Akhilesh Yadav Resigns : अखिलेश का सांसद पद से इस्तीफा

Akhilesh Yadav Resigns : अखिलेश का सांसद पद से इस्तीफा

Akhilesh Yadav Resigns: Akhilesh resigns from the post of MP

Akhilesh Yadav Resigns

Akhilesh Yadav Resigns : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। अब वे कटहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने रहेंगे और उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनके साथ ही आजम खान ने भी सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है वे भी रामपूर से विधायक बने रहेंगे।

फिलहाल तो आजम खान जेल की हवा खा रहे है जबकि वे जमानत पर छूटेंगे तो संसद की जगह उत्तर प्रदेश विधानसभा में नजर आएंगे और अखिलेश यादव के साथ मिलकर विधानसभा में योगी सरकार को चुनौती देंगे। जहां तक अखिलेश यादव के सांसद पद से इस्तीफा देकर विधायक बने रहने के निर्णय का सवाल है तो निश्चित रूप से उन्होने इस बार समझदारी दिखाई है। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होने भाग ही नहीं लिया था और जब योगी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी तो वे दिल्ली में ही डेरा डाले पड़े रहे।

यही वजह है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (Akhilesh Yadav Resigns) को अपेक्षित सफलता नहीं मिला पाई। यदि वे उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रीय रहते तो निश्चित रूप से समाजवादी पार्टी को कुछ और सीटें मिल सकती थी। अखिलेश यादव ने अपनी गलती सुधारी है और अब वे पूरे पांच साल उत्तर प्रदेश की राजनीति में रहेंगे। अब इसका उन्हे कितना लाभ मिल पाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बेहतर बताएगा।

गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती ने भी पिछले चुनाव में मिली हार के बाद खुद को उत्तर प्रदेश की राजनीति से एक तरह से अलग थलग कर लिया था जिसका दुष्परिणाम उन्हे इस बार के विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ और उनकी पार्टी का सुपड़ा ही साफ हो गया। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखकर अखिलेश यादव ने सांसद पद का मोह त्याग कर विधायक बने रहना उचित समझा है।

अब उनकी नजर आगामी लोकसभा चुनाव (Akhilesh Yadav Resigns) पर है और वे कोशिश करेंगे कि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी भाजपा को कड़ी टक्कर दे और ज्यादा से ज्यादा सीेटें जीत सकें। इस समय लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सिर्फ पांच सांसद है। अखिलेश यादव की नजर लोकसभा में समाजवादी पार्टी की सीटें बढ़ाने पर है। इसके बाद वे पांच साल बाद होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को मजबूती देने के काम पर लगेंगे।

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