धान पर रार : भाजपा ने कृषि मंत्री चौबे से मांगा इस्तीफ़ा, मंत्री अकबर ने दी सफाई |

धान पर रार : भाजपा ने कृषि मंत्री चौबे से मांगा इस्तीफ़ा, मंत्री अकबर ने दी सफाई

Rar over paddy: BJP seeks resignation from Agriculture Minister Choubey, Minister Akbar clarified

Paddy Procurement

रायपुर/नवप्रदेश। Paddy Procurement : छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर राजनितिक बयान बाजी तेज हो गई है। मसोमवार को मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में केवल धान खरीदी का लक्ष्य ही तय किया गया और खरीदी की तिथि कैबिनेट बैठक पर छोड़ दिया गया है। जिसे लेकर सियासी उबाल प्रदेश में जारी है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने समर्थन मूल्य पर धान की सरकारी ख़रीद की तारीख़ तय नहीं करने को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने तो प्रदेश के कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे से इस्तीफ़ा ही मांग लिया। साय ने कहा कि प्रदेश में हर साल समर्थन मूल्य पर धान की सरकारी ख़रीद की तारीख़ को लेकर संशय बनाए रखने की प्रदेश सरकार की बदनीयती के चलते प्रदेश के लाखों किसान इस बात के लिए सदैव आशंकित रहते हैं कि आख़िर प्रदेश सरकार कब उनका धान ख़रीदेगी? उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा धान ख़रीदी की तारीख़ घोषित नहीं किए जाने को किसानों के साथ छलावा बताया है।

किसान विरोधी सरकार – साय

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के शासनकाल में 1 नवंबर से धान ख़रीदी की मांग पर प्रलाप करने वाली कांग्रेस की मौज़ूदा प्रदेश सरकार के अब 1 नवंबर से धान ख़रीदी करने में हाथ-पाँव फूल जाते हैं। प्रदेश सरकार के लिए इससे अधिक शर्मनाक और प्रदेश के किसानों के साथ इससे बड़ा छल-कपट और क्या हो सकता है कि कांग्रेस की सरकार इस बार 1 दिसंबर से धान ख़रीदी का एलान तक नहीं कर सकी है। घोर किसान विरोधी चरित्र का परिचय देती प्रदेश सरकार किसानों का सबसे ज़्यादा नुक़सान करने पर आमादा है।

बारदानों को लेकर अभी से संशय

साय ने कहा कि प्रदेश सरकार इस साल फिर बारदानों को लेकर रोना-धोना मचाने लगी है कि बारदानों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हुई है, जबकि जुलाई में ही भाजपा ने पत्र लिखकर प्रदेश सरकार को इसके लिए आग़ाह कर दिया था कि इस साल धान ख़रीदी में प्रदेश सरकार की कोई भी अड़ंगेबाजी और बहानेबाजी क़तई नहीं चलेगी और प्रदेश सरकार बारदाना समेत धान ख़रीदी के तमाम इंतज़ाम पुख़्ता तौर पर कर ले। इसके बावज़ूद ख़ुद को किसान पुत्र कहकर प्रदेश के किसानों को झाँसा देने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों का धान ख़रीदने की व्यवस्था करने के बजाय सियासी नौटंकियों और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ मिथ्या प्रलाप करने में ही वक़्त जाया करते रहे हैं।

प्रदेश के किसानों के हक़ का पैसा उत्तरप्रदेश में अपनी व्यक्तिगत सम्पदा मानकर लुटाते और स्वामीभक्ति दिखाते रहे, और अब भी धान ख़रीदी के इंतज़ाम तय करने के बजाय उत्तरप्रदेश में सियासी लफ़्फ़ाजियाँ करते घूम रहे हैं। साय ने कहा कि सोमवार को धान ख़रीदी पर निर्णय को लेकर हुई बैठक में भी धान ख़रीदी की तारीख़ तय नहीं करके प्रदेश सरकार ने किसानों का प्रताड़ित किया है, इससे ज़्यादा दु:खद और लज्जाजनक कुछ नहीं हो सकता।

मंत्रिमंडल को तय करेगा खरीदी तिथि – अकबर

मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि मंत्रिमंडल की उपसमिति जो सिफारिश करेगी उस आधार पर ही मंत्रिमंडल को तय करना होता है। उन्होंने कहा कि खरीदी में परिस्थिति वश देर होना लाजमी है। मंत्री ने बीते साल में कोरोना और बारिश के चलते देर होना बताया। अब वास्तविक स्थिति कैबिनेट की बैठक में लाने के बाद ही तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बारदाने की कमी हर साल रहती है मांग के बावजूद भी बारदाना नहीं मिल पाता है। यही कारण है कि इस बार यदि दिक्कत आई तो किसानों के वन टाइम यूज़ बारदानों का उपयोग सरकार करेगी।

मंत्री अकबर ने साफ तौर पर कहा कि भाजपा केवल आरोप लगाना जानती है। उनके शासनकाल में भी ऐन चुनाव के पहले ही 1 नवंबर को धान खरीदी हुई थी, बाकी वर्षों में खरीदी की तिथि में अंतर आया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो शासन द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है। अब कैबिनेट की बैठक में ही धान खरीदी की तिथि पर मुहर लगेगी।

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