Yog सरल, सस्ता और सुलभ माध्यम है, जिसे अपनाकर हम वर्तमान और भविष्य के खतरों से खुद को बचा सकते हैं: भूपेश बघेल

Yog सरल, सस्ता और सुलभ माध्यम है, जिसे अपनाकर हम वर्तमान और भविष्य के खतरों से खुद को बचा सकते हैं: भूपेश बघेल

Yog is a simple, inexpensive and accessible medium, by which we can protect ourselves from the dangers of the present and the future, Bhupesh Baghel,

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Yog: मुख्यमंत्री ने जनसामान्य में कोविड-19 के प्रभावों को कम करने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेशव्यापी वर्चुअल योगाभ्यास एवं योग परामर्श कार्यक्रम का किया शुभारंभ

  • वर्चुअल योगाभ्यास कार्यक्रम के माध्यम से योग की शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा
  • योग की नि:शुल्क वर्चुअल कक्षाएं आगामी एक वर्ष तक अनावरत चलती रहेंगी
  • इच्छुक व्यक्ति योग कक्षाओं से लाइव जुड़कर इनका लाभ उठा सकेंगे

रायपुर। Yog: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि योग एक सरल, सस्ता और सुलभ माध्यम है, जिसे अपनाकर हम वर्तमान और भविष्य के खतरों से खुद को बचा सकते हैं। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस के अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेशव्यापी वर्चुअल योगाभ्यास एवं योग परामर्श कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए उपरोक्त बातें कही।

यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ योग आयोग (yog) द्वारा कोविड-19 की चिकित्सा से स्वस्थ हुए व्यक्तियों, होम आइसोलेशन एवं क्वारेंटाइन में रह रहे व्यक्तियों, उनके परिवार के सदस्यों, वैक्सीन का प्रथम डोज ले चुके व्यक्तियों एवं वरिष्ठ नागरिकों सहित जन सामान्य में कोविड-19 के प्रभावों को कम करने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है। योग की नि:शुल्क वर्चुअल कक्षाएं 31 मई से आगामी एक वर्ष तक चलेंगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस है। इस दिवस को मनाने के मूल में सभी के स्वास्थ्य की चिंता ही है। इसके साथ ही साथ अब कोरोना-वायरस के कारण हो रहे नुकसान की भी चिंता शामिल हो गई है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने हम सभी के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाया है।

जो लोग संक्रमण से बच गए हैं, उन्हें भी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी लहर पर नियंत्रण पाया जा चुका है, लेकिन तीसरी लहर की आशंका भी सामने है। उस तीसरी लहर का सामना करने के लिए भी हमें शारीरिक और मानसिक रूप में तैयार रहना होगा। कोरोना की दूसरी लहर के समय हम सबने देखा कि जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर रही, उनके प्राण संकट में पड़ गए थे।

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