शराब बंदी की ओर बढ़ रही सरकार, पहले होगी पीने वालों की गणना

शराब बंदी की ओर बढ़ रही सरकार, पहले होगी पीने वालों की गणना

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  • प्रशासकीय समिति के सुझाव पर अधिकारियों का सकारात्मक रुख
  • गुजरात, बिहार जैसे शराब बंदी वाले राज्यों की स्थिति का भी होगा अध्ययन, राज्य से जल्द जाएगी टीम

नवप्रदेश/रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार (chhattisgarh government) शराब बंदी (liquor ban) की ओर धीरे-धीरे ही सही लेकिन कदम आगे बढ़ा रही है। जल्द ही प्रदेश में शराब पीने वाले (liquor addicts ) लोगों की गणना (counting) कराई जा सकती है। दरअसल प्रशासकीय समिति की बैठक में यह सुझाव (suggestion) दिया गया है कि पहले यह पता लगाया जाना चाहिए कि राज्य में कितने लोग शराब (liquor) पीते हैं। इसलिए हर जिले में ऐसे लोगों की गिनती (counting) कराई जाए।

इस पर आबकारी विभाग के शीर्ष अधिकारियों का रुख सकारात्मक रहा है। समित की सदस्य पद्मश्री शमशाद बेगम ने नवप्रदेश को बताया कि आबकारी विभाग के आयुक्त निरंजन दास ने कहा कि सर्वे करा लिया जाएगा। हालांकि दास ने नवप्रदेश को बताया कि इस सुझाव (suggestion) पर आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से शराब बंदी के संभावित प्रभावों के अध्ययन को लेकर तीन समितियां बनाई जानी थीं। इनमें से दो- राजनीतिक व प्रशासकीय समिति का गठन हो चुका है।

शमशाद बेगम ने आगे बताया, ‘प्रशासकीय समिति की ओर से यह सुझाव भी दिया गया है कि शराब बंदी (liquor ban) की पहल करने से पहले गुजरात, बिजार जैसे राज्यों का अध्ययन किया जाए, जहां शराब बंदी लागू की गई है। इन राज्यों में जाकर जानना होगा कि वहां शराब बंदी किस हद तक सफल हुई है, और लोगों पर इसका क्या प्रभाव हुआ है। इस सुझाव पर भी दास साहब ने कहा है कि समितियों के सदस्यों को जल्द ही इन राज्यों में अध्ययन के लिए भेजा जाएगा।’ राजनीतिक समिति के सदस्य व विधायक कुंवर सिंह निषाद ने भी इसकी पुष्टि की है।

जिस जिले में ज्यादा संख्या, वहां पहले शुरुआत की संभावना

यह पूछे जाने पर कि शराब पीने वाले लोगों (liquor addicts) का आंकड़ा जुटाने से क्या होगा, शमशाद बेगम ने कहा कि इससे शासन को रणनीति तय करने में मदद मिलेगी। हो सकता है कि जिस जिले में ज्यादा शराब के आदी लोग हो, वहां शराब बंदी लागू कर इसके परिणामों का अध्ययन किया जाए। और यदि यह उस जिले में सफल हुई तो फिर इसे दूसरे जिले में भी बढ़ाया जाए। राजनीतिक समिति के सदस्य व विधायक कुंवर सिंह निषाद ने भी यही संभावना व्यक्त की है।

मांग- सभी समितियों की एकसाथ हो बैठक

पद्मश्री शमशाद बेगम और विधायक कुंवर निषाद ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब बंदी के संभावित परिणामों के अध्ययन के लिए बनी राजनीतिक व प्रशासकीय समिति की बैठक अलग-अलग नहीं होनी चाहिए। बेहतर होगा कि दोनों समितियों के सदस्य एक साथ बैठकर अपने मत रखें।

राज्य में बंद हो चुकीं 50 शराब दुकानें

बकौल शमशाद बेगम, दास साहब ने बैठक में बताया है कि राज्य में सामाजिक व महिला संगठनों के दबाव के चलते राज्य में  50 शराब दुकानें बंद हो चुकी हैं। वहीं प्रशासकीय समिति की ओर से सुझाव दिया गया है कि छत्तीसगढ़ में अब कोई नई शराब दुकान नहीं खुलनी चाहिए

इनका कहना है

प्रदेश में शराब पीने वाले लोगों की गणना करने का सुझाव प्रशासकीय समिति की ओर से आया है। इसको लेकर आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

-निरंजन दास, आयुक्त, आबकारी विभाग, छत्तीसगढ़ (नवप्रदेश से चर्चा में कहा)

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