Toy Park: खिलौना उद्योग में नोएडा से मिलेगी चीन को कड़ी टक्कर,ये होगी वजह…. |

Toy Park: खिलौना उद्योग में नोएडा से मिलेगी चीन को कड़ी टक्कर,ये होगी वजह….

Toy Park: China will get tough competition from Noida in the toy industry, this will be the reason....

Toy Park

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशानुरूप योगी सरकार नोएडा के सेक्टर 33 में टॉय पार्क (Toy Park) का निर्माण करवाया है,जिससे अब चीन के खिलौना उद्योग को नोएडा से कड़ी टक्कर मिलेगी। इस पार्क में खिलौना बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए 134 उद्योगपतियों ने भूखंड लिया है। यह 134 उद्योगपति 410.13 करोड़ रुपए का निवेश कर जल्दी ही टॉय पार्क में अपनी फैक्ट्री स्थापित करेंगे। इन खिलौना फैक्ट्रियों में 6157 लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा।

टॉय पार्क के लिए चिन्हांकन

बीते वर्ष ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलौना कारोबार में दुनिया में देश की हिस्सेदारी बढ़ाने का आहवान किया था। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने खिलौना कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिए। इसी क्रम में यूपी का पहला पहला खिलौना क्लस्टर (टॉय पार्क) यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद यीडा के सेक्टर 33 में टॉय पार्क के लिए सौ एकड़ से अधिक जमीन खिलौना उत्पादन करने वाली इकाईयां के लिए चिन्हित की गई। इस पार्क में उद्योगपतियों को अपनी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया गया।

यीडा के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए तैयार कराई गई इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों के चलते खिलौना कारोबार में कार्यरत कई बड़ी कंपनियों ने टॉय पार्क में अपनी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए कदम बढ़ाए हैं। अब तक 134 कंपनियों को टॉय पार्क में खिलौना फैक्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई है। जमीन पाने वाली कंपनियां जल्दी ही टॉय पार्क (Toy Park) में फैक्ट्री लगाने की कार्रवाई शुरू करेंगी। पार्क में जमीन लेने वाली देश की प्रमुख कंपनियों में फन जू टॉयज इंडिया, फन राइड टॉयस एलएलपी, सुपर शूज, आयुष टॉय मार्केटिंग, सनलार्ड अप्पारेल्स, भारत प्लास्टिक, जय श्री कृष्णा, गणपति क्रिएशन और आरआरएस ट्रेडर्स प्रमुख हैं।

चीन को देंगे मात

अधिकारियों की माने तो, “टॉय पार्क में प्लास्टिक और लकड़ी से बने बैटरी से चलने वाले खिलौने बनेंगे, अभी चीन में बने ऐसे खिलौने देश में छोटे बच्चे खेलते हैं। टॉय पार्क में खिलौना फैक्ट्री लगाने के लिए आगे आयी ये कंपनियां चीन में बने खिलौनों की मार्केट को चुनौती देंगी। अभी देश में खिलौना बनाने वाली करीब चार हजार से ज्यादा इकाइयां हैं।”

बाजार में है खिलौने की मांग

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के अंतर्गत आने वाली इन इकाइयों में से 90 फीसद असंगठित हैं। यही इनकी तथा देश की सबसे बड़ी कमजोरी है। जिसका संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलौना उद्योग को बढ़ावा दिया है। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2024 तक भारत का खिलौना उद्योग 147-221 अरब रुपये का हो जाएगा। दुनियाभर में जहां खिलौने की मांग में हर साल औसत करीब पांच फीसद का इजाफा हो रहा है, वहीं भारत की मांग में 10-15 प्रतिशत का। निर्यात की बात करें तो सिर्फ 18-20 अरब रुपये के खिलौने का निर्यात हो पाता है। भारत में जहां खिलौना निमार्ता असंगठित हैं, वहीं खिलौने की गुणवत्ता भी बड़ी चुनौती है।

खिलौना उत्पादन में गुणवत्ता की जरुरत

एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया, “खिलौना उद्योग (Toy Park) में भारत की हिस्सेदारी अभी तक नाममात्र की है। अधिकांश खिलौने चीन से आयात किये जाते हैं। यह महंगे होते हैं। इनकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं होती है। देश में क्लस्टर में उत्पादन होने से यह सस्ते भी होंगे और गुणवत्ता में बेहतर होंगे। निवेश भी आएगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित होंगे। सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए झांसी का ओडीओपी घोषित किया है।”

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