Mayuri Singh : गरीबों की दो वक्त की रोटी भी छीनने पर तुली है भाजपा : मयूरी सिंह

Mayuri Singh : गरीबों की दो वक्त की रोटी भी छीनने पर तुली है भाजपा : मयूरी सिंह

Mayuri Singh,

राजनांदगांव, नवप्रदेश। केंद्र सरकार के द्वारा 25 किलोग्राम से ऊपर के खाद्य पैकेट को 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे से मुक्त करना गरीब तबके के लोगों के साथ छल व अन्याय (Mayuri Singh) है।

इस निर्णय को आड़े हाथों लेते हुए प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, आईटी सेल एवं सोशल मीडिया तथा पीसीसी राजनांदगांव-खैरागढ़ जिला महासचिव महिला कांग्रेस मयूरी सिंह ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी निंदा की है।

केंद्र सरकार के इस निर्णय को गरीब विरोधी करार देते हुए मयूरी सिंह ने आगे कहा है कि मोदी सरकार के गब्बर सिंह टैक्स से बचने के लिए मजबूर होकर गरीब परिवार को अब एकमुश्त 25 किलो से अधिक चावल, आटा, दाल, बेसन, दही या पनीर खरीदने होंगे, जबकि सबसे बड़ा सवाल (Mayuri Singh) यह है कि रोज कमाने खाने वाले देहाड़ी मजदूर एकमुश्त राशन खरीदने के लिए इतनी रकम की व्यवस्था आखिर कहां से करेंगे।

ऐसी ही समस्या उन युवाओं के सामने भी आएगी जो घर से बाहर यानी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते हैं। ऐसे में गरीब तथा युवाओं के पास पैसा नहीं रहेगा तो उन्हें कर्ज भी लेना पड़ सकता (Mayuri Singh) है। मोदी सरकार को गरीबों के राशन खरीदने के लिए भी बैंकों से कर्ज देने की व्यवस्था करनी चाहिए।

उनका कहना है भाजपा बताए कि 25 किलो से ऊपर की खाद्य सामग्री को 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे से बाहर करने से गरीबों को कैसे राहत मिलेगी, क्योंकि रोजी-मजदूरी करने वाले दिहाड़ी मजदूर रिक्शा चालक, ठेला चालक सुबह-शाम राशन खरीद कर अपने एवं परिवार का पेट भरते हैं।

गरीब एकमुश्त 25 किलो से ऊपर चावल, दाल, बेसन, दही, मिर्च-मसाला कैसे खरीदेंगे। बाजार में भी 100 ग्राम से लेकर 5 किलो तक के मिर्च-मसाला, आटा, चावल, बेसन, दही और अन्य खाद्य सामग्री के पैकेट ही मिलते हैं जिस पर मोदी सरकार ने 5 पर्सेंट जीएसटी लगाया है। खुले में मिर्च मसाला और आटा मिलना लगभग बंद हो चुका है। बड़ी-बड़ी कंपनियां और छोटे-छोटे दुकानदार भी पैकेट वाला समान ही सुविधा पूर्वक बेचते हैं।

मयूरी सिंह ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार हो रहा है कि देश में बैठी सरकार सुबह-शाम राशन खरीदने वाले से पांच पर्सेंट जीएसटी वसूल रही है अब तक गरीबों के राशन पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जाता रहा है।

मोदी सरकार की टैक्स प्रेम देश के 85 प्रतिशत घरों के ऊपर विपत्ति बनकर टूटा है। महंगाई से पीड़ित जनता के ऊपर कुठाराघात है और हमेशा की तरह ही भाजपा और उनके अनुवांशिक संगठन मोदी सरकार के गरीब विरोधी नीतियों को बेहतर बताने के लिए गुमराह कर रहे हैं।

भाजपा नेताओं को बताना चाहिए कि देश में ऐसे कितने गरीब है जो एकमुश्त 25 किलो से ऊपर आटा, 25 किलोग्राम से ऊपर बेसन, 25 किलोग्राम से ऊपर एकमुश्त चावल खरीदते है एवं एकमुश्त 25 लीटर से अधिक दही या पनीर खरीदते है। भाजपा के नेता यह भी बताएं क्या दूध और दही के 1 लीटर वाली पैकेट पर 5 पर्सेंट जीएसटी नहीं लगेगा?

उन्होंने आगे कहा है कि भाजपा के नेता देश के 85 प्रतिशत गरीब जनता को गुमराह करने के लिए खाद्य सामग्रियों पर लगाए गए 5 प्रतिशत जीएसटी के विषय पर धोखा और गुमराह करने वाली बयानबाजी कर रहे हैं जबकि सच्चाई यही है कि 25 किलो से ऊपर अनाज की खरीददारी गरीब जनता नहीं कर पाती है।

मोदी सरकार एक ओर गरीबों के राशन में 5 प्रतिशत जीएसटी वसूल रही है और दूसरी ओर खुद दावा करती है कि 80 करोड़ लोगों को 5 किलो चावल दे रही है तब वह भरपेट भोजन प्राप्त कर पा रहे हैं।

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