Ear problems: कानों से जुड़ी समस्याओं का समाधान

Ear problems: कानों से जुड़ी समस्याओं का समाधान

Solution to ear problems,

कान का दुखना,कान दुखने का उपचार


उपचार, हिजन की जड़ की छाल से रस में तेल डालकर गर्म बूंद-बूंद डालने से कर्णशूल नष्ट होता है।
करके कान में बूंद-बूंद टपकाने से कर्णशूल नष्ट होता है।

  • कर्णशूल में कटु (कड़वे) तेल को हल्का उष्ण करके कान में बूंद-बूंद डालने से शूल से मुक्ति मिलती है।
  • चंदन या नीम का तेल या लहसुन को तिल के तेल में पकाकर-छानकर बूंद-बूंद कान में डालने से कर्णशूल नष्ट होता है।

Ear Pain: कान की सूजन

कान की सूजन का उपचार

  • तगर, जटागांशी, हल्दी, लाल चंदन, सिरस की छाल, मुलहठी, छोटी इलायची, कूठ, सुगंधवाला आदि औषधियों को कूट पीसकर घी के साथ मिलाकर शोथयुक्त भाग पर हल्का उष्ण करके, लेप करने से शीघ्र लाभ होता है।
  • सन के बीज, रास्ना, मेथी, कूट, सरसों, काली जीरी, हल्दी, दारू हल्दी बराबर मात्रा में लेकर कूटकर कांजी के साथ पीसकर लेप करें।
  • वत्सनाग, सोंठ, कुचला और भंगशृंग को धतूरे के पत्तों के रस के साथ पीसकर थोड़ी-सी अफीम मिलाकर लेप करने से कर्णमूल ग्रंथ शोथ नष्ट होता है।
  • धतूरे (बोलाडोना) का कर्णमूल शोथ में लेप करने से शोथ नष्ट होता है।
  • इंद्रायण के फल और जंगली प्याज को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर हल्का-सा गर्म करके लेप करने से शोथ नष्ट होता है।
  • भृगशृंग भस्म और संजीवनी वटी दोनों 120-120 मिग्रा. में अदरक के रस या उष्ण जल से सेवन करने पर कर्ण में शोथ (Ear pain) नष्ट होता हैं।
  • नागफनी (कैक्टस) के कांटों को हटाकर थोड़ी सी हल्दी मिलाकर, करते तेल में पकाकर शोथ पर लेप करने शोथ का निवारण होता है रसोत को स्त्री के दूध में घोलकर कान में बूंद-बूंद डालने से जीर्ण कर्णस्राव के साथ दुर्गंध भी नष्ट होती है।

कान का बहना: Runny Ears

कान का बहने का उपचार

  • जामुन और आम के कोमल पत्तों का रस मधु मिलाकर कान में डालने से (बूंद-बूंद) कर्णस्राव विकृति नष्ट होती है।
  • कर्णस्राव की विकृति में कर्ण को हाइड्रोजन-पर-आक्साइड से साफ करके प्याज के ताजे रस की बूंदें टपकाने से स्राव नष्ट होता है
  • चमेली के पत्तों का एक सेर रस लेकर एक पाव तिल में मिलाकर विधिवत तेल पाक करके बूंद-बूंद कान में डालने से कर्णस्राव विकृति नष्ट होते हैं।
  • बच के चूर्ण के सरसों के तेल में पकाकर बूंद-बूंद कान में डालने से स्राव बंद होता है।
  • शम्बूक तेल- घोघे के मांस के कल्क के सरसों का तेल सिद्ध करके कान में बूंद-बूंद डालने से कर्णस्राव की विकृति नष्ट होती है।
  • मालती के पत्तों का रस मधु में मिलाकर कान में बूंद-बूंद डालने से पित्त विकृति से उत्पन्न पूर्ति कर्णस्राव(Runny ears) नष्ट होता है।
  • निर्गुण्डी तेल बूंद-बूंद कान मे सुबह-शाम डालने से कर्णस्राव नष्ट होता है। यह तेल व्रज शोधक होता है और नाड़ी व्रण विकृति को नष्ट करता है।
  • बन कपास के फल से रस में शाल के छाल का चूर्ण और मधु मिलाकर कान में बूंद-बूंद डालने से कर्णस्राव नष्ट होता है।
  • मंजिष्ठादि चूर्ण का 5 ग्राम मात्रा में दिन में दो बार जल के साथ सेवन करने से कर्णस्राव(Runny ears) नष्ट होता है। मंजिष्ठादि क्वाथ भी गुणकारी होता है।

उपरोक्त उपचार इंटरनेट का संकलन है कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श ले

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