Kedia Distillery Staff Bus Accident : क्या जांच में असल दोषी बच जाएंगे… इतनी बड़ी कंपनी की ऐसी जानलेवा सवारी

Kedia Distillery Staff Bus Accident : क्या जांच में असल दोषी बच जाएंगे… इतनी बड़ी कंपनी की ऐसी जानलेवा सवारी

Kedia Distillery Staff Bus Accident :

Kedia Distillery Staff Bus Accident :

डिस्टलरी कंपनी, पुलिस, आरटीओ को इतनी खटारा बस क्यों नहीं दिखी, खदान ठेकेदार मुरुम खोदकर 50 फीट का जानलेवा गड्ढा छोड़ गए

रायपुर/नवप्रदेश। Kedia Distillery Staff Bus Accident : हादसे के शिकार परिवार अब भी सवाल कर रहे हैं कि क्या जांच में असल दोषी बच जाएंगे… इतनी बड़ी कंपनी की ऐसी जानलेवा सवारी ? केडिया डिस्टलरी कंपनी जाने वाले इस मौत के रास्ते में कई तरह की चूक बरती गई है। पुरे देश को हिलाकर रख देने वाले इस हादसे ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, सीएम विष्णुदेव साय से लेकर कई आला सियासतदाओं को हिलाकर रख दिया है।

ऐसे में डिप्टी सीएम विजय शर्मा का यह कहना कि दोषी बक्शे नहीं जायेंगे…कलेक्टर दुर्ग, आईजी और एसपी दुर्ग समेत आरटीओ दुर्ग तक जांच में जुटे हैं। लेकिन हादसे के शिकार परिवार अब भी सवाल कर रहे हैं कि क्या जांच में असल दोषी बच जाएंगे… इतनी बड़ी कंपनी की ऐसी जानलेवा सवारी ? हालांकि बिना वक्त गंवाए कंपनी 10-10 लाख मुआवजा और एक को नौकरी देने का एलान कर चुकी है।

फिर भी जो कामगार मजदूर घर पहुँचने की आस लिए ही बदइंतजामी के चलते हलाक हो गए, घटनास्थल हर किसी की गलतियां बयान कर रहा है। जांचने के लिए ऐसा कुछ नहीं है, जो अनुभवी अफसरों और फैक्ट्री के जिम्मेदारों से छिपा हो। लापरवाही भी सब की नजरों के सामने है।

फिर भी दुर्ग कलेक्टर ने भीषण बस हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। चौंकाने वाली बात यह कि जांच रिपोर्ट 30 दिन में देनी है ! इधर डिप्टी CM ने कहा- यह भी जांच होगी कि फैक्ट्री ने कर्मचारियों के सुरक्षा के क्या उपाय किए थे, उनका बीमा था या नहीं। दोषी पर कार्रवाई की जाएगी। दुर्घटनाग्रस्त बस सीजी-07 सी 7783 दरअसल 3 अक्टूबर 2007 को दुर्ग आरटीओ में रजिस्टर्ड हुई थी।वाहन का नाम टाटा-709 दर्ज है। यह वहीं के किसी गुप्ता के नाम पर है।

जांच रिपोर्ट 30 दिन में देनी है

0 खटारा बस रजिस्ट्रेशन 16 साल पुराना है
0 अनफिट बस का इंश्योरेंस भी नहीं था
0 बिना इंश्योरेंस, बिना फिटनेस की बस नजरों से कैसी बच गई
0 डिस्टलरी कंपनी, पुलिस, आरटीओ ने कैसे की अनदेखी
0 आम रास्ता था या नहीं लेकिन लाइट, सड़क क्यों नहीं दिखी
0 नगरीय निकाय के साथ-साथ डिस्टलरी प्रबंधक भी जांच के घेरे में

हादसे में इन 12 लोगों की गई जान

विधु भाई पटेल, शांति बाई देवांगन, पुष्पा देवी पटेल, राम बिहारी यादव, कमलेश देशलहरे, सत्या बाई निषाद, राजूराम ठाकुर, परमानंद तिवारी, अमित सिन्हा, मनोज ध्रुव, कृष्णा, त्रिभुवन पांडेय। शामे अन्य 10 स्टाफ जिंदगी मौत से अस्पताल में जूझ रहे हैं।

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