The First Tirthankara Of Jainism : धूम-धाम से मनाया गया भगवान आदिनाथ जन्म महोत्सव, भव्य शोभा यात्रा भी निकली
रायपुर/नवप्रदेश। The First Tirthankara Of Jainism : श्री आदिनाथ भगवान का जन्म महोत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। इस दौरान भव्य शोभायात्रा भी राजधानी के मुख्य मार्गों से निकाली गई। ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय जैन नायक और सचिव राजेश रज्जन जैन ने बताया कि, चतुर्थ कालीन जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान की जयंती बुधवार को चैत्र कृष्ण नवमी को मनाई गई।
बताते हैं कि आदिनाथ भगवान का जन्म आज से 84 लाख वर्ष पूर्व हुआ था। आदिनाथ भगवान की लंबाई 500 धनुष थी, लगभग 15 सौ मीटर। राजा ऋषभ देव के भरत चक्रवर्ती और बाहुबली आदि सौ बेटे, ब्राह्णी और सुंदरी नाम की दो बेटियां थीं। प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का जन्म उत्तरप्रदेश के अयोध्या नगर में हुआ था। उनके पिता का नाम राजा नाभि राय और माता का नाम रानी मरू देवी था।
इन्हें मिला प्रमुख चार इंद्र बनने का सौभाग्य
आज प्रमुख चार इंद्र बनने का सौभायग्य महेंद्र कुमार सनत कुमार जैन चूड़ी वाला परिवार, आनंद जैन पूर्वा ग्राफिक्स ललिता चौक, प्रभात जैन अर्जुन एनक्लेव, सुनील जैन कचहरी चौक वालों को मिला।
महाआरती के साथ पूरी हुई पूजा-अर्चना
इसके बाद भगवान की रिद्धि-सिद्धि सुख शांति चमत्कारिक वृहद शांति धारा की गई। इसके बाद देव शास्त्र गुरु पूजन कर भगवान की निर्वाण कल्याणक पूजन की गई। फिर विसर्जन पाठ कर महा अर्घ्य चढ़ाया गया। आखिर में महाआरती की गई।
स्वर्ण कलशों में जल भरकर अभिषेक
यह शोभा यात्रा राजधानी रायपुर के मालवीय रोड स्थित बड़ा मंदिर से कोतवाली चौक, सदर बाजार एडवर्ड रोड गोल बाजार से चिकनी मंदिर होते हुए वापस मालवीय रोड स्थित बड़े मंदिर पहुंची। वहां पर स्वर्ण कलशों में प्रासुक जल भर कर प्रथम अभिषेक किया गया।