Jammu and Kashmir : कश्मीर में टारगेट किलिंग कब तक
Jammu and Kashmir : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में रहे गैर-मुस्लिम लोगों खासकर हिंदु समाज के लोगों ही हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कश्मीर से ३७० हटे तीन साल हो गए है और इस दौरान वहां हिंसा की घटनाएं थोड़ी कम जरूर हुई है लेकिन हिंसा का तांडव बदस्तूर जारी है। यह ठीक है कि भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ व्यापक अभियान चला रखा है और आतंकवादियों को चून चून कर जहन्नूम रसीद किया जा रहा है लेकिन इसके बाद भी कश्मीर घाटी में अभी भी आतंकवादी सक्रीय है।
जो अब बड़ा आतंकी हमला करने की (Jammu and Kashmir) जगह टारगेट किलिंग करने लगे है। कश्मीर घाटी में आए दिन कश्मीरी पंडितों और अन्य लोगों की हत्या की जा रही है। कल आतंकवादियों ने और दो कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जिसमें एक की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झुल रहा है। इस घटना के बाद कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि इस घटना के जिम्मेदार आतंकवादियों को बक्शा नहीं जाएगा लेकिन इस तरह की धमकी का आतंकवादियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
वे एक के बाद एक टारगेट किलिंग कर कश्मीर घाटी में दहशत का माहौल बना रहे है। जाहिर है इन आतंकवादियों को पाकिस्तान की मदद मुहैया हो रही है साथ ही कश्मीर की अलगाववादी ताकतें भी इनकी मददगार बनी हुई है इसलिए यह जरूरी है कि आतंकवादियों के सफाए के साथ ही उनके हिमायतियों के खिलाफ भी एक बड़ी सर्जिकल स्ट्राईक की जाए ताकि वे आतंकवादियों की मदद न कर सकें।
जब तक भारत में रहकर भारत (Jammu and Kashmir) की खाने वाले और पाकिस्तान का गाने वाले ऐसे गद्दारों को नेस्तनाबूद नहीं किया जाएगा तब तक कश्मीर में शांति की बहाली मुश्किल ही होगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस घटना के बाद अब केन्द्र सरकार कश्मीर में आतंकवादियों के साथ ही उनके हिमायतियों और अलगाववादी ताकता्रें के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही करेेगा साथ ही सीमा पार से आतंकवादियों को जो मदद मिलती है उसपर भी रोक लगाने के लिए कारगर कदम उठाएं जाएंगे।