Loudspeaker Controversy : यूपी सरकार का अनुकरणीय फैसला

Loudspeaker Controversy : यूपी सरकार का अनुकरणीय फैसला

Loudspeaker Controversy: Exemplary decision of UP government

Loudspeaker Controversy

Loudspeaker Controversy : देश में चल रहे लाऊड स्पीकर विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है जो अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय होना चाहिए। योगी सरकार ने आदेश जारी किया है कि किसी भी धार्मिक स्थल पर लाऊड स्पीकर का इस्तेमाल इसी शर्त पर किया जाएगा कि उसकी आवाज उस धार्मिक स्थल के परिसर के बाहर न जाए सके। लाऊड स्पीकर की आवाज से किसी अन्य व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही किसी भी धार्मिक स्थान के लिए अब नए लाऊड स्पीकर की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।

कोई भी धार्मिक रैली करने के पूर्व प्रशासन की अनुमति (Loudspeaker Controversy) लेना भी अनिवार्य किया गया है। निश्चित रूप से यूपी सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है। दरअसल महाराष्ट्र में अजान के खिलाफ महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने अभियान छेड़ रखा है। उन्होने तीन मई तक मस्जिदों से लाऊड स्पीकर हटाने की मांग को लेकर यह चेतावनी जारी की है कि यदि मस्जिदों से लाऊड स्पीकर नहीं हटाए गए तो उनके सामने मनसे कार्यकर्ता ज्यादा तेज आवाज में हनुमान चालिसा का पाठ करेंगे।

राम नवमी और हनुमान जयंती पर महाराष्ट्र में जगह जगह हनुमान चालीसा और हनुमान महाआरती का पाठ भी किया गया है। इस तरह यह विवाद बढ़ता जा रहा है और महाराष्ट्र के बाहर अन्य राज्यों में भी लाऊड स्पीकर को लेकर विवाद खड़ा होने लगा है। गौरतलब है कि बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को मद्देनजर रखकर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इसके लिए गाईड लाईन जारी की हुई है जिसके मुताबिक रात्रि दस बजे से लेकर सुबह छह बजे तक किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।

न सिर्फ धार्मिक स्थलों में बल्कि अन्य सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान आधी रात के बाद तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का बेधड़क इस्तेमाल किया जाता है, जिसके चलते कई बार विवाद भी होता है। खासतौर पर डीजे के कानफोडू आवाज के कारण तो मारपीट और खून खराबे की स्थिति भी पैदा होने लगी है। इसके बावजूद संबंधित राज्य सरकारें रात्रि दस बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।

यही वजह है कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों (Loudspeaker Controversy) के मनमाने उपयोग की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है क्योंकि लोगों को कानून का कोई डर ही नहीं है। अब इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नई राह दिखाई है। अन्य राज्य सरकारों को भी इसका अनुसरण कर के इसी तरह का नियम बनाना चाहिए कि सभी धार्मिक स्थलों पर बेशक सुबह छह बजे से रात्रि दस बजे तक लगातार लाऊड स्पीकर बजे लेकिन उनकी आवाज उस परिसर के बाहर हरगिज न जाएं। इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का भी सख्ती पूर्वक पालन सुनिश्चित किया जाए।

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