Vande Bharat Train In MP : MP की वंदेभारत ट्रेन हैं इतनी खास, मात्र 8 घंटे में भोपाल से दिल्ली, प्रेग्नेंट महिलाओं और दिव्यांगों के लिए स्पेशल टॉयलेट, 52 सेकंड में 100 की स्पीड

Vande Bharat Train In MP : MP की वंदेभारत ट्रेन हैं इतनी खास, मात्र 8 घंटे में भोपाल से दिल्ली, प्रेग्नेंट महिलाओं और दिव्यांगों के लिए स्पेशल टॉयलेट, 52 सेकंड में 100 की स्पीड

भोपाल, नवप्रदेश। देश की 11वीं और MP की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन भोपाल पहुंच चुकी है। ये ट्रेन रानी कमलापति स्टेशन से नई दिल्ली तक 694 किलोमीटर का सफर 7 घंटे 45 मिनट में तय करेगी। रफ्तार के मामले में वंदे भारत का पिकअप बुलेट ट्रेन का टक्कर देता (Vande Bharat Train In MP) है।

वंदे भारत 52 सेकंड में 100 की स्पीड पकड़ लेती है। इसकी हाई स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिघंटा है, लेकिन भोपाल से दिल्ली के बीच यह 92 की स्पीड से दौड़ेगी। इसमें इतनी सुविधाएं और तकनीक हैं कि आपका सफर शानदार हो जाएगा। लाइट पर टच करने से वह ऑन-ऑफ होगी।

पश्चिम मध्य रेलवे के शेड्यूल के मुताबिक ये सेमी हाई स्पीड ट्रेन 1 अप्रैल से पटरियों पर दौड़ना शुरू कर देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन कर सकते (Vande Bharat Train In MP) हैं।

26 मार्च को रात 8 बजे MP पहुंची इस सेमी हाई स्पीड ट्रेन में कुल 16 कोच हैं। इसमें 14 एसी चेयर और 2 एग्जीक्यूटिव क्लास कोच हैं। पूरी ट्रेन में कुल 1128 यात्री बैठ सकते हैं। ट्रेन का जिम्मा पश्चिम मध्य रेलवे के पास होगा।

ट्रेन हफ्ते में 6 दिन चलेगी। शनिवार को बंद (Vande Bharat Train In MP) रहेगी। ये सुबह 5.55 बजे कमलापति स्टेशन से रवाना होगी। बीना, झांसी, आगरा होते हुए दोपहर पौने 2 बजे नई दिल्ली पहुंचा देगी।

ICF के पूर्व GM सुधांशु मनि ने बताया कि MP पहुंची इस सेमी हाई स्पीड ट्रेन में सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया है। इसके सभी दरवाजे ऑटोमैटिक हैं। एंट्री गेट हों या कोच कनेक्टिंग डोर सभी स्लाडर पैटर्न पर खुलते और बंद होते हैं।

मेन गेट ट्रेन के पूरी तरह रुकने पर ही खुलेंगे। ट्रेन में जरा भी मूवमेंट हैं तो दरवाजे लॉक ही रहेंगे। ट्रेन की तकनीक और इसमें यूज किए गए सभी पार्टस् मेड इन इंडिया हैं। दरवाजे और व्हील्स इंपोर्टेड हैं।

ट्रेन को ऐसे डिजाइन किया गया है कि स्पीड और रनिंग टाइम कंट्रोल किया जा सके। दरअसल, इसके फ्रंट को एयरो डायनामिक शेप दिया गया है ताकि तेज गति पर चलने से इप पर हवा का दबाव ना पड़े। इससे ट्रेन के रनिंग टाइम में 10 से 15 सेकंड की बचत होती है।

इस ट्रेन में कवच तकनीक यानी ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम का यूज किया गया है ताकि 2 ट्रेनों के बीच भिड़ंत ना हो सके। इसमे एक लोको इंजन दूसरे लोको इंजन के सामने आने की स्थिति में 380 मीटर की दूरी पर ही रुक जाता है। सामने फाटक आने पर ये कवच ड्राइवर के बिना खुद ही सीटी बजाना शुरू कर देता है।

प्रेग्नेंट महिलाओं और दिव्यांगों के लिए स्पेशल टॉयलेट

वंदे भारत ट्रेन के हर कोच में लग्जरी बायो वैक्यूम टॉयलेट बने हुए हैं। ये ऐसा टॉयलेट होता है जिसमें बैक्टीरिया के जरिए मल को पानी और गैस में बदल दिया जाता है। इसमें बेहद कम पानी यूज होता है। टॉयलेट के गेट भी ऑटोमैटिक हैं, जो टच करने मात्र से ही खुल जाते हैं। नल से लेकर हैंड ड्रायर तक सब सेंसर युक्त है यानी नल के नीचे हाथ लगाते ही पानी आने लगेगा और हाथ हटाते ही पानी बंद हो जाएगा।

ट्रेन में इंडियन और वेस्टर्न दोनों तरह की टॉयलेट सीट्स वाले अलग- अलग बाथरूम है। टॉयलेट में प्रेग्नेंट और नवजात शिशु के साथ वाली महिलाओं के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं। वंदे भारत के कोच में विकलांग लोगों के लिए अलग स्‍पेस भी दिया गया है। कोचों में व्‍हीलचेयर पार्क करने के लिए अलग जगह है, ताकि दिव्यांगों को कठिनाई का सामना ना करना पड़े।

कोच में सीट विस्टा डोम कोच की तरह होंगे। इस आरामदायक सीट को आप अपने सीटिंग अरेंजमेंट के हिसाब से एडजस्ट कर पाएंगे। जिस दिशा में ट्रेन दौड़ेगी उसी दिशा में आप सीट भी घुमा सकेंगे। ये सीट 180 डिग्री तक घूम जाती है। पहले ये सीट इम्पोर्ट की जाती थी, अब इसका निर्माण देश में ही होने लगा है।

इसके साथ ही हर कोच में टेम्प्रेचर को कंट्रोल करने के लिए कंट्रोल बटन है, जो पैसेंजर सीट के पास ही है। मतलब यह है कि अगर ज्यादा कूलिंग हो तो यात्री खुद एसी का टेम्प्रेचर बदल सकते हैं, हालांकि इसकी जरूरत नहीं हाेगी, क्यों ट्रेन में सपोर्टिंग स्टाफ भी होगा।

यदि आपने मेट्रो ट्रेन में सफर किया है तो उसी की तर्ज पर वंदे भारत के हर कोच में एक इमरजेंसी बटन भी दिया गया है। इमरजेंसी में ट्रेन रोकनी है तो इसके लिए बटन दबाना होगा। यात्री अपनी परेशानी सीधे ट्रेन के ड्राइवर को बता सकता है। बिना इमरजेंसी के स्विच दबाने या छेड़खानी करने पर 1 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा और 6 महीने की जेल भी हो सकती है।

ट्रेन की लाइटिंग शानदार है। सेंसर युक्त है। यात्री लाइट्स के बीच में उंगली लगा कर ही इसे ऑन ऑफ कर सकेंगे। हर कोच में एक 32 इंच का LED डिस्पले बोर्ड लगा हुआ है जो लगातार प्लेटफॉर्म और ट्रेन स्पीड से जुड़ी जानकारी दिखाता रहेगा। हर कोच के साथ बेस किचन भी दिया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे के कर्मचारी कोच में घूमते रहेंगे। इसमें टाइम के अनुसार ब्रेक फास्ट, लंच भी मिलेगा।

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