विराट अपहरण कांड का मुख्य आरोपी बिहार में पकड़ाया

विराट अपहरण कांड का मुख्य आरोपी बिहार में पकड़ाया

नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। शहर के चर्चित विराट अपहरण कांड के मुख्य आरोपी राजकिशोर 20 दिनों तक इधर-उधर भागते रहने के बाद बिहार में पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। बिलासपुर पुलिस की विशेष टीम ने आरोपी को बिहार के मीरगंज से गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से अपहरण में प्रयुक्त मोबाइल और सिम कार्ड पुलिस ने बरामद किया है।
20 अप्रैल की रात्रि करीब सवा आठ बजे भाजपा कार्यालय के सामने गली करबला से विवेक शराफ के सात वर्षीय पुत्र विराट शराफ का अज्ञात आरोपियों द्वारा एक सफेद रंग की बिना नंबर वैगरआर कार में जबरन भरकर अपहरण कर लिए थे। विवेक शराफ की रिपोर्ट पर थाना सिटी कोतवाली में अपहरण का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। मासूम बच्चे की अपहरण की घटना होने की घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी द्वारा छत्तीसगढ़ स्तर पर विवेचना हेतु टीम गठित कर आरोपियों की शीघ्र पतासाजी कर बालक की सकुशल वापसी हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर स्वयं लगातार मामले की समीक्षा करते रहे।
पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज प्रदीप गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा द्वारा घटना की सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण कर तथा अपहृत बालक के परिजन एवं आसपास के गवाहों से पूछताछ कर तथा सीसी टीवी फुटेज का बारीकी से अवलोकन कर मौके पर उपस्थित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर ओपी शर्मा एवं नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली विश्वदीपक त्रिपाठी के नेतृत्व में अलग-अलग टीम तैयार कर अज्ञात आरोपियों की पतासाजी तथा अपहृत बालक की बरामदगी में लगाए हुए थे तथा शहर से बाहर निकलने वाले सभी मार्गों पर सघन नाकाबंदी कराकर आरोपियों की पतासाजी में लगातार लगे हुए थे। आरोपी द्वारा फिरौती की मांग करने के लिए प्रयुक्त किए गए मोबाइल सेट एवं सिम के संबंध में जानकारी हासिल करने पर ज्ञात हुआ कि घटना में प्रयुक्त सिम कार्ड को आरोपियों द्वारा तिफरा के एक गुपचुप ठेला वाले से चोरी किए थे तथा मोबाइल फोन बिना पहचान बताए चकरभाठा से पुराना हेण्ड सेट खरीद लिए थे, जिससे पुलिस को जानकारी हो गई कि आरोपी काफी चालाक तथा सुनियोजित ढंग से कार्य कर रहा है। इस कारण पुलिस महानिदेशक द्वारा अलग-अलग आवश्यक टीम गठित कर आरोपियों की पतासाजी में लगाए थे। तकनीकी जानकारी एवं प्रार्थी व गवाहों से बारीकी से पूछताछ पर यह बात सामने आई कि प्रार्थी के कोई न कोई करीबी व्यक्ति है जो घटना के पूर्व एवं बाद भी लगातार आरोपियों को प्रार्थी के घर की गोपनीय जानकारी दे रहा है, इस बात की जानकारी होने पर पुलिस टीम द्वारा सूचना तंत्र सक्रिय करते हुए जानकारी एकत्र करने लगे इसी दौरान पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि तिफरा निवासी अनिल सिंह का प्रार्थी के करीबी रिश्तेदार महिला नीता सिंह से मिलना जुलना है तथा दोनों की गतिविधियां घटना दिनांक के बाद से संदिग्ध होना प्रतीत हुआ जिससे पुलिस द्वारा अनिल सिंह निवासी तिफरा को संदेही मानकर उसके उपर गोपनीय रुप से नजर रख कर जानकारी हासिल करने पर ज्ञात हुआ कि अनिल सिंह की जान पहचान राज किशोर सिंह निवासी अरना बिहार हाल मुकाम पन्ना नगर जरहाभाठा से हैं। राजकिशोर पूर्व में एक युवक का अपहरण कर फिरौती मांगने के मामले में जेल भी जा चुका है। इस सूचना पर पुलिस द्वारा बिना देर किए तत्काल मुश्तैदी से घेराबंदी कर राजकिशोर की तलाश करते उसके पन्नानगर स्थित घर में दबिश दिए तो वहां एक आरोपी हरेकृष्ण एवं सतीश शर्मा के द्वारा अपहृत बच्चे को घर में बंद कर रखे मिले दोनों आरोपियों के कब्जे से बालक को सकुशल बरामद कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तथा आरोपी अनिल सिंह को उसके घर से गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया एक आरोपी नीता शराफ को भी गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। प्रकरण का मुख्य आरोपी जो इस पूरे मामले का मास्टर माईंड भी है तथा पूर्व में थाना रतनपुर क्षेत्र में एक युवक की अपहरण कर फिरौती मांगने के प्रकरण में जेल भी गया था तथा न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण में उसे सजा भी हो गई जो वर्तमान में जमानत पर है वह अपने अन्य साथियों के साथ बालक विराट का अपहरण करने की योजना बना कर घटना दिनांक को बच्चे का अपहरण कर अपने मकान में परिरुद्ध कर बाहर से ताला बंद कर अपने डस्टर कार में चोरी किए हुए मोबाइल सिम तथा अपराध करने के उद्देश्य से पूर्व से सेकेंड हैंड खरीदे हुए मोबाइल फोन सेट को लेकर फिरौती की मांग करने के लिए घटना के दूसरे दिन अपनी डस्टर कार में सवार होकर अम्बिकापुर बलरामपुर होते हुए औरंगाबाद बिहार चला गया था तथा लगातार छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश तथा बिहार प्रांत के अलग-अलग स्थानों से प्रार्थी को फोन कर फिरौती की मांग कर रहा था, जो 26 अप्रैल को अपने अन्य साथियों के पकड़े जाने तथा बालक के मिल जाने की खबर सुनकर अपने पास रखे मोबाइल को बंद कर फरार हो गया था। पुलिस अधिकारियों द्वारा फरार आरोपी राजकिशोर सिंह की लगातार तलाश की जा रही थी इस दौरान राजकिशोर सिंह की तलाश हेतु छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न स्थानों के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली टीम भेज कर आरोपी के छिपने के सभी संभावित स्थानों पर छापा मारा गया था किंतु आरोपी को पकडऩे में सफलता प्राप्त नहीं हो रही थी।
पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर ओपी शर्मा एवं नगर पुलिस अधीक्षक सिटी कोतवाली के नेतृत्व में साईबर सेल बिलासपुर की टीम को तकनीकी आधार पर फरार आरोपी के संबंध में जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिए। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए टीम द्वारा जानकारी एकत्र की गई तो जानकारी प्राप्त हुई कि फरार आरोपी राजकिशोर मीरगंज बिहार में छिपा हुआ है।
तत्काल पुलिस अधीक्षक द्वारा टीम तैयार कर मीरगंज बिहार रवाना किया गया जहां संभावित स्थान पर छापामार कर आरोपी राजकिशोर सिंह को पकड़ा गया। पूछताछ करने पर अपराध करना स्वीकार किया है उसके कब्जे से मोबाइल फोन सिमकार्ड जब्त किया गया है। आरोपी को पुलिस रिमांड में लेकर पूछताछ की जाएगी।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *