाले की जांच करेगी और मनी लाड्रांगिक का केस बनता है तो सीबीआई नहीं बल्की ईडी मनिष सिसोदिया को गिरफ्तार करेगी।

यदि ऐसा हुआ तो सत्येन्द्र जैन की तरह ही मनषि सिसोदिया भी लंबे नपेंगे। इधर सीबीआई की इस कार्रवाई को लेकर अरविंद केजरीवाल ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है और इसे राजनीतिक बदले की कारवाई बताया है। उन्होंने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर मनिष सिसोदिया को कट्टर इमानदार बताते हुए क्लीन चीट दे दिया है। इस बारे में उन्होंने न्यूर्याक टाईम्स और खलीज टाईम्स में छपे एक लेख का हवाला देकर कहा है कि मनिष सिसोदिया कि शिक्षा नीति की अंतर्र्राष्ट्रीय अखबार तारिफ कर रहे है और न वे सिर्फ भारत के बल्कि सारी दुनिया के सबसे श्रेष्ट शिक्षा मंत्री है।

अरविंद केजरीवाल शायद यह भूल गए है कि मनिष सिसोदिया पर उनके शिक्षा विभाग को लेकर नहीं बल्कि आबकारी विभाग में की गई गड़बड़ी को लेकर सीबीआई जांच शुरू हुर्ई है। जिस तरह मनिष सिसोदिया ने बगैर मंत्री परिषद को विश्वास में लिए और एलजी को सूचना दिए बगैर शराब नीति बदल दी थी उससे हजार करोड़ रुपए की छति सरकारी खजाने को पहुंची थी। यह पूरा मामला दिवार लिखी इबारत की तरह साफ है। इसमें मनिष सिसोदिया के बचने की दूर दूर तक कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।

अरविंद केजरीवाल भले ही मनिष सिसोदिया को निर्दोष बताए लेकिन सीबीआई ने पुख्ता प्रमाणों के आधार पर ही उनके खिलाफ कार्रवाई की है और अब इस मामले में ईडी की एंट्री होने के बाद तो मनीष सिसोदिया की मुश्किलें और बढ़ सकती है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एवं राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने सीबीआई की कार्र्रवाई पर टिप्पणी करते हुए यह हास्यास्पद तर्क दिया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता से डर गए है। इसलिए सीबीआई और ईडी जैसी केन्द्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग कर आम आदमी पार्टी के नेताओं पर झूठे केस बनाए जा रहे हैं।

संजय सिंह को शायद पता नहीं है कि लोकसभा में आम आदमी पार्टी का एक भी सांसद नहीं है ऐसे में अरविंद केजरीवाल भला पीएम मोदी या विपक्षी पार्टियों के अन्य किसी नेता को कैसे चुनौती दे सकते हैं। कुल मिलकार सीबीआई की इस कार्रवाई से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी लपेटे में आ सकते है।

आबकारी नीति बदलने के मामले (Money Laundering Cases) में मनिष सिसोदिया बगैर मुख्यमंत्री से पूछे ऐसा नीतिगत फैसला कर ही नहीं सकते। देखना होगा कि मनिष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई और ईडी की कार्रवाई क्या रंग लाती है और वे कब तक जेल भेजे जाते हैं।

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