नवप्रदेश की खबर का स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने लिया संज्ञान, बोले- यदि रामकृष्ण अस्पताल मरीज से लेगा 10 लाख रु. तो होगी कार्रवाई

नवप्रदेश की खबर का स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने लिया संज्ञान, बोले- यदि रामकृष्ण अस्पताल मरीज से लेगा 10 लाख रु. तो होगी कार्रवाई

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कहा- अस्पताल से मंगाए गए हैं संबंधित मरीज के इलाज के बिल, इनकी होगी जांच

रायपुर/नवप्रदेश। रामकृष्ण केयर (ramkrisna hospital) अस्पताल द्वारा कोरोना मरीज को 10 लाख रुपए का अनुमानित बिल (estimated bill of 10 lakh rupees to corona patient) दिए जाने संबंधी नवप्रदेश की खबर का स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (health minister ts singhdev) ने संज्ञान लिया है। सिंहदेव ने कहा कि  10 लाख रुपए का बिल (estimated bill of 10 lakh rupees to corona patient) काफी ज्यादा है। बिलों की जांच होगी।

यदि अस्पताल (ram krishna hospital) द्वारा इतना बिल वसूला जाएगा तो उस पर कार्रवाई की होगी। सिंहदेव (health minister ts singhdev) ने यह भी कहा कि निजी अस्पतालों के प्रबंधन यह भी कह रहे हैं कि उन्हें कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर जारी सरकारी आदेश में कनफ्यूजन है। जबकि आदेश काफी हद तक तक स्पष्ट है है। निजी अस्पतालों में इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रुपए से सीरीयस पेशेंट के लिए 17 हजार रुपए तक की राशि शासन द्वारा निर्धारित की गई है।

इसमें डॉक्टर  की  फीस, वेंटिलेटर, बेड चार्ज, दवाएं आदि  सम्मिलित हैं। सिंहदेव ने कहा  कि कुछ महंगे इंजेक्शन व अन्य डायग्नोसिस का खर्च अलग हो सकता है। फिर भी 10 लाख रुपए की राशि काफी ज्यादा है। यदि इतनी राशि वसूल गई तो अस्पताल पर कार्रवाई होगी। अस्पताल प्रबंधन से संबंधित मरीज के इलाज से जुड़े बिल भी मंगाए गए हैं। इन बिलों की जांच कराई जाएगी।         

ये है मामला

रामकृष्ण केयर अस्पताल ramkrishna hospital) ने एक कोरोना मरीज को इलाज के लिए 10 लाख  रुपए का अनुमानित बिल  दिया था। यह बिल सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। नवप्रदेश ने इसकी सच्चाई जानने के लिए रामकृष्ण केयर अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे से बात की थी। डॉ. दवे ने इस अनुमानित बिल  को उन्हींके अस्पताल का होने की बात स्वीकार की थी।

बिल में संबंधित मरीज को कोविड 19 का  सीरीयस मरीज बताया गया था। सरकार द्वारा सीरीयस मरीज के इलाज के लिए तय एक दिन के 17 हजार रुपए के शुल्क को लेकर डॉ. दवे ने कहा था कि 17 हजार रुपए में कोरोना के सीरीयस मरीज का इलाज कर पाना उनके अस्पताल के लिए कठिन है।

अनुमानित बिल, जिस पर मचा बवाल

बेड चार्ज- 20 हजार

इन्वेस्टिगेशन चार्ज – 1 लाख

वेंटिलेटर चार्ज- 50 हजार

मेडिसिन चार्ज – 4 लाख 50 हजार रुपए

अदर  – 1 लाख 50 हजार  

निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए जारी शासकीय आदेश काफी हद तक स्पष्ट है। फिर भी यदि  निजी अस्पतालों को कोई कनफ्यूजन है तो उनकी बात को सुना जाना भी जरूरी है। इसलिए मैंने संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बनसोड़ से कहा है कि वे निजी अस्पतालों के प्रबंधन से बात करें और स्थिति स्पष्ट करे। इससे मरीजों व उनके परिजनों को भी सही-सही जानकारी मिल सकेगी।

-टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री छग,

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