Editorial : तालिबान की नजर पाकिस्तान पर

Editorial : तालिबान की नजर पाकिस्तान पर

Editorial : Taliban eyes Pakistan

Editorial

Editorial : अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने वाले तालिबान की नजर अब पाकिस्तान पर गड़ गई है। पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान का सीमा विवाद जारी है। जब से अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत कायम हुई है तभी से तालिबान पाकिस्तान के हिस्से में घुसपैठ कर एक प्रांत में अपना कब्जा जमा चुका है। आर्थिक रूप से बदहाल हो चुके पाकिस्तान की हालत इस कदर पतली हो गई है कि वह तालिबान का मुकाबला नहीं कर पा रहा है।

दरअसल पाकिस्तान ने ही तालिबान को पाला पोस था और अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता कामय करने के लिए पाकिस्तान ने उसकी हर संभव मदद की थी। अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने के बाद अब तलिबान शेर बन चुका है और पाकिस्तान को ही आंख दिखाने लगा है। अब तो तालिबान की नजर पाकिस्तान के परमाणु बमों पर लग गई है और वह परमाणु हथियारों को हथियाने की फिराक में लग गया है। पाकिस्तानी हुक्मरान भी इस खतरे को भांप चुके है इसलिए अब वे अपने परमाणु बमों को बेचने की योजना बना रहेे है। परमाणु बम बेचकर वे अपनी आवाम के लिए दो वक्त की रोटी जुटाने में कुछ हद तक सफल हो जाएंगे और परमाणु बमों पर तालिबान के कब्जे का खतरा भी खत्म हो जाएगा।

अपने परमाणु बमों को बेचने की बात कर पाकिस्तान दुनिया पर दबाव भी बना रहा है कि वे उसे आर्थिक मदद दें वरना उसके परमाणु बम गलत हाथों में भी जा सकते है। अमेरिका ने इस खतरे को देखते हुए पाकिस्तान के परमाणु बमों की निगरानी भी शुरू कर दी है। दरअसल पाकिस्तान को न तो आईएमएफ से कर्ज मिल रहा है और न ही उसके कथित मित्र देश आथिक मदद देने को तैयार है। ऐसी स्थिति में यदि वह अपने परमाणु बमों को बेच देता है तो कोई ताज्जुब नहीं होगा लेकिन इसमें भी दिक्कत यह है कि पाकिस्तान के परमाणु बमों की क्षमता पर किसी को यकीन नहीं है।

आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर वहां के एक परमाणु वैज्ञानिक ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. इसके साथ ही चीन का भी नाम लिया है. बता दें कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री अयूब खान भारत के परमाणु कार्यक्रम से बेहद चिंतित थे और भारत को टक्कर देने के लिए अपना परमाणु कार्यक्रम शुरू किया. साल 1965 में अयूब खान ने कहा था, ‘अगर भारत बम बनाता है तो हम घास या पत्ते खा लेंगे, भूखे भी सो लेंगे, लेकिन हम अपना बम जरूर बनाएंगे. इसके अलावा हमारे पास कोई रास्ता नहीं है.’

पाकिस्तान को साल 1998 में पहला परमाणु बम बनाने में सफलता मिली, जिसका नेतृत्व डॉ अब्दुल कादिर खान ने किया था. रिपोर्ट के अनुसार, आज पाकिस्तान के बाद करीब 165 परमाणु बम हैं. पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उनके ही एक वैज्ञानिक ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। परमाणु वैज्ञानिक और प्रोफेसर परवेज हुदाबोय ने दावा किया है कि पाकिस्तान को परमाणु बम का डिजाइन चीन से मिला था। उन्होंने बताया, इस बात का खुलासा तब हुआ, जब अमेरिका ने पाकिस्तान के एक जहाज को पकड़ा था, जिस पर बम के डिजाइन मौजूद थे।

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