Editorial : बीएफ-७ के खिलाफ भारत की जंग

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Editorial : पहले चीन में उसके बाद अमेरिका, जापान, इंग्लैड और थाईलैंड सहित दुनिया के आधा दर्जन देशों में कोहराम मचाने वाले कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ-७ के खिलाफ भारत ने जंग की जोर शोर से तैयारी शुरू कर दी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और राज्य सरकारों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है।
जिसके तहत सभी अस्पतालों को कोरोना के नए वैरिएंट की चुनौती से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही लोगों से अपील की गई है कि जिन लोगों ने अभी तक कोरोना की वैक्सीन नहीं ली है वे तत्काल कोरोना की वैक्सीन ले और जिन लोगों ने बुस्टर डोज नहीं लिया है वे तत्काल बुस्टर डोज लें।
कोरोना की वैक्सीन और बुस्टर के लिए देशभर के सभी अस्पतालों को वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई है। अब यह लोगों का दायित्व है कि वे कोरोना विस्फोट के खतरे को मद्देनजर रखकर जल्द से जल्द वैक्सीन व बुस्टर डोज लें। गौरतलब है कि देश में ७५ प्रतिशत लोगों ने बुस्टर डोज नहीं लिया है। ऐसे लोगों के कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित होने का ज्यादा खतरा है। चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले ४० दिन भारत के लिए बेहद चुनौतीपूर्व होंगे। नए साल के जनवरी माह में भारत में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढऩे की संभावना व्यक्त की गई है। इसके पहले की कोरोना का कहर टूटे वैैक्सीन से बचे हुए लोगों को अनिवार्य रूप से वैक्सीन ले लेनी चाहिए। यही नहीं बल्कि जिन लोगों ने बुस्टर डोज लिया है या नहीं लिया है उन लोगों को भी सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है।
मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए और दो गज की दूरी का पालन किया जाए तभी इस चुनौती से निपटने में हम सफल हो पाएंगे। सरकार अपने स्तर पर जो करना है कर ही रही है लेकिन लोगों को भी एहतियात बरतनी होगी तभी बीएफ-७ को हराने में हम कामयाब हो पाएंगे। चीन के बाद अब जापान और अमेरिका समेत कई देशों में कोरोना से हालात बिगडऩे लगे हैं। जी हाँ, हालाँकि भारत में संक्रमण फिलहाल काबू में है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ साल के ट्रेंड को देखते हुए जनवरी में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं।
आप सभी को बता दें कि कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा का दावा है कि भारत में हाइब्रिड इम्युनिटी की वजह से चीन जैसे हालात बनने की संभावना बहुत कम है। जी दरअसल कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई मजबूत ‘हाइब्रिड इम्युनिटी’ की वजह से पड़ोसी देश चीन की तुलना में बेहतर आकार ले रही है।
के साथ भारत में 12 साल से कम उम्र के कम से कम 96 फीसदी बच्चे कोविड के संपर्क में आ चुके हैं जिससे प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है। संक्रमण से आप बीमार होते हैं लेकिन अगर आप भविष्य में उस विषाणु या जीवाणु के संपर्क में आते हैं तो आपके शरीर का इम्यून सिस्टम उसे पहचान लेता है और शरीर की एंटीबॉडी उससे लडऩे लगती हैं। इससे आपके दोबारा संक्रमित होने या बीमार पडऩे की संभावना कम हो जाती है।’