छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं ने दिया केंद्रीय वित्त मंत्री को बजट पूर्व सुझाव, प्रदेश में आर्मी बेस श्रमिकों के लिए मांगा अस्पताल….

छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं ने दिया केंद्रीय वित्त मंत्री को बजट पूर्व सुझाव, प्रदेश में आर्मी बेस श्रमिकों के लिए मांगा अस्पताल….

BJP leaders of Chhattisgarh gave pre-budget suggestions to the Union Finance Minister, sought hospital for army base workers in the state.

Central Budget 2022-23

रायपुर/नवप्रदेश। Central Budget 2022-23 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के नेतृत्व में रविवार को वर्चुअल बैठक हुई। बैठक में देश के हर राज्य के भाजपा के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक में छत्तीसगढ़ से भी भाजपा नेता मौजूद रहे।

दरअसल ये बैठक देश के आगामी Central Budget 2022-23 को लेकर थी, जिसमे भाजपा के प्रतिनिधियों ने अपने अपने सुझाव केंद्रीय वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष रखी। छत्तीसगढ़ से जुड़े भाजपा नेताओं में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल,विधायक सौरभ सिंह व सीए अमित चिमनानी जुड़े। वहीं बैठक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन के अलावा भाजपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजंत पांडा व आर्थिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल शामिल रहे।

वरिष्ठ नेताओं ने रायपुर को इंटरनेशनल कंनेक्टिविटी देने, बिलासपुर एयरपोर्ट की मांग, रायपुर में एयर कार्गो हब, राज्य में आर्मी बेस, रेल लाइन का विस्तार सहित अन्य बातों को वित्त मंत्री के सामने रखा।

बैठक के बाद अमित चिमनानी ने संयुक्त बयान में बताया कि आगामी बजट मे छतीसगढ़ राज्य के लोगों के लिए भी प्रावधान हो इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से विस्तार में चर्चा हुई. जिसमें रूप से रायपुर को इंटरनेशनल कंनेक्टिविटी देने, बिलासपुर एयरपोर्ट की मांग, रायपुर में एयर कार्गो हब, राज्य में आर्मी बेस, रेल लाइन का विस्तार के साथ समय सीमा में नए ओवर ब्रिज का निर्माण, दूरस्थ इलाकों में पोस्ट ऑफिस व एटीएम सेंटर्स, दूरस्थ इलाकों में बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार, राज्य के लिए मेडिकल कॉलेज, भारत माला एक्सप्रेस हाइवे का विस्तार, श्रमिकों के लिए नया ईएसआईसी अस्पताल, फसल बीमा योजना में कीटो से हुए नुकसान को जोड़ना, केंद्रीय जनजाति विश्वविद्यालय का कैंपस व अन्य कई सुझाव दिए गए।

भाजपा नेताओं ने अपने सुझाव (Central Budget 2022-23)में कई टैक्स प्रपोजल रखने के साथ राज्यों के लिए ऋण लेने के बाद उस राशि के उपयोग के लिए नियम जोड़ने की बात कही। जिससे राज्य ऋण की राशि का उपयोग केवल करंट एक्सपेंडिचर न होकर कैपिटल एक्सपेंडिचर में भी अनिवार्य रूप से हो। साथ ही राज्य की आय में बढ़ोतरी के साथ राज्य में निवेश व रोजगार की संभावनाएं बढ़े और राज्यों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो. प्रदेश के चेम्बर ऑफ कॉमर्स, प्रोफेशनल्स व बुद्धिजीवियों से लिये गए सुझावों को भी मेल के माध्यम से वित्त मंत्री के पास भेजा गया है।

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