School Education : हाइब्रिड कोर्स से हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी पढ़ाई बनेगी रोचक

School Education : हाइब्रिड कोर्स से हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी पढ़ाई बनेगी रोचक

School Education: Hybrid course will make high school and higher secondary education interesting

School Education

रायपुर/नवप्रदेश। School Education : छत्तीसगढ़ के स्कूलों में अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों की पढ़ाई को और अधिक रोचक बनाने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस मुंबई द्वारा शिक्षकों को 9 महीने का हाइब्रिड कोर्स के जरिए प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण कोरोना काल के दौरान बच्चों की सीखने की क्षमता में आई कमी को दूर करने में सहायक सिद्ध होगा। प्रशिक्षित शिक्षक कक्षा में पढ़ाई के दौरान सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग कर पढ़ाई लिखाई को रोचक बनाएंगे।

पढ़ाई बनेगी रोचक

इसके साथ ही आईसीटी तकनीक (School Education) के बारे में बच्चों को भी जानकारी देंगे। हाइब्रिड कोर्स के आज समापन समारोह में विषय विशेषज्ञों के साथ परिचर्चा और विचार-विमर्श किया गया। हाइब्रिड प्रशिक्षण में शामिल कुल 300 शिक्षकों को विषय विशेषज्ञों ने कक्षागत शिक्षण में आईसीटी तकनीक एवं एप्प का उपयोग की जानकारी दी और उन्हें इसके उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया। 

अंग्रेजी, गणित और विज्ञान की पढ़ाई में होगा तकनीक का उपयोग

गौरतलब है कि राज्य में समग्र शिक्षा के तहत प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को एक-दूसरे से सीखने के अवसर एवं मंच देने के लिए प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी का गठन किया गया है। प्रारंभिक स्तर पर यह कम्यूनिटी काफी हद तक सफल रही है और जमीनी स्तर पर काफी बदलाव ला रही है। अब इसे हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर भी लागू किया जा रहा है। इससे हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी में अध्ययनरत बच्चों को अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों की पढ़ाई रूचिपूर्ण बनाने में मदद मिलेगी। पढ़ाई के लिए प्रशिक्षित शिक्षक सूचना संचार प्रौद्योगिकी और एप्प आदि का उपयोग करेंगे। 

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंस ने शिक्षकों को दिया प्रशिक्षण

प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी (पीएलसी) मुख्यतः हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर बनेगी। इसमें उपचारात्मक शिक्षण में सहयोग के लिए मीडिल और प्रायमरी के कुछ सदस्यों को शामिल किया जाएगा। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशियल साइंसेस द्वारा बनाए गए टेलीग्राम ग्रुप को सर्टिफिकेशन के बाद पीएलसी विषय समूह के रूप में नाम बदल दिया जाएगा। यह समूह राज्य में पीएलसी के लिए एक समूह के रूप में चयनित नेतृत्व के साथ मिलकर कार्य करेंगे। प्रत्येक विषय समूह एक अलग टेलीग्राम समूह भी बनाएंगे, जिसमें राज्य भर के हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर उस विषय का अध्यापन कर रहे शिक्षकों को जोड़ा जाएगा। 

 हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की

पीएलसी द्वारा मुख्य रूप से विषय शिक्षण की विधियों, शिक्षकों के सतत् क्षमता विकास, अनुभव आधारित शिक्षण पद्धतियों को कक्षा में लागू करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। सहायक शिक्षण सामग्रियों के लिए आइडिया, आईसीटी का उपयोग कर शिक्षण, विभिन्न ऑनलाइन सामग्री एवं कोर्सेस, आंकलन प्रक्रिया में सुधार, प्रश्न बैंक, उपचारात्मक शिक्षण विधियों और अन्य मुद्दों पर कार्य किया जाएगा।

राज्य के विषयवार पीएलसी अन्य राज्यों और अन्य देशों के शिक्षकों के साथ भी नेटवर्किंग कर एक दूसरे से सीखने का प्रयास करेंगे। यह पीएलसी शिक्षक साथियों के लिए पुस्तकें और स्व-अधिगम सामग्री भी तैयार कर साझा करेंगे। अंग्रेजी, गणित एवं विज्ञान से जुड़े विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों को तैयार करेंगे।

समापन कार्यक्रम (School Education) में राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश, सहायक परियोजना अधिकारी आशीष गौतम, राजेश सोनकर, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान मुंबई के प्रोफेसर अनुषा रामनाथन, प्रोग्राम मैनेजर डॉ. गरिमा सिंह, छत्तीसगढ़ स्टेट हेड सौरभ मोहंती, तुबा खान, शान मोहम्मद, संजीव सिंह, श्वेता पाल उपस्थित थे। 

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