Astrology : शनि का मकर मे गोचर, राशि के अनुसार बताएंगे इसके उपाय ज्योतिषाचार्य डॉ. देवव्रत शर्मा

Astrology : शनि का मकर मे गोचर, राशि के अनुसार बताएंगे इसके उपाय ज्योतिषाचार्य डॉ. देवव्रत शर्मा

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रायपुर, नवप्रदेश। कर्म और न्याय प्रिय शनि देव अपनी ही राशि कुम्भ से निकलकर अपनी दूसरी स्वराशि मकर में मंगलवार 12 जुलाई 2022 को दोपहर 02 बजकर 50 मिनट पर प्रवेश करेंगे और प्रत्येक राशि को अपनी स्थिति अनुसार अपना प्रभाव देना प्रारंभ करेंगे।

कुछ दिन पहले ही 5 जून को शनि देव वक्री हुए थे और उनकी यह वक्री अवस्था 141 दिनों तक रहेगी। इसी कड़ी में अब शनिदेव 12 जुलाई को मकर राशि में अपनी वक्री अवस्था में ही गोचर करने वाले हैं। शनि की इस वक्री चाल से 12 जुलाई से धनु, मकर, और कुंभ राशि के जातकों की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

ऐसे में इस गोचरकाल के दौरान हर राशि तो प्रभावित होगी ही, साथ ही इस गोचर का प्रभाव देश और दुनिया में भी कई बड़े बदलाव लेकर आएगा।

वैदिक ज्योतिष में शनि को एक शिक्षक के रूप में जाना जाता है और यह कर्म भाव का कारक होता है। यह शोक, कष्ट, दुर्घटनाएं और पुरानी बीमारियां भी दे सकता है लेकिन दुःख के बाद अंतिम परिणामस्वरूप एक अच्छी सीख और सही व ग़लत के बीच के अंतर को समझाता भी है। भगवान यम शनि के साथ जुड़े हुए हैं और भगवान लोगों द्वारा किए गए कर्मों के हिसाब से मूल्यांकन करके दुनिया को संतुलित करते हैं।

ज्योतिष में दो राशियों मकर और कुंभ राशि पर शनि ग्रह का शासन होता है। ये दोनों राशियां शनि के लक्षणों का प्रतिनिधित्व करती हैं यानी कि परिपक्वता, व्यावहारिकता और कर्तव्यनिष्ठा। इसके अलावा, निष्पक्ष व्यवहार करने वाला शनि संतुलन की राशि यानि तुला राशि में उच्च का होता है। जिस पर शुक्र ग्रह का शासन होता है। इन राशियों पर शनि का प्रभाव तुलनात्मक रूप से सकारात्मक माना जाता है।

शनि ग्रह को नौ ग्रहो मे सबसे धीना माना जाता है अर्थात इसकी ग्रह चाल बहुत धीमी होती है और इसे एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में लगभग 2.5 वर्ष लगते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार इसे शुष्क और ठंडे ग्रह के रूप में जाना जाता है। यह एक हानिकर यानी नुकसान पहुंचाने वाला ग्रह है और इस ग्रह से जुड़ा एक मिथक भी है कि लोग आमतौर पर इसकी दशा के प्रभाव में उदास, दुःखी और तनावपूर्ण महसूस करते हैं। आपको बता दें कि इस ग्रह के परिणाम धीमे लेकिन प्रबल होते हैं, हालांकि यह जातकों की जन्म कुंडली में शनि के स्थान पर निर्भर करता है। जातक की कुंडली में शनि किस भाव में स्थित है, इससे भी परिणाम प्रभावित होते हैं। शनि को कर्म ग्रह कहा जाता है और यह अच्छे कर्म करने वालों को सकारात्मक परिणाम देता है तथा बुरे कर्मों या अवैध कार्यों में शामिल लोगों को नकारात्मक परिणाम देता है।

वक्री शनि का महत्व और अर्थ
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किसी भी ग्रह की वक्री अवस्था या वक्री चाल का अर्थ होता है उसका उल्टी गति में चलना। ऐसे में बात करें शनिदेव की उल्टी चाल की तो इस दौरान कुछ राशियों को विशेष तौर पर आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है। साथ ही इस दौरान धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के जातकों को भी विशेष सावधान रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि इन राशियों की साढ़ेसाती शुरू होने वाली है।

हालांकि यहां घबराने वाली बात नहीं है शनि के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं जिनकी जानकारी हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से प्रदान कर रहे हैं। साथ ही इस ब्लॉग में वक्री शनि के सभी 12 राशियों पर पड़ने वाले अशुभ प्रभाव के बारे में भी जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं।

शनिदेव वक्री होकर 12 जुलाई 2022 को मकर राशि में प्रवेश करेगे। और अपनी इस अवस्था और इस राशि में शनि देव 23 अक्टूबर तक रहेंगे और इसके बाद शनि इसी राशि में मार्गी हो जाएंगे।

शनि गोचर का राशियों पर प्रभाव
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मेष👉 राशि के जातकों के लिए शनि दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दसवें भाव यानी कि पेशे और प्रतिष्ठा के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करने जा रहे हैं। इस दौरान आप पूर्ण रूप से अपने करियर की ओर केंद्रित रहेंगे और अपने लंबित कार्यों को पूरा करने का हर संभव प्रयास करते नज़र आएंगे। हालांकि आपको अपने अटके या रुके हुए कार्यों को पूरा करने में कुछ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है लेकिन अंततः चीज़ें आपके लिए बेहतर होती जाएंगी और आपके लिए फलदायी सिद्ध होंगी। आपकी सच्ची निष्ठा और लगन को देखते हुए आपके वरिष्ठ भी आपका सहयोग करेंगे। इस अवधि में आपको अपनी नौकरी में बदलाव करने का भी अवसर प्राप्त हो सकता है। साथ ही आप अपने पेशेवर जीवन में कई अच्छे बदलाव लाने की दिशा में केंद्रित होकर कार्य करते नज़र आएंगे।

आर्थिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह अवधि आपके लिए मध्यम रहने वाली है। आप अपने सभी ख़र्चों को पूरा सकेंगे और इसी प्रकार से आप अपनी आर्थिक स्थिति को संतुलित बनाए रखने में कामयाबी हासिल करेंगे।

आपके घर में सुख-शांति बनी रहेगी और आप इस दौरान घर का नवीनीकरण कराने की योजना बना सकते हैं। जो जातक अभी तक कोई संपत्ति ख़रीदने की योजना बना रहे थे तो इस अवधि में उनकी यह ख़्वाहिश पूरी हो सकती है। इस समय लोहा, इस्पात, खानों (माइंस) और गैस के स्टॉक में निवेश करना लाभकारी सिद्ध होगा। साथ ही अपने पुराने कुछ दोस्तों के साथ मिलने और उनके साथ पुरानी यादों को संजोने के लिए भी यह समय प्रबल है अर्थात आप इस दौरान ऐसी कोई योजना बना सकते हैं।

उपाय:👉 शनिवार के दिन शनि मंदिर में काली दाल दान करें।

वृषभ 👉 राशि के जातकों के लिए शनि नौवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके नौवें भाव यानी कि पिता, आध्यात्मिकता और धर्म के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। आशंका है कि इस दौरान आप आगे की पढ़ाई करने या कुछ सीखने में रुचि खो देंगे, इसकी बजाय आप स्मार्ट वर्क करने की तकनीकों पर ज़्यादा ध्यान देते नज़र आएंगे। आपका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर थोड़ा कम होगा लेकिन कर्मा पर आपका भरोसा बुलंद रहेगा, जो कि आपको अपने कार्यों को करते समय सही निर्णय लेने के लिए प्रेरित करेगा। इस दौरान आप कुछ ज़रूरी यात्राओं की योजना बना सकते हैं और यह यात्राएं आपके अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए काफ़ी मददगार साबित होंगी। इस अवधि में आपके संबंध अपने पिता के साथ बहुत अच्छे नहीं रह सकते हैं, आपका उनसे किसी बात पर विवाद हो सकता है। यह मानिए इस दौरान आपके धैर्य की परीक्षा होगी लेकिन अंततः आपको अपनी तपस्या और कड़ी मेहनत का सकारात्मक फल अवश्य प्राप्त होगा।

जो जातक सर्विस में हैं वे अपना काम बहुत अच्छी तरह से कर सकेंगे लेकिन उनके अपने बॉस के साथ संबंध ख़राब हो सकते हैं। स्वाभाविक है कि फिर आपको उनकी तरफ़ से ज़्यादा समर्थन प्राप्त नहीं होगा। हालांकि, आपकी वर्किंग स्किल और कड़ी मेहनत आपके पेशेवर जीवन को सुखद बनाएगी और आप अपने कार्यस्थल पर एक मज़बूत पकड़ बनाए रखने में सफल होंगे। वहीं व्यवसायी जातक अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए कुछ नए संसाधनों का पता लगा सकेंगे। इस अवधि में आप कुछ नई रणनीतियों को लागू कर सकते हैं, साथ ही पुरानी योजनाओं और रणनीतियों में भी कुछ बदलाव कर सकते हैं।

उपाय:👉 सोते समय अपने सिर के पास नीलम रखें।

मिथुन👉 राशि के जातकों के लिए शनि आठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके आठवें भाव यानी कि अनिश्चितताओं और रहस्य विज्ञान के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। इस दौरान आपको आगे होने वाली घटनाओं का पहले से ही आभास हो जाएगा। अध्यात्म की ओर आपका झुकाव रहेगा और आप आध्यात्मिकता की चीज़ों के बारे में अधिक जानने की कोशिश करते नज़र आएंगे। इस अवधि में आपको कुछ ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है, जो आपके जीवन में बड़े परिवर्तन लेकर आ सकती हैं।

आर्थिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह समय अनिश्चितताओं से भरा रहेगा इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि इस अवधि में स्टॉक मार्केट या शेयर मार्केट आदि में निवेश करने से बचें। वहीं व्यक्तिगत स्वास्थ्य की बात करें तो इस दौरान आपको जोड़ों में दर्द, दांतों की समस्या और बाल झड़ने जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। व्यक्तिगत जीवन में आपको अपने ससुराल पक्ष के लोगों के साथ संबंध में कुछ तनाव का सामना करना पड़ सकता है।

पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस अवधि में व्यवसायी जातक अपने कर्ज़ों से मुक्ति पा सकते हैं लेकिन फिर भी आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी नई परियोजना में निवेश करने की योजना को फ़िलहाल के लिए स्थगित कर दें। वहीं नौकरीपेशा जातकों को इस दौरान अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होगी चूंकि उनके करियर में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं या फिर नौकरी में अचानक से कोई बदलाव हो सकता है।

उपाय:👉 शनिवार के दिन मदिरा और मांसाहार के सेवन से परहेज करें।

कर्क 👉 राशि के जातकों के लिए शनि सातवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव में यानी कि संगठन, साझेदारी और विवाह के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे।

जो लोग अपने विवाह की प्रतीक्षा कर रहे थे, प्रबल संभावना है कि वे इस दौरान शादी के बंधन में बंध जाएंगे। साथ ही, शादी के बीच आने वाली बाधाएं भी दूर ही जाएंगी। जो लोग वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में अपने जीवनसाथी के साथ संबंध में कुछ तनाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही घर की सुख-शांति भंग हो सकती है। इन सब वजहों से आपका धैर्य टूट सकता है और आप हर चीज़ में जल्दीबाज़ी कर सकते हैं। जिसके फलस्वरूप आपको अपने प्रयासों में नकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। पेशेवर रूप से देखा जाए तो जो लोग साझेदारी के व्यवसाय में हैं, उनके सामने कुछ तनावपूर्ण स्थितियां आने वाली हैं। इस दौरान आपके संबंध अपने साझेदार के साथ थोड़े ख़राब हो सकते हैं, जिसका सीधा असर आपकी फर्म की छवि और बिज़नेस डीलिंग्स पर पड़ेगा। वहीं नौकरीपेशा जातकों को अपनी नौकरी में स्थिरता बनाए रखने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी चूंकि ऐसी आशंका है कि इस दौरान आपकी वर्किंग स्किल पर प्रश्न उठ सकते हैं, जो कि कार्यस्थल पर आपकी छवि को प्रभावित करेगा। स्वास्थ्य के लिहाज से देखा जाए तो पुरानी किसी बीमारी से पुनः पीड़ित होने की संभावना रहेगी इसलिए आपके लिए बेहतर होगा कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें और अपना ख़्याल रखें।

उपाय:👉 भगवान शिव की पूजा करें और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।

सिंह👉 राशि के जातकों के लिए शनि छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा, ऋण और सेवा के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। इस दौरान आपके संबंध अपने प्रियजनों के साथ थोड़े ख़राब हो सकते हैं। यदि आप वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो जीवनसाथी के साथ भी आपके संबंध थोड़े तनावपूर्ण रहेंगे, जिसकी वजह आपको उनसे भावनात्मक या शारीरिक दूरी eमहसूस हो सकती है। घर की सुख-शांति भी कुछ ख़ास नहीं रहेगी। यदि आपका न्यायालय में कोई मामला चल रहा है या आप किसी केस में फंसे हुए हैं तो इस दौरान आपको उससे निजात मिलने की संभावना अधिक है। साथ ही आप अपने जीवन के सभी विवादों को सुलझाते हुए परिणाम अपने पक्ष में कर सकेंगे। पेशेवर जीवन की बात की जाए तो नौकरीपेशा जातक अपनी प्रोफ़ाइल में वृद्धि देख सकते हैं साथ ही, उन्हें अपनी मेहनत का पूरा फल भी प्राप्त होगा। जो लोग नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में नौकरी के कुछ अच्छे अवसर/प्रस्ताव प्राप्त होंगे। वहीं व्यवसायी जातकों के लिए यह समय थोड़ा कठिन रहने वाला है चूंकि इस दौरान उन्हें अपनी लायबिलिटी चुकाने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और यह भी हो सकता है कि आपको अपना व्यवसाय सुचारू रूप से चलाने के लिए बाज़ार से भी कुछ कर्ज़ लेना पड़े। जो लोग प्रोफेशनल सर्विसेज़ में हैं, उनके लिए यह पीक समय है और आप इस दौरान अपने करियर में अच्छा ख़ासा उछाल देखेंगे। आप अपनी सेवाओं और योग्यताओं के ज़रिए संबंधित मार्केट में अपनी पैठ बनाने में कामयाबी हासिल करेंगे।

उपाय:👉 शनिवार के दिन काले रंग के वस्त्र धारण न करें।

कन्या👉 राशि के जातकों के लिए शनि पांचवें और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके पांचवें भाव यानी कि शिक्षा, संतान और रोमांस के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। छात्रों के लिए यह समय अनुकूल रहने वाला है क्योंकि इस दौरान आप अपनी पढ़ाई की ओर समर्पित रहेंगे। जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में काफ़ी फलदायी परिणाम प्राप्त होंगे।

जो लोग प्रेम संबंध में हैं, उन्हें अपने रिश्ते में कुछ उतार-चढ़ाव की स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है चूंकि इस दौरान आपके संबंध अपने प्रिय के साथ बहुत अधिक सौहार्दपूर्ण नहीं रहेंगे। बिना किसी वजह ही आपके बीच झगड़े और ग़लतफ़हमियां हो सकती हैं। बच्चों को भी इस अवधि में फ़्लू और खांसी जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से गुज़रना पड़ सकता है।

पेशेवर रूप से देखा जाए तो व्यवसायी जातक इस दौरान अपनी पुरानी योजनाओं और रणनीतियों के ज़रिए लाभ अर्जित कर सकेंगे, जो उनके लिए पहले ज़्यादा कारगर नहीं थीं। वहीं नौकरीपेशा जातकों की वर्क प्रोफ़ाइल या पद में बदलाव होने की संभावना अधिक है।

उपाय:👉 किसी भी कार्य को ज़्यादा देर तक लंबित न रखें।

तुला👉 राशि के जातकों के लिए शनि चौथे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके चौथे भाव यानी कि भवन तथा आराम के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। यदि आप लंबे समय से कोई संपत्ति की ख़रीदने की योजना बना रहे हैं या अपने घर का नवीनीकरण कराने की योजना बना रहे हैं तो इस अवधि में आपकी यह मनोकामना पूर्ण होगी। कुल मिलाकर भवन के निर्माण व विनिर्माण के लिए यह समय अनुकूल है। आप कृषि से संबंधित किसी संपत्ति में भी निवेश कर सकते हैं। हालांकि, इस दौरान आपकी माता जी का ख़राब स्वास्थ्य आपके लिए चिंता का कारण बन सकता है।

तुला राशि के छात्रों के लिए यह समय अनुकूल सिद्ध होगा चूंकि वे अपनी पढ़ाई की ओर समर्पित रहेंगे और मन लगा कर पढ़ाई करते नज़र आएंगे। पेशेवर जीवन की बात की जाए तो व्यवसायी जातकों को इस दौरान फलदायी परिणाम प्राप्त होंगे। साथ ही, आपको अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए भी कई अच्छे अवसर मिलेंगे। वहीं नौकरीपेशा जातकों की पदोन्नति होने की संभावना अधिक है।

उपाय:👉 शनिवार के दिन काले या गहरे नीले रंग के वस्त्र धारण न करें।

वृश्चिक👉 राशि के जातकों के लिए शनि तीसरे और चौथे भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव यानी कि साहस, लघु यात्रा और भाई-बहन के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। इस दौरान आपके संबंध अपने भाई-बहनों के साथ बहुत अच्छे नहीं रहेंगे। आपका उनसे किसी बात पर बार-बार झगड़ा हो सकता है। आप अपने शरीर की फ़िटनेस की तरफ़ ज़्यादा ध्यान देंगे और इसके लिए आप कुछ शारीरिक गतिविधियां करने का प्रयास भी करेंगे।

पेशेवर जीवन की बात करें तो नौकरीपेशा जातकों की नौकरी में बदलाव या फिर तबादला होने की संभावना अधिक रहेगी। वहीं व्यवसायियों को अपने पिछले प्रयासों और कार्यों का परिणाम प्राप्त करने के लिए थोड़ा इंतज़ार करना होगा। आपको सलाह दी जाती है कि नई परियोजनाओं और रणनीतियों पर निवेश न करें बल्कि अपनी पिछली परियोजनाओं पर अधिक ध्यान दें। आपको इस अवधि में अपने रुके हुए कार्यों को पूरा करने के भी अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा इस दौरान आपको अपने व्यवसाय की ब्रिक्री व प्रचार के लिए कुछ यात्राओं की योजना बनानी पड़ सकती है

उपाय:👉 शनिवार के दिन व्रत रखें।

धनु👉 राशि के जातकों के लिए शनि दूसरे तथा तीसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव यानी कि परिवार, संवाद और धन के भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे।

इस दौरान आपके संबंध अपने दोस्तों और भाई-बहनों के साथ थोड़े कड़वे हो सकते हैं। ऐसे में आपको अपनी बातचीत के प्रति अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होगी चूंकि आपके कटु व उग्र शब्द उनके साथ बड़े विवाद होने का कारण बन सकते हैं। आर्थिक दृष्टिकोण से यह समय आपके लिए अनुकूल है क्योंकि आपको अपने कुछ पिछले निवेशों से धन वापस मिलने की संभावना अधिक रहेगी। साथ ही आपको रुका हुआ या अटका हुआ धन भी वापस मिल सकता है। परिवार के सदस्यों के बीच आपसी समझ में कमी के कारण आपके संबंध अपने परिवार के साथ बहुत अच्छे न रहने की आशंका है।

पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस अवधि में व्यवसायी जातकों को फलदायी परिणाम प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत व प्रयास करने की आवश्यकता होगी। वहीं जो लोग मुक़दमेबाज़ी के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, उन्हें इस दौरान अपने पिछले प्रयासों में सफलता प्राप्त होगी। जो लोग सट्टा बाज़ारों जैसे कि स्टॉक मार्केट, शेयर मार्केट आदि से जुड़े हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि इस दौरान किसी भी प्रकार के निवेश से बचें क्योंकि हानि होने का ख़तरा अधिक है।

उपाय:👉 प्रतिदिन 9 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।

मकर👉 राशि के जातकों के लिए शनि प्रथम भाव यानी कि व्यक्तित्व के भाव तथा दूसरे भाव यानी कि धन भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव से प्रथम भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। इस दौरान आपकी सोच उत्तम रहेगी। आप अपने कार्यों को पूरा करने के लिए अधिक सक्रिय रहेंगे। आप अपने व्यक्तिगत सौंदर्य व आदतों को बेहतर करने के लिए ख़ुद पर ख़र्च करते नज़र आएंगे। साथ ही आप अपने व्यक्तिगत जीवन और पेशेवर जीवन में भी सब कुछ व्यवस्थित करने का प्रयास करेंगे।

पेशेवर जीवन की बात करें तो जो लोग नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में अच्छी कंपनियों से नौकरी के कुछ अवसर प्राप्त होंगे। वहीं नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल पर अपना कौशल साबित करने तथा अपनी अलग पहचान बनाने के कई अवसर प्राप्त होंगे। जो लोग अपना ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें फलदायी परिणाम प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने की ज़रूरत होगी। साथ ही आपको अपने व्यवसाय की वृद्धि व विकास के लिए अपनी रणनीतियों और कौशल पर भी अधिक ध्यान देना होगा। यदि आप किसी संगठन में काम कर रहे हैं या संयुक्त उद्यम में हैं तो कोशिश कीजिए कि अपने साझेदार के साथ अच्छे संबंध बना कर रखें क्योंकि आपके बीच संचार की कमी के कारण कमाई और मुनाफ़े में बाधाएं आ सकती हैं।

उपाय:👉 शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर चढ़ाएं।

कुंभ👉 राशि के जातकों के लिए शनि बारहवें भाव यानी कि विदेश यात्रा, व्यय और हानि के भाव तथा प्रथम भाव यानी कि व्यक्तित्व के भाव के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। जो लोग किसी काम से या छुट्टियां बिताने के लिए विदेश जाने का सपना देख रहे हैं, उनकी यह मनोकामना इस अवधि में पूरी होगी। जो लोग विदेशी कंपनियों या विदेशी ग्राहकों के साथ काम कर रहे हैं, वे इस दौरान अपने करियर वृद्धि देखेंगे।

स्वास्थ्य के लिहाज से यह समय बहुत अच्छा नहीं रहेगा। इस दौरान आपको शरीर के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत हो सकती है। साथ ही, पैर चोट या ठोकर का भी ख़तरा होगा। इसके अलावा आप किसी पुराने रोग से पुनः पीड़ित हो सकते हैं। आपको यह सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य का ख़्याल रखें और सड़क पर पैदल चलते समय या वाहन चलाते समय सावधान रहें।

आर्थिक दृष्टिकोण से यह अवधि आपके लिए अनुकूल है। इस दौरान आप धन की बचत करने में कामयाब होंगे क्योंकि आप अपने ख़र्चों में अच्छा खासा नियंत्रण रखेंगे।

उपाय:👉 शनिवार की शाम को मज़दूरों या निर्धनों को सरसों का तेल और काली दाल दान करें।

मीन👉 राशि के जातकों के लिए शनि ग्यारहवें भाव और बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके बाहरवें भाव से ग्यारहवें भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। शनि का आपके बारहवें भाव से ग्यारहवें भाव में वक्री होना आर्थिक लिहाज से काफ़ी अनुकूल सिद्ध होगा। आप इस दौरान कई स्रोतों से कमाई करने में सक्षम होंगे। अतीत के निवेशों से भी लाभ प्राप्त होने की संभावना है।

पेशेवर जीवन की बात की जाए तो नौकरीपेशा जातकों को कुछ ऐसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा, जो उनकी प्रोफ़ाइल के लिए बहुत अच्छा साबित होंगी। वहीं व्यवसायी जातकों को अपने उत्पाद व सेवाओं के प्रचार और मार्केटिंग के लिए कुछ यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। यह समय शौक व रुचियों के काम को पेशे के रूप में बदलने तथा उससे अच्छी ख़ासी कमाई करने के लिए भी अनुकूल है। आपके प्रयास आगे चलकर फलदायी सिद्ध होंगे। शिक्षा के दृष्टिकोण से देखें तो मीन राशि के छात्रों को इस दौरान कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण अपनी पढ़ाई में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय:👉 सूर्यास्त के बाद शाम को कम से कम 108 बार शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।

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