Upcoming Lok Sabha Elections : क्या नीतिश को मिलेगी यूपीए की कमान?

Upcoming Lok Sabha Elections : क्या नीतिश को मिलेगी यूपीए की कमान?

Upcoming Lok Sabha Elections: Will Nitish get the command of UPA?

Upcoming Lok Sabha Elections

Upcoming Lok Sabha Elections : बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू सुप्रीमों नीतिश कुमार ने तेजस्वी यादव को साथ लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के निवास पर एक बैठक की जिसमें राहुल गांधी भी उपस्थित थे। इस बैठक में विपक्षी एकता की नए सिरे से कवायद की रूपरेखा तय की गई। इसी के साथ अब यह कयास लगाए जा रहे है कि नीतिश कुमार को यूपीए का संयोजक बनाया जा सकता है। फिलहाल सोनिया गांधी यूपीए की संयोजक है। उनका स्वास्थ्य अब साथ नहीं दे रहा है इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव के पहले यूपीए के संयोजक पद पर नई नियुक्ति की अटकलें पहले से लगाई जा रही है।

इस बीच नीतिश कुमार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर के विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए अपने प्रयास तेज कर के इन अटकलों को और हवा दे दी है कि नीतिश कुमार ही यूपीए के नए अध्यक्ष बन सकते है और वे न सिर्फ यूपीए को मजबूती दे सकते है बल्कि ऐसे गैर भाजपा दलों को भी एकजूट कर सकते है जो इन दिनों तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश में लगे हुए है। नीतिश कुमार इसके पहले भी सितंबर २०२२ में दिल्ली का दौरा कर चुके है उस दौरान उन्होने वामपंथी नेताओं सीताराम येजूरी, डी राजा, आम आदमी पार्टी के संयोजक और नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जेडीएस नेता कुमार स्वामी, केसीआर और सुप्रिया सुले सहित कई विपक्षी नेताओं से लंबी चर्चा की थी और विपक्षी दलों को एक ही छतरी के नीचे लाने की कोशिश की थी लेकिन इसका कोई कारआमद नतीजा सामने नहीं आया और नीतिश कुमार बिहार की राजनीति में ही सिमट कर रह गए।

यूपी में निकाय चुनाव का ऐलान हो गया है। अगले महीने 4 और 11 मई को दो चरण में वोटिंग होगी। 13 मई को रिजल्ट आएंगे। निकाय चुनाव के अनाउंस से पहले ही गोरखपुर में रविवार को सीएम योगी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, अब डबल नहीं, ट्रिपल इंजन की सरकार बनानी होगी। चुनाव अनाउंस के बाद अखिलेश यादव ने सोमवार को अपना कन्नौज दौरा रद्द कर दिया। वह लखनऊ में ही रहेंगे। अखिलेश-शिवपाल के एक होने के बाद उनकी रणनीति में यह पहला चुनाव है। 2017 के निकाय चुनाव में 16 में से 14 सीटों पर भाजपा मेयर चुने गए थे।

भाजपा इस बार भी अपने इस ट्रैक रिकॉर्ड को कायम रखना चाहती है। इसलिए, 9 केंद्रीय मंत्रियों और 30 से ज्यादा कैबिनेट और राज्य मंत्रियों को निकाय चुनाव का जिम्मा दिया गया है। संगठन और सरकार में कहीं भी किसी भी तरह का गैप न आए, इसलिए एक-एक जिले की जिम्मेदारी दो मंत्रियों को दी गई है। पहला-प्रभारी मंत्री, जिसे सरकार ने नियुक्त किया है। दूसरा मंत्री जिसे संगठन ने नियुक्त किया है।

अमित शाह कौशांबी और आजमगढ़ का दौरा कर चुके हैं। सीएम योगी पिछले एक महीने से लगातार जिलों के दौरे कर रहे हैं। दोनों डिप्टी सीएम ने भी कमान संभाल रखी है। इसके अलावा, भाजपा मतदाता सम्मेलन के साथ प्रबुद्ध सम्मेलन कर लोगों को जोड़ रही हैं। 11 अप्रैल से पहले चरण के नामांकन शुरू होंगे। इससे पहले ही भाजपा प्रत्याशियों का चयन करना चाहती है।

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