झोला छाप डाक्टर कर रहे अवैध नर्सिंग होम का संचालन, स्वास्थ्य विभाग से मान्यता नहीं, नोडल अधिकारियों पर लीपापोती की शिकायत

झोला छाप डाक्टर कर रहे अवैध नर्सिंग होम का संचालन, स्वास्थ्य विभाग से मान्यता नहीं, नोडल अधिकारियों पर लीपापोती की शिकायत

नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। जिले में नर्सिंग होम एक्ट की औपचारिक कार्रवाई कर स्वास्थ्य विभाग नोडल अधिकारी लीपा पोती कर रहे हैं।
जिले में काफी संख्या में निजी नर्सिंग होम, क्लिनिक संचालित हो रहे हैं जिसे चलाने पैरा मेडिकल तथा छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिलिंग ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त होना अनिवार्य है। बिलापसुर जिले में कई ऐसे निजी नर्सिंग होम संचालित हो रहे है जिनके पंजीयन की अवधि समाप्त हो चुकी है। वही ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर के पास रहकर दवा इंजेक्शन लगाने का कार्य करने वाले सहायक डॉक्टर को बोर्ड लगा अपनी दुकानदारी चलाने में लगे हुए हैं, जिनके द्वारा दी गई दवाइयां कारगर साबित हुई तो ठीक अन्यथा मरीज की जान पर बन आती है। यह झोला छाप डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारियों की दया दृष्टि से क्लीनिक चला रहे हैं। ज्ञात हो कि मस्तूरी ब्लाक में ऐसे ही एक डॉक्टर के कारनामे की वजह से युवती की जान चली गई। इस घटना को संज्ञान में लेते हुए स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को नर्सिंग होम एक्ट के तहत जिलों में संचालित क्लीनिक, नर्सिंग होम कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद नर्सिंग होम एक्ट नोडल अधिकारी इस आदेश को गम्भीरता से नहीं ले रहे है जो पिछले तीन दिनों में केवल गतौरा, चांटीडीह सहित तीन ब्लाक में जांच की इस दौरान चार लोगों पर कार्रवाई की गई, लेकिन यह चारो कौन हैं क्लीनिक संचालक है या नर्सिंग होम चलाने वाले नोडल अधिकारी बताना मुनासिब नही समझ रहे हैं या फिर कार्रवाई के आड़ में अपनी कमीशनखोरी की जाल बुन रहे हैं।
नर्सिंग होम एक्ट नियम के तहत निजी नर्सिंग होम में चिकित्सा, स्वास्थ्य सेवा में कुशल, अकुशल स्टाफ नर्सिंग स्टाफ का रजिस्ट्रेशन छत्तीसगढ़ नर्सिंग कौंसिल में पैरा मेडिकल स्टाफ, आर्थो, लैब टेक्नीशियन का रजिस्ट्रेशन, अस्पताल में दवा वितरण के लिए फार्मासिस्ट की नियुक्ति, अकुशल कर्मचारी को 6 माह का प्रशिक्षण, राज्य कौशल विकास मिशन के अधीन जारी प्रमाण पत्र की स्थिति, कार्यरत डॉक्टर व सेटअप, बायोमेडिकल वेस्ट निष्पादन।
नर्सिंग अनुभव होना जरुरी
क्लीनिक संचालित करने के लिए जगह वर्गफुट निर्धारित है जहाँ इलाज कराने आये हुए मरीजों के बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था प्रसाधन कक्ष, अगर क्लीनिक में कर्मचारी है तो नर्सिंग अनुभव होना जरूरी है ।
होगी कार्रवाई
प्रदेश में नर्सिंग होम एक्ट लागू होने के साथ साथ शासन ने निजी नर्सिंग होम में तथा क्लीनिक में उपचार में लापरवाही दिखाने या किसी अस्पताल में नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं हो रहा है।
जिला स्तर पर शिकायत के बाद भी लापरवाह संस्थान संचालकों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है तो 104 हेल्पलाइन नंबर जारी भी कर रखा है जिसपर टेलीफोन या मोबाइल से डायल कर सीधे शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जिसके बाद शिकायत जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग को छानबीन के लिए भेजी जाएगी। साथ ही प्रदेश स्तर पर सतत मानिटरिंग भी की जाएगी। शिकायत सही पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई किया जाएगा ।
चार डाक्टरों पर कार्रवाई
निजी नर्सिंग होम में व्यवस्थाएं ठीक है, गतौरा, चांटीडीह तीन क्षेत्रों में जांच की गई। इस दौरान चार डॉक्टरों पर कार्रवाई हुई है।
नर्सिंग होम एक्ट नियम काफी ज्यादा है अभी इसकी जानकारी नहीं दे सकता। आफिस आने पर दूंगा।
डॉ. बृजकिशोर वैष्णव , नोडल अधिकारी नर्सिंग होम एक्ट

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