Mungeli News : अफसरों की कमी से जूझ रहा मुंगेली, अतिरिक्त व संयुक्त कलेक्टर के पद खाली

Mungeli News : अफसरों की कमी से जूझ रहा मुंगेली, अतिरिक्त व संयुक्त कलेक्टर के पद खाली

Mungeli News: Mungeli is facing shortage of officers, the posts of additional and joint collectors are vacant

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मुंगेली/सुशील शुक्ला/नवप्रदेश। Mungeli News : जिला बनने के बाद से ही कलेक्टोरेट सहित कार्यालयों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी बनी हुई है। जिसके चलते जिले के विकास कार्यो सहित रोजमर्रा के कार्य भी प्रभावित हो रहे है। दुर्भाग्यजनक बात यह है कि वर्तमान में कलेक्टोरेट में ही अतिरिक्त कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर सहित महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े हुए है। जिससे जिले का कार्य प्रभावित हो रहा है। तबादलों के दौर में जिले के तीन संयुक्त कलेक्टर सहित तहसीलदार का स्थानांतरण हो गया है।

इनकी जगह में नवनियुक्त संयुक्त कलेक्टर के नहीं आने पर जहां यह पद रिक्त पड़े है। वहीं तहसीलदार के प्रमोशन होने के एक माह बाद भी तहसीलदार को कार्यमुक्त नहीं किया गया है। दूसरी ओर आत्मानंद विद्यालय में कुर्सी की लड़ाई चल रही हैं। एक वरिष्ठ प्राचार्य का स्थानांतरण कर व्याख्याता को प्राचार्य का प्रभार सौंप दिया गया था।

शासन के आदेश (Mungeli News) के बाद पुन: वरिष्ठ प्राचार्य को कार्यभार ग्रहण करना था, किन्तु शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए आदेश निकलने के लगभग 15 दिन बाद भी प्रभार नहीं दिया गया। वैसे ही संयुक्त कलेक्टर को पद लगभग दो सालों से रिक्त पड़ा हुआ है। इसी तरह से पुलिस विभाग में भी एडिशनल एसपी का पद अनिल सोनी के स्थानांतरण के बाद रिक्त पड़ा है। आदेश निकलने के बाद भी अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया है।

नियमित कर्मचारियों का अभाव

जिला बनने के बाद से कर्मचारियों के कमी को झेल रहे इस जिले में उच्च अधिकारियों की भी कमी लगातार हो रही है। दुर्भाग्यजनक बात यह है कि जिले में नियमित कर्मचारियों में केवल चार कर्मचारी पदस्थ है और बाकि पदों पर अन्य विभागों के कर्मचारियों से कार्य कराया जा रहा है। कलेक्टोरेट कार्यालय ही उधार के कर्मचारियों से संचालित हो रहे है तो अन्य कार्यालयों की स्थिति सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

लिपिक व चपरासी संभाल रहे दफ्तर

कुछ कार्यालयों में तो चपरासी ही लिपिक एवं कार्यालय के महत्वपूर्ण कार्यो का संपादन कर रहे हैं। जिले में विकास कार्य कोसों दूर नजर आ रहा है। सरकार के विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन भी उचित ढ़ंग से नही हो पा रहा है। वही दूसरी ओर कलेक्ट्रेट पहुंच रहे फ रियादी छोटे-छोटे कार्यो के लिए भटकते नजर आ रहे है। जिला स्थापना के 10 साल बाद भी कर्मचारी की कमी से जूझ रहा है कलेक्टोरेट मे काम चलाने के लिए अन्य विभागों के कर्मचरियों को अटैच कर काम चलाया जा रहा है।

8 साल पहले 66 पदों पर निकली थी भर्ती

कलेक्टोरेट के अलावा महिला बाल विकास, आदिमजाति विभाग में भी भर्ती के लिए सारी प्रकिया पूरी होने के बाद भर्ती प्रकिया पूर्ण नही हो पायी है,कलेक्टोरेट मे लगभग 8 साल पहले 66 पदों के लिए निकाली गई भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी गई है। आवेदक आज भी आस लगाए बैठे हैं कि उनका रिजल्ट आएगा और वे इसका हिस्सा बन सकेंगे। निर्धारित समय में भर्ती प्रकिया पूर्ण नहीं होने के चलते इसे रोक दिया गया था। पुन: नये सिरे से भर्ती करने के लिए वित्त विभाग की अनुमति न मिलने के कारण इसे रद्द करना पड़ा है। इसकी भर्ती प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है।

विधायक ने कहा था स्वीकृत कार्यो का वापस लें सरकार

जिले की स्थिति को लेकर विधायक धर्मजीत सिंह ठाकुर को विधानसभा में यह कहना पड़ गया कि मुंगेली जिले में स्वीकृत कार्यो को शासन वापस ले लें। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में विकास कार्यो से लेकर शासकीय योजनाओं का संचालन किस तरह से चल रहा है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं नागरिक मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम की बांट जोह रहे हैं जिससे वे जिले की दुर्दशा के बारे में सीएम को (Mungeli News) अवगत करा सकें।

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