Malaria in Ashram : छात्र की मौत के बाद पिता ने की जिम्मेदारों को बर्खास्त करने की मांग

Malaria in Ashram : छात्र की मौत के बाद पिता ने की जिम्मेदारों को बर्खास्त करने की मांग

Malaria in Ashram: After the death of the student, the father demanded the dismissal of the responsibilities

Malaria in Ashram

बीजापुर/राजेश झाड़ी/नवप्रदेश। Malaria in Ashram : जिले के अति संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है वही बीजापुर के भैरमगढ़ ब्लाक के अंतर्गत आने वाली मिरतुर क्षेत्र का एक मामला विस्थापित आश्रम तामोडी में पढ़ने वाला कक्षा दूसरी का छात्र दिनेश तेलम की मौत का मामला गांव व घटना स्थल की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट में कई चौकाने वाले हुए खुलासे वही एक तरफ छग सरकार की कठोर नीतियो का हवाला देते जिला प्रशासन हर परिस्थिति से निपटने की सरकारी दावे करती रहती है, लेकिन अब एक छात्र से जुड़ा मामला आया सामने तो खुल गई सरकारी सिस्टम की पोल आखिर जिम्मेदारो को जिम्मेदारी जिम्मेदारों के द्वारा दी जाती है तो किस तरह निभाते हैं, इस की खुली पोल लगातार क्षेत्र में उच्च अधिकारियों का दौरा चलता रहा पिछले दिनों पर इस क्षेत्र में इस तरह की जिम्मेदारों की लापरवाही कहें या अन्य की, जिससे एक माता-पिता अपने बेटा को खो दिया।

कठोर कार्रवाई की मांग

उस परिवार पर क्या बीत रही होगी वही जाने पर एक तरफ जिले के कलेक्टर घटना स्थल पहुंच घटना का लिया जायजा और आश्रम अधीक्षक पर निलंबन की कार्रवाई किया पर परिवार के सदस्य व पिता संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं उनकी बर्खास्तगी के साथ ही जितने जिम्मेदारों की लापरवाही दिख रही है उन पर भी कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पिता ने कहा कि 3 दिन पहले तबीयत खराब हुआ तो हमें सूचना क्यों नहीं दिया गया, किसी भी तरह नहीं मिला कोई जानकारी या सूचना और तो और मेरे बेटे की लाश गांव तक आश्रम अधीक्षक द्वारा नहीं पहुंचाया गया ना ही वह मेरे घर पहुंचे हालचाल जानने परिवार की वहीं स्वास्थ्य विभाग को आड़े हाथ लेते उन्होंने कहा कि अच्छी इलाज नहीं होने के कारण ही बेटे की मौत हुई।

अधीक्षक का नाम लेते पीड़ित पिता के छलके आंसू

तबीयत खराब होने की वजह से दवाई देकर आश्रम में रखना मेरे बेटा को एडमिट नहीं करना साफ लापरवाही दिख रही है वही आश्रम अधीक्षक मोतीराम कडती का नाम लेते पीड़ित पिता ने रोते कहाँ कि उनके द्वारा अच्छा खाना पीना नहीं कराना बच्चे के द्वारा पूर्व में भी पिता को बताया गया। पिता ने मीडिया को बताया वह शासन से मांग किया कि इस तरह घटना दोबारा ना हो ताकि दूसरे के बच्चे की जान ना जाए इसकी उचित व्यवस्था करें वह इस केस में जो भी शासन की ओर से लाभ हो वह उन्हें मिले। आश्रम में अध्ययनरत छात्रों ने बताया कि घटना के दिन हॉस्टल में अधीक्षक मौजूद नहीं था। पिडित पिता ने अधीक्षक पर यह भी आरोप लगाया है कि मेरा बच्चा खत्म होने के बाद भी मुझे जैसा तैसा सूचना दिया गया पर जब तक के मेरे बेटे को मैं लेने नहीं गया था अब तक के मेरे बेटे के शव के उपर किसी भी तरह के कपड़ा नहीं ओड़ाया गया था। इस तरह अधीक्षक एवं जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो 

लापरवाही की वजह से बच्चे की हुई मौत

30 जुलाई के रात्रि प्रातः 3:00 बजे से रोता तड़पता बच्चा सुबह के 4:00 बजे के आसपास आखिरी सांस लिया। सुबह पहुंचा आश्रम अधीक्षक। जिस बच्चे कि मौत हुआ वह छात्र अकेला ही हॉस्पिटल जाकर दवाइयां लिया, जिसके दौरान कोई जिम्मेदार आश्रम अधीक्षक न कोई चपरासी साथ में नहीं था। बड़ी बात हॉस्पिटल के जिम्मेदार दवाई देकर आश्रम में रखना एडमिट नहीं करना और तीसरे ही दिन मौत हो जाना बड़े गंभीर लापरवाही को दर्शाता है या हमने नहीं छात्र व छात्र के पिडित परिवार वाले कह रहे हैं।

बाईट

मुझे सूचना प्राप्त हुई कि बालाक आश्रम तामोडी में एक छात्र की मौत हो गई है मलेरिया से मेरे द्वारा पूछताछ किया गया वहां पहुंचकर अधीक्षक व अन्य कर्मचारियों से पूछताछ बाद एक बात सामने आई है आश्रम तामोडी के कक्षा दूसरी के छात्र दिनेश तेलम की मृत्यु हो गई जिनकी 28 जुलाई को हॉस्पिटल में जांच कराया गया जांच में मलेरिया पॉजिटिव हुआ। उसको दवाइयां दी गई तब तक उन्हें जानकारी नहीं थी। उसका तबीयत खराब है। बस्तर में मलेरिया मुक्त अभियान के बारे में पूछा गया तो मलेरिया जांच किया गया कहां पॉजिटिव आने के बाद भर्ती नहीं करने के संबंध व मौत के दौरान अधीक्षक की अनुपस्थिति की सवाल पर कहा कि मेरे द्वारा पूछे जाने पर अधीक्षक अपने गांव मे शाम को अपना घर आ जाता है सोने, अनुपस्थित पर मेरे द्वारा जांच रिपोर्ट कलेक्टर महोदय को प्रेषित किया जाएगा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद किसी अन्य कारण से मृत्यु होने पर उसके आधार पर शासन की अनुदान का प्रावधान होगा तब तक कुछ कह नहीं सकते डॉक्टर के द्वारा जांच किया गया जो उन्हें सही लगा उन्होंने इलाज किया इस बारे में मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। –युगल किशोर पटेल, तहसीलदार भैरमगढ़

बाईट

मलेरिया (Malaria in Ashram) से मृत बालक का नाम दिनेश तेलम उम्र 12 वर्ष मौत के कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा। वही मलेरिया निकलने पर सभी को उम्र के हिसाब से दवाइयां निर्धारित है इस बच्चे को नैन टू फोर्टीन के बीच में दी जाने वाली दवाई दी गई थी मलेरिया निकलने पर एडमिट नहीं करने के संबंध में कहा सिनेमैटिक केस में एडमिट मेडिसन देने के बावजूद भी अगर बुखार नहीं उतर रहा होगा तो तभी एडमिट किया जाता है। 2 दिन पहले 8-9 बच्चे पॉजिटिव थे अभी कुछ लोगों की जांच चल रहा है। अधीक्षक यह बड़े व्यक्ति साथ नही आने की स्थिति में भी दवाई दिया गया वाली बात पर इंचार्ज को पूछ कर बताऊंगा। उच्च अधिकारियों को पूरी घटना की जानकारी दी गई है मलेरिया टेस्ट के लिए आश्रमों में 1 महीने में दो बार जाते हैं। -डॉ आदित्य साहू- बीएमओ भैरमगढ़

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