Delhi Nagar Nigam : एमसीडी में पार्षदों के बीच दंगल

Delhi Nagar Nigam : एमसीडी में पार्षदों के बीच दंगल

Delhi Nagar Nigam: Riot between councilors in MCD

Delhi Nagar Nigam

Delhi Nagar Nigam : देश की राजधानी नई दिल्ली की नगर निगम दिल्ली में महापौर और उपमहापौर का चुनाव तो भारी विवाद के बावजूद जैसे-तैसे निपट गया और इन दोनों ही पदों पर आम आदमी पार्टी ने कब्जा कर लिया। लेकिन जब स्टेडिंग कमेटी सदस्यों के चुनाव की बारी आई तो आम आदमी पार्टी और भाजपा के पार्षदों ने सदन को अखाड़ा बना दिया। पार्षदों के बीच लगातार दो दिनों तक ऐसा दंगल हुआ कि सदन की गरिमा तार-तार हो गई।

भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षद आपस में ऐसे भिड़ गए मानों वे जानी दुश्मन हो। दोनों के बीच न सिर्फ जमकर मारपीट हुई बल्कि अशब्दों का भी उपयोग हुआ। महिला पार्षदों में भी मारपीट की नौबत आ गई। नतीजतन इस स्टेडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव एक बार फिर खटाई में पड़ गया। इस कमेटी के छह पदों के लिए हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों को ही तीन तीन सीटें मिली। यही विवाद की जड़ बनी क्योंकि एमसीडी में स्टेडिंग कमेटी ही ताकतवर होती है। उसी की अनुसंशा पर सारे कार्य होते है और एमसीडी के निर्णय लिए जाते है।

यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों ने स्टेडिंग कमेटियों में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया। किसी भी पद के लिए आपस में जोर अजमाइश होती ही है लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि लक्ष्मण रेखा लांग दी जाए और पार्षद जो सम्मानित जनप्रतिनिधि होते है वे आपस में गली के गुंडों की तरह एक दूसरे पर हमला करने लगे। नई दिल्ली की जनता भी इन पार्षदों की गुंडा गर्दी को देखकर शर्मिंदा हो गए है कि उन्होंने कैसे लोगों को अपने वार्ड का पार्षद चुनकर एमसीडी में भेज दिया है। जो अपनी हरर्कतों से लोकतंत्र का मजाक बना रहे हैं।

एमसीडी में हुई मारपीट की घटना के बाद मामला थाने और कोर्ट भी पहुंच गया है। आदमी पार्टी और भाजपा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं लेकिन हकिकत तो यह है कि ताली हमेशा दोनों हाथों से बजती है। एमसीडी में स्टेडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर जो भी अप्रिय स्थिति निर्मित हुई है उसकी जिम्मेदारी से दोनों ही पार्टी नहीं बच सकती। एमसीडी में नई बाडी के गठन का आगाज ही जब ऐसा हंगामे खेज रहा है तो आगे एमसीडी में क्या होगा इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।

अब यह मामला चूंकि हाईकोर्ट पहुंच चुका है तो उम्मीद की जानी चाहिए कि कोर्ट के दखल के बाद एमसीडी में स्थिति सामान्य होगी और आपास में लडऩे वाले ये पार्षद नई दिल्ली नगर निगम क्षेत्र के नागरिकों की सेवा का संकल्प लेकर अपने दायित्वों का निव्र्हण करेंगे। अन्यथा आगे चलकर एमसीडी में और भी ज्यादा विस्फोट स्थिति निर्मित हो सकती है। बेहतर होगा कि एमसीडी के पार्षद नगर निगम दिल्ली को अपनी इन ओछी हरकतों से मारपीट कारर्पोरेशन दिल्ली के रूप में तब्दील करने से बाज आए अन्यथा इसके दूष्परिणाम उनकी पार्टियों को भूगतना पड़ेगा।

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