जेएनयू विद्यार्थियों के समर्थन में रायपुर के छात्रों ने भी भरी हुंकार

जेएनयू विद्यार्थियों के समर्थन में रायपुर के छात्रों ने भी भरी हुंकार

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एनएसयूआई के धरना प्रदर्शन में छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल

रायपुर/नवप्रदेश। सस्ती शिक्षा (education) के लिए जेएनयू (nju) के विद्यार्थियों द्वारा किए जा रहे संघर्ष (agitation)  को छत्तीसगढ़ में भी समर्थन िमला है। एनएसयूआई (nsui) की छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) इकाई के द्वारा जेएनयू िवद्यार्थियों के संघर्ष के समर्थन में गुरुवार को रायपुर में धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया गया।

कुसाभाऊ ठाकरे (केटीयू) विश्वविद्यालय परिसर में किए गए एनएसयूआई की छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) इकाई के धरना प्रदर्शन में 200 से 250 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। विरोध प्रदर्शन में केटीयू व इससे संबद्ध अन्य कॉलेजों के िवद्यार्थियों ने भी भाग िलया। इस दौरान विद्यार्थियों ने नारे लगाकर व गीत गाकर संघर्ष के समर्थन में अपनी आवाज को बुलंद किया। एनएसयूआई (nsui) के प्रदेश प्रवक्ता तुषार गुहा ने यह जानकारी दी।

केंद्र पर लगाए ये आरोप

समाज को आघात पहुंचा रही केंद्र की नीतियां

एनएसयूआई (nsui) की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुफ्त स्कूली शिक्षा और सस्ती उच्च शिक्षा किसी भी कल्याणकारी राज्य का आधार हैं। लिहाजा सस्ती शक्षा उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व होता है, विशेष कर तब जब गरीबी और सामाजिक असमानता व्याप्त हो। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अपनायी जा रही नीतियां समाज को गहरा आघात पहुंचा रही हैं।

गरीब विद्यार्थियों के भविष्य पर खतरा

जेएनयू में तमाम मदों के शुल्क वृद्धि कर केंद्र सरकार गरीब तबके के विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है। जेएनयू में छत्तीसगढ़ समेत देश के िवभिन्न राज्यों के विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं। इनमें वे गरीब छात्र भी शामिल हैं जो अपनी प्रतिभा के बल पर जेएनयू तक पहुंचे हैं। लेकिन अब शुल्क वृद्धि से ऐसे विद्यार्थियों के भविष्य पर असुरक्षा का खतरा मंडराने लगा है। इसके विरोध में संघर्ष (agitation) कर रहे छात्रोंं ने अदम्य साहस का परिचय दिया है और लोकतंत्र को मजबूत किया है।

शुल्क वृद्धि के खिलाफ ये तर्क भी दिए एनएसयूआई ने

  • एनएसयूआई ने कहा कि आज जब देश में आर्थिक मंदी के हालात हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई हैं, ऐसे में गुणवत्ता पूर्ण उच्च शिक्षा के अवसर ही गरीब एवं ग्रामीण युवाओं के लिए आशा के स्तंभ हैं। केंद्र सरकार की नीतियां यह आशा भी उनसे छीन लेगी तो पूरे देश में हताशा एवं अराजकता फैलने का डर है और इसमें सबसे बड़ा नुकसान युवाओं का होगा।
  • नई शिक्षा नीति के तहत यह खतरे और व्यापक रूप लेंगे। एनएसयूआई और केटीयू के विद्यार्थी भी सरकार की खौफनाक नीतियों के खतरे की आहट को पहचान रहे हैं। इसलिए हम सभी सस्ती शिक्षा सबका अधिकार आंदोलन के सहभागी बन रहे हैं। धरना प्रदर्शन में गुहा के अलावा पंकज शर्मा, प्रीति उपाध्याय, विनय शील, डॉ विक्रम सिंगल, राजेश अवस्थी,पीसी रात, समीर तथा िवद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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