BJP Blame : मंहगी बिजली पर भाजपा का सरकार पर वार...कांग्रेस ने पिछली सरकार की दिलायी याद |

BJP Blame : मंहगी बिजली पर भाजपा का सरकार पर वार…कांग्रेस ने पिछली सरकार की दिलायी याद

BJP Blame: BJP's attack on the government on expensive electricity... Congress reminded the previous government

BJP Blame

रायपुर/नवप्रदेश। BJP Blame : छत्तीसगढ़ में बिजली की दरों में वृद्धि होने के बाद सियासी बयानबाजी जोरों पर है। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा जहां राज्य सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है, वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस पिछली सरकार में लगातार बढ़ाए गए बिजली दरों को लेकर भाजपा पर पलटवार करती नजर आ रही है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नई दरों की घोषणा की, जिसमें 6 से 8 प्रतिशत तक बिजली महंगी हो गई हैं। इसके साथ ही विपक्ष को एक और मुद्दा मिल गया। वैसे भी महंगाई के मुद्दे पर चौतरफा घिरी भाजपा राज्य में अब फ्रंट पर आ गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मंगलवार को प्रदेश की आम जनता पर महंगाई के लिए कांग्रेस की राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा, कोरोना काल में राज्य सरकार ने लोगों को 8 पैसे (BJP Blame) की तो राहत नहीं दी, बल्कि बिजली को ही 8 प्रतिशत महंगा कर दिया। यह जनता के साथ अन्याय है, जिसे हर हाल में वापस लेना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, बिजली दरों में यह बढ़ोतरी कांग्रेस की कुनीतियों की एक झलक है। सरकार ने तुरंत यह बढ़ी हुई दर वापस नहीं ली तो, भाजपा सड़क पर इसका विरोध करेगी।

कांग्रेस पर महंगाई बढ़ाने का आरोप

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय (BJP Blame) ने कहा कि प्रदेश में केवल बिजली ही नहीं, रेत, सीमेंट आदि की कीमत भी आसमान छू रही हैं। ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ। जीवन भर की कमाई से पाई-पाई जोड़ कर हर व्यक्ति एक घर बनाने का सपना देखता है। यह सरकार उस सपने पर भी कुठाराघात कर रही है। उन्होंने कहा, कांग्रेस के राज में प्रदेश की वित्तीय हालात खराब है। ऐसे में हर बार जनता की जेब ही काटी जाएगी।

15 साल में 9 बार बढ़े बिजली के रेट: शैलेश नितिन त्रिवेदी

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दो बार दरे कम हुयी और सिर्फ एक बार बढ़ी है। कम होने वाली दरे और ज्यादा होने वाली दरों को देखे तो 3 साल में कुल बिजली दर में वृद्धि 3.3 प्रतिशत है। अर्थात प्रतिवर्ष 1.1 प्रतिशत। इसे रमन सिंह सरकार के कार्यकाल के संदर्भ में देखे तो रमन सिंह सरकार तो लगातार बिजली महंगी करती थी। 2004-05 बिजली 3 रू 27 पैसे प्रति यूनिट थी। जिसे रमन सिंह सरकार ने 2018-19 में 6 रू. 20 पैसे किया, जिससे 90 प्रतिशत की वृद्धि हुयी।15 वर्ष में 9 बार बिजली दर बढ़ायी गयी। औसत वृद्धि रमन सिंह सरकार में हर वर्ष 6 प्रतिशत होती थी। छत्तीसगढ़ सरकार ने न्यूनतम वृद्धि की है और ये भी वृद्धि केन्द्र सरकार के द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमते मंहगी करने और परिवहन लागत बढऩे के कारण हुयी है। 27 महिने में छत्तीसगढ़ सरकार ने 39.63 लाख उपभोक्ताओं को 1822 करोड़ रूपये की छूट बिजली बिल हाफ कर के दी है।

अन्य राज्यों की तुलना छत्तीसगढ़ में है रेट कम

संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ (BJP Blame) में अभी दरे 6 प्रतिशत बढ़ायी गयी। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ की बिजली की दरे मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश और पंजाब से कम है। छत्तीसगढ़ सरकार बिजली बिल हाफ योजना जारी रखेगी अर्थात उपभोक्ताओं को दरो में छूट मिल रही है वो यथावत रहेगी। 27 महिनों में लगभग 39.63 लाख उपभोक्ताओं को 1822 करोड़ की राहत बिजली बिल हाफ कर के छत्तीसगढ़ सरकार ने की है। बिजली के दरों में हुयी 6 प्रतिशत की वृद्धि पर भी बिजली बिल हाफ की योजना लागू होगा जिसका लाभ जनता को मिलेगा। भाजपा की सरकार 90 प्रतिशत बिजली बढ़ायी 15 साल में और औसत हर साल प्रतिशत बिजली बढ़ाती थी उस भाजपा के लोग किस मुंह से छत्तीसगढ़ सरकार की आलोचना करते है।

इसी महीने से नए रेट पर आएगा बिजली बिल

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने सोमवार को प्रेस को बताया था, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आयोग ने बिजली की औसत दर 6. 41 रुपया प्रति यूनिट निर्धारित किया है। पिछले दो वर्षों से यह दर 5. 93 रुपया प्रति यूनिट थी। नई दर पिछले वर्ष की तुलना में 48 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा है। उन्होंने बताया बिजली कि नई दरें एक अगस्त से ही प्रभावी हो गई हैं। मतलब इस महीने का बिजली बिल बढ़ी हुई दर से आएगा।

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