Chhattisgarh Education: जिला शिक्षाधिकारी ने भेजा 1 पेज का नोटिस, जवाब मिला 48 पेज में, ये है मामला

Chhattisgarh Education: जिला शिक्षाधिकारी ने भेजा 1 पेज का नोटिस, जवाब मिला 48 पेज में, ये है मामला

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CHHATTSGARH EDUCATION

Chhattisgarh Education : छत्तीसगढ़ के एक जिले के शिक्षाधिकारी द्वारा भेज गए एक पेज के नोटिस का जवाब उन्हें 48 पेज में मिला है।

गुंडरदेही/नवप्रदेश। Chhattisgarh Education : छत्तीसगढ़ के एक जिले के शिक्षाधिकारी द्वारा भेज गए एक पेज के नोटिस का जवाब उन्हें 48 पेज में मिला है।

दरअसल जिला शिक्षा अधिकारी बालोद एवं अन्य विकासखंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के विरुद्ध किए गए कार्य एवं शिक्षक सम्मान समारोह नहीं कराए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के जिला अध्यक्ष देवेंद्र हरमुख ने आवाज उठाई थी।

जिसके कारण जिला शिक्षा अधिकारी बालोद द्वारा उन्हें अपने ऊपर लगाए आरोप को सिद्ध करने के लिए साक्ष्य सहित कारण बताओ नोटिस दिया गया था।

ऐसे दिया जवाब

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh education) के बालोद जिला के शिक्षा अधिकारी के एक पेज के नोटिस के जवाब में देवेंद्र हरमुख द्वारा 48 पेज का जवाब साक्ष्य सहित प्रस्तुत करने का दावा किया गया जिसमें उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख कर बताया कि उन्होंने माननीय शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा सचिव के आदेश की अवहेलना की है। साथ ही विकास खंड शिक्षा अधिकारी गुंडरदेही के द्वारा बहुत सारे शिक्षकों के ऊपर लिखित में कार्रवाई की गई जो छत्तीसगढ़ शासन के नियम विरुद्ध है।

शिक्षक सम्मान समारोह के सबूत भी भेजे

बकौल हरमुख, शिक्षक सम्मान समारोह न होने के साक्ष्य में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा पूछा गया था कि देश, प्रदेश और कौन-कौन से जिले में यह आयोजन हुआ। जिला शिक्षा अधिकारी को यह भी पता नहीं था की हमारे देश में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी द्वारा ऑनलाइन यह पुरस्कार प्रदान किया गया। हरमुख ने बताया कि उन्होंने साक्ष्य के रूप में फोटोग्राफ्स के साथ जिला शिक्षा अधिकारी को यह अवगत कराया कि प्रदेश की शिक्षिका सपना सोनी को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। इस आशय की न्यूज पेपर कटिंग भी उन्होंने अधिकारी को भेजी।

नहीं मिले जिला शिक्षा अधिकारी :

हरमुख ने बताया कि कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए वे बुधवार को स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय गए थे। उन्होंने बताया कि वे वहां 12:00 बजे से लेकर 5:00 बजे तक बैठे रहे, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी न तो फोन उठाया और ना ही व्हाट्सएप में किए गए मेसेज का जवाब ही दिया।

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