पूरा शहर पेयजल संकट से जूझ रहा सभी जगहों के बोर फेल, जल स्तर घटा, निगम पानी सप्लाई करने में नाकाम

पूरा शहर पेयजल संकट से जूझ रहा सभी जगहों के बोर फेल, जल स्तर घटा, निगम पानी सप्लाई करने में नाकाम

अरपा नदी भी सूखी, लोगों ने जनप्रतिनिधियों से उम्मीद की आस छोड़ी
नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। सबसे शांत और पूरे प्रदेश में भरपूर पानी के लिए जाना जोन वाला संस्कारधानी बिलासपुर भी अब पानी के घोर संकट से गुजर रहा है। नगर निगम की पेयजल आपूर्ति भी ठप पड़ गई है। जल स्तर इतना नीचे जा चुका है कि शहर के लगभग सारे बोर सूख चुके हैं। वार्डों में सुबह-शाम पानी के लिए हाहाकार मचा रहता है। शहर की जीवनदायिनी अरपा नदी भी पूरी तरह सूख गई है।
अरपा नदी को टेम्स नदी की तरह बनाने का सब्जबाग दिखाने वाले पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल चुनाव हार चुके हैं। पहले उनका दावा था कि शहर में आने वाले 50 वर्षों में पानी की किल्लत न रहे इसलिए शहर के कई हिस्सों में पानी टंकी का निर्माण कराया गया है। साथ ही अमृत मिशन योजना के तहत खारंग जलाशय से शहर में पानी लाया जाएगा। मंत्री अमर अग्रवाल का यह दावा वादे में तब्दील हो गया। शहर के लोग इस वर्ष पहली बार भीषण पेयजल संकट से जूझ रहे हंै। अधिकांश पंप हाउस के बोर ने भी जवाब दे दिया है। शहर में कई नए बोर कराए जा रहे हैं। यह वो दिन होगा जब लोगों के घरों में नल से पानी पहुंचना पूरी तरह बंद हो जाएगा। यह बात कोई कपोल कल्पना नहीं है।

पिछले साल की तुलना में इस साल पानी के लिए जिस तरह पूरे शहर में हाहाकार मचा है उससे यह दु:स्वप्न जल्द ही सच साबित हो सकता है। बिलासपुर शहर पूरी तरह भूगर्भ जल पर निर्भर है। पहले से कोई व्यवस्था ना करने की वजह से यहां की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। एक तरफ भूगर्भ जल रिचार्ज नहीं हो रहा तो वही रेल नीर के साथ कई वाटर प्लांट बिलासपुर में मौजूद है जो बेहद गहराई से रोजाना बड़ी मात्रा में पानी खींच कर व्यावसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं। आम लोग इस वजह से अपने घरों में साधारण बोर से पानी प्राप्त नहीं कर पा रहे। अधिकांश वार्डों में नए बन रहे फ्लैट भी अधिक गहराई के बोरवेल से पानी खींच ले रहे हैं और लोगों के घरों में लगे बोर फेल हो रहे हैं। यहां तक कि निगम के भी अधिकांश बोर फेल हो चुके हैं। पहली मर्तबा ऐसा हुआ कि अरपा नदी के तट पर बसे वार्डों में भी बोर सूख चुके हैं। नदी किनारे बसे कुदुदण्ड, तिलकनगर, चाटापारा, सरकंडा, जबड़ापारा, पुराना सरकंडा के निवासियों ने पहली बार पानी की समस्या देखी है। नदी किनारे के मकानों में बोर का सूखना और जल स्तर नीचे जाने का उपक्रम पिछले दो साल से शुरु हो गया है। कुदुदंड क्षेत्र में भी इसीलिए पानी टंकी बनाया गया था क्योंकि यहां कभी पानी की कमी नहीं होती थी, लेकिन इस बार एक-एक कर सारे बोर फेल होने लगे हैं। ऐसा कोई दिन नहीं है जब अलग-अलग क्षेत्रों से लोग नगर निगम पहुंचकर पानी की मांग नहीं कर रहे। जिन घरों में अपना निजी बोर हुआ करता था उन घरों से भी इस बार नगर निगम के नल के कनेक्शन मांगे जा रहे हैं, लेकिन नगर निगम भी सामान्य से आधे पानी की ही सप्लाई कर पा रहा है। बात चाहे सरजू बगीचा की हो चाटापारा, कुदुदंड, मगरपारा, तालापारा, चांटीडीह, इरानी मोहल्ला, जोरा पारा, टिकरापारा समेत हर तरफ बोर फेल हो चुके हैं। जहाँ नगर निगम को टैंकर भेजकर पानी की सप्लाई करनी पड़ रही है। एक तरफ तो इस गर्मी के मौसम में पानी की जरूरत बढ़ गई है। वहीं इस मौसम में ही पानी ना मिलने से लोगों की समस्या दुगनी हो चुकी है। पीने तक को पानी नहीं मिल रहा, फिर नहाने, धोने और कूलर में पानी डालने की क्या कहें। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद बुधवार को निगम के जल विभाग की कार्यवाही का जायजा लेने महापौर किशोर राय निगम के पंप हाउस पहुंचे। यहां उन्होंने खुद अपनी निगरानी में अलग-अलग वार्डो में टैंकर भेजा। वहीं कर्मचारियों और अधिकारियों से हालात की जानकारी ली। पंप हाउस में रोजाना खराब सबमर्सिबल पंप पहुंच रहे हैं। वही पुराने सूख चुके बोर को अधिक गहरा करने की मांग भी आ रही है। अब तक यह माना जाता था कि रेलवे क्षेत्र में कभी पानी की कमी नहीं होती, लेकिन इस बार खुद को नगर निगम से हमेशा अलग मानने वाले रेलवे ने भी नगर निगम से पानी की मांग की है। खुद डीआरएम ने इस मुद्दे पर महापौर से बात की और रेलवे क्षेत्र के लिए पानी की व्यवस्था करने को कहा। स्पष्ट है कि इस बार प्रकृति ने अंतिम चेतावनी दी है। अगर इस साल भी कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई तो आने वाले सालों में बिलासपुर में कितनी भी तरक्की की जाए सब बेअसर साबित होगी। पानी के बगैर ना विकास का कोई अर्थ होगा ना ही स्मार्ट सिटी के कोई मायने रह जाएंगे। नगर निगम का है दावा है कि अगले वर्ष तक मिशन अमृत योजना के तहत अहिरण नदी का पानी खुटाघाट बांध के जरिए बिलासपुर तक लाया जाएगा और पानी की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी, लेकिन यह योजना भी हवा हवाई नजर आ रही है। जानकार मानते हैं कि खूंटाघाट बांध में इतना पानी नहीं होता, जिससे बिलासपुर जैसे बड़े शहर की जरूरत वर्ष भर पूरी हो सके। योजना के तहत नगर निगम को करना होगा कि सामान्य दिनों में भूगर्भ जल की सप्लाई करें और पानी को गर्मी के मौसम के लिए संचित रखे। साथ ही पूरी सख्ती से वाटर हार्वेस्टिंग व्यवस्था को लागू किया जाए। बड़ी संख्या में पेड़ लगाएं। व्यवस्था ऐसी हो कि वर्ष भर अरपा नदी में पानी रहे। नालियों का नहीं बल्कि नदी का पानी सुरक्षित रहें।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *