CM of Bihar : नीतिश के लिए रास्ते हुए बंद

CM of Bihar : नीतिश के लिए रास्ते हुए बंद

CM of Bihar: Roads closed for Nitish

CM of Bihar

CM of Bihar : बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के लिए भाजपा ने अपने दरवाजे बंद कर दिए है। भाजपा नेता सुशिल मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब नीतिश कुमार के साथ भाजपा कभी कोई गठबंधन नहीं करेगी। सुशील मोदी के बयान के चौबिस घंटे बाद खिसियाए हुए नीतिश कुमार ने भी यह बयान दिया है कि वे मर जाएंगे लेकिन भाजपा के साथ अब कभी नहीं जाएंगे। इसका मतलब साफ है कि अब उन्हे राष्ट्रीय जनता दल के साथ ही मिलकर अपनी राजनीति चलानी होगी और राजद के सामने घुटने टेकने पड़ेंगे। इधर नीतिश कुमार की पार्टी जदयू मेें भी बगावत की आंधी उठने लगी है।

उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतिश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जदयू के अन्य नेता और कार्यकर्ता भी पशोपेश में है। वो नीतिश कुमार के बार बाद पल्टि मारने से खुद को असहज स्थिति में पा रहे है। उनके लिए नए गठबंधन के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल हो रहा है। कल तक वे जिस पार्टी के साथ रहे उससे दूरी बनाना और कल तक जिस पार्टी को गरियाते रहे उसके साथ गलबहिया करना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। नीतिश कुमार ने तो अपनी राजनीतिक स्वार्थ के लिए पाला बदलना आसान काम समझ रखा हैे लेकिन पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए यह काम कठिन होता है क्योंकि उन्हे जनता के बीच जाना पड़ता है और जनता के सवालों का सामना करना पड़ता है लेकिन नीतिश कुमार को सिर्फ मुख्यमंत्री पद की कुर्सी से ही मतलब है।

बहरहाल अब उनका मुख्यमंत्री पद भी खतरे मे नजर आ रहा है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने के लिए जोड़-तोड़ में लगे हुए है कोई बड़ी बात नहीं कि इसके लिए वे जदयू को ही दो फाड़ कर दें। नीतिश कुमार को लेकर उनकी पार्टी में जो असंतोष उभर रहा है उसे देखते हुए जदयू में यदि विभाजन हो जाता है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। जयदू में कई नेता ऐस है जो पार्टी को नया रूप देने की कवायद कर रहे है।

भाजपा भी उन्हे प्रोत्साहित कर रही है। भाजपा ने संकेत दे दिया है कि नीतिश कुमार से अलग हटकर यदि जयदू नए रूप में सामने आती है तो उसका भाजपा के साथ गठजोड़ बन सकता है। कुल मिलाकर राष्ट्रीय जनता दल और भाजपा दोनों ही नीतिश कुमार की पार्टी जदयू में विभाजन की रेखा खींचने की तैयारी में है और जदयू के नेता भी यह मान कर चल रह है कि नीतिश कुमार की विश्वसनीयता अब खतम हो चुकी है और उनके नेतृत्व में जदयू लगातार कमजोर हो रही है। ऐसी स्थिति में नीतिश कुमार के लिए आने वाले समय में मुसीबतें बढ़ सकती है और वे फिर घर के रहेंगे न घाट के।

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