Out of Stock : दिवालिएपन की कगार पर पाक

Out of Stock : दिवालिएपन की कगार पर पाक

Out of Stock : Pakistan on the verge of bankruptcy

Out of Stock

Out of Stock : पड़ौसी देश पाकिस्तान दिवालिएपन की कगार पर पहुंच चुका है। अब उसके पास विदेशी मुद्रा का भंडार लगभग खत्म हो चुका है। उसके पास पेट्रोल व डीजल का स्टॅाक भी मुश्किल से एक सप्ताह का ही रह गया है। यदि उसे आईएमएफ से कर्ज नहीं मिला तो बहुत जल्द पाकिस्तान दिवालिया घोषित हो जाएगा। पाकिस्तान के मित्र देश चीन और साऊदी अरब ने पहले ही पाकिस्तान की और ज्यादा मदद करने से इंकार कर दिया है।

तुर्की से उसे मदद की उम्मीद थी लेकिन तुर्की में भूकंप आने के कारण अब तुर्की से भी पाकिस्तान को कोई सहायता नहीं मिल पाएगी। ऐसी स्थिति में आईएमएफ से कर्ज मिलने पर ही पाकिस्तान की बदहाली कुछ हद तक दूर हो सकती है लेकिन आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए जो कड़ी शर्ते लगाई है उसे मानना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं है। आईएमएफ ने कर्ज देने के लिए यह शर्त लगाई है कि पाकिस्तान को अपने रक्षा बजट में १० से २० प्रतिशत तक कटौती करनी होगी और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की संपत्ति का खुलासा करना होगा।

यही नहीं बल्कि पेट्रोल डीजल और रसोई गैस में जो सब्सिडी दी जाती है वह भी तत्काल बंद करनी होगी। आईएमएफ कि इन शर्तो को मानने से पाकिस्तान की सरकार को सेना के विरोध का ही सामना करना पड़ेगा। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि पाकिस्तान के हुक्मरान पाकिस्तानी सेना के हाथों की कठपुतलियां रहे है। ऐसे में वहां की सरकार न तो रक्षा बजट में कटौती कर पाएगी और न ही सैन्य अधिकारियों की संपत्ति का खुलासा करने का हौसला जुटा पाएगी। रही बात सब्सिडी खत्म करने की तो ऐसे करने से पाकिस्तान की जनता जो पहले ही आसमान छूती महंगाई की मार से अधमरी हो चुकी है। वह तो बगावत पर ही उतर आएगी। यही वजह है कि पाकिस्तानी हुक्मरान आईएमएफ की शर्तो को लेकर अभी तक पशोपेश में पड़े हुए है।

इस बीच पाकिस्तान ने अर्थव्यवस्थ इस कदर चौपट हो चुकी है कि लोग सड़कों पर ऊतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है और वहां कभी भी गृ़ह युद्ध भड़कने का खतरा मंडरा रहा है। पाकिस्तान की बद से बदतर होती स्थिति को देख कर अब तो पाकिस्तान से लोग अन्य मुस्लिम राष्ट्रों की तरफ पलायन करने लगे है। पिछले एक माह के भीतर ही लगभग आठ लाख लोग पाकिस्तान से पलायन कर चुके है और पलायन का यह सिलसिला बदस्तूर जारी है।

पाकिस्तान के लिए अब एक तरफ कुंआ और दूसरी तरफ खाई वाली स्थिति निर्मित हो गई है। यदि वह आईएमएफ से कर्ज नहीं लेता है तो दिवालिया हो जाएगा और यदि उसकी शर्ते मानकर कर्ज लेता है तो जनता बगावत पर ऊतर आएगी। पाकिस्तान दिवालिया होने वाला है।

चीन सऊदी अरब से लेकर वल्र्ड बैंक तक ने हाथ पीछे खींच लिए हैं. महंगाई सातवें आसमान पर है. ऐसे बुरे हालात में पाकिस्तान रुपया गोते लगा रहा है और रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ चुका है. पाकिस्तान में एक डॉलर की कीमत 255 रुपये के पार पहुंच चुकी है. महंगाई दर 25 फीसद को पार करने वाली है. 3 महीने में पाकिस्तान 5 अरब डॉलर का कर्ज ले चुका है।

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