Fake App : क्रिप्टो की अंधी गलियां

Fake App : क्रिप्टो की अंधी गलियां

Fake App The Blind Alleys Of Crypto

Fake App

रवि कुमार। Fake App : मैं आपका दर्द झकझोर देने वाले इस एक छोटे से किस्से के जरिए बयां कर रहा हूं। हालिया माय टोकन नाम की एक नकली ऐप निवेशकों को अरबों-खरबों रुपए का चूना लगाकर फुर्र हो गई। मानों, इंवेस्टर्स के स्वर्णिम सपने पलक झपकते ही धूल-धूसरित हो गए। यूं तो इस ऐप का श्रीगणेश अक्टूबर, 2021 को हुआ था। लोगों को लगा, अब तो रातों-रात धनवान हो जाएंगे क्योंकि ऐप तरह-तरह के लुभावने ऑफर देता था। प्रति सप्ताह माय टोकन ऐप तरह-तरह के आकर्षक ऑफर्स की स्कीम लांच करता रहता था, लेकिन निवेशक माय टोकन के मंसूबों से बेखबर रहे।

मुंबई में अपना एक ऑफिस खोलने की फेक न्यूज भी इंटरनेट पर वायरल कर दी, जिससे धीरे-धीरे आवाम के बीच इस ऐप की पॉपुलैरिटी तो रातों-रात बढ़ती चली गई। कमाल तो यह है, इस ऐप का कोई आधिकारिक संपर्क विवरण भी नहीं था। बावजूद इसके लाखों इंवेस्टर्स ने इसमें अरबों-खराबों रुपए का इन्वेस्टमेंट कर डाला। यकायक 1 अप्रैल, 2022 को निवेशकों को पैसे का रिर्टन बंद हो गया। इसके बाद माय टोकन की वेबसाइट पर नोटिस आया कि निवेशकों का पैसा सुरक्षित है और कुछ टाइम के बाद पैसे की निकासी शुरु हो जाएगी, लेकिन हुआ यह कि न तो ऐप रहा और न ही वेबसाइट।

इंवेस्टर्स का अरबों-खरबों रुपया डूब (Fake App) गया। बहुतेरे लोग बर्बाद हो गए, जिन्होंने माय टोकन पर यकीन करके एक बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट कर दिया था। इंवेस्टर्स के संग यह धोखा पहली बार नहीं हुआ है जब स्कैमर्स ने धोखाधड़ी की हो। इससे पहले ओटूओवीके, ओरिच ऐप, एचपीजेड टोकन, जाज बाइक ऐप, पावर बैंक ऐप, ओएमजी ब्रुश ऐप आदि फेक ऐप लाखों निवेशकों की पीठ में खंजर घोंप कर रफूचक्कर हो चुके हैं।

रातों-रात धन कमाने की सनक किसी को भी गर्त में झोंक देती है। माय टोकन तो महज एक उदाहरण है, लेकिन दुनिया का कोई भी इंसान इसी तरह बर्बाद होता है। जैसे आजकल स्कैमर्स नकली वेबसाइट और ऐप्स बना कर पब्लिक की रकम लूट रहे हैं। स्कैमर्स हमेशा आपकी गाढ़ी मेहनत की कमाई का पैसा चुराने की फिराक में रहते हैं। चैनेलिसिस के डाटा हमें न केवल चौंकाते हैं बल्कि चेताते भी हैं। आंकड़े बताते हैं, दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी का कुल ट्रांजेक्शन 2021 में बढ़कर 15.8 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।

क्रिप्टोकरेंसी में कानूनी लेन-देन के मुकाबले अवैध लेन-देन ज्यादा है, जो दिन प्रतिदिन सुपरसोनिक विमान की गति से बढ़ता ही जा रहा है। आजकल क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग और वालेट की हज़ारों नकली वेबसाइट्स इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। नकली वेबसाइट असली वेबसाइट के डोमेन जैसा नाम ही उपयोग में लेते हैं, जिससे उपयोकर्ता को असली और नकली डोमेन में फर्क करना बड़ा कठिन हो जाता है। इसी क्रम में स्कैमर्स ने नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैं।

इन नकली वेबसाइट को अधिक भरोसेमंद बनाने के लिए स्कैमर्स नकली रिकाड्र्स और प्रशंसापत्र शो करते हैं। केरल पुलिस ने 1200 करोड़ की नकली क्रिप्टोकरेंसी का भंडाफोड़ किया। नागपुर में 40 करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो निवेश के धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। पुणे पुलिस ने आला अफसर के वॉलेट से चोरी 900 से ज्यादा बिटकॉइन की तफ्तीश कर रही है, जिनकी मौजूदा कीमत 320 करोड़ से भी अधिक है। स्कैमर्स नकली वेबसाइट और क्रिप्टो वालेट बनाकर रखते हैं, जो असली वेबसाइट और वॉलेट से मिलते-जुलते होते हैं।

इन वेबसाइट और वालेट की लिंक्स को इंस्टाग्राम ,फेसबुक और टेलीग्राम सरीखे सोशल मीडिया प्लेटफार्मस पर गु्रप बना कर लोगों के सूचनाएं साझा की जाती हैं। हैकर्स के जरिए तैयार की गई कुछ विशेष प्रकार की लिंक उपयोग में लाई जाती हैं, जो ईमेल, व्हाट्सअप, टेलीग्राम के जरिए रैंडम्ली लोगों को भेजी जाती हैं। उपयोगकर्ता यदि इन लिंक्स पर अपनी जानकारियां साझा कर देता है तो हैकर्स इन इनपुट्स का उपयोग कर अपराध को अंजाम देते हैं। ठगी करने वालों के जरिए लोगों को किसी नए टोकन के बारे में जानकारी दी जाती है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए इंफोरमेशन्स देकर लोगों को सम्मोहित किया जाता है, जिससे लोग उस टोकन में पैसा इन्वेस्ट कर बैठते हैं। इससे टोकन की कीमत काफी बढ़ जाती है, स्कैमर्स अपनी होल्डिंग्स को अच्छे दामों में बेचकर निकल जाते हैं। कुछ ही घंटों में टोकन की कीमत एकदम से गिरा जाती है, इससे लोगों का पैसा डूब जाता है। गूगल प्ले जैसे सरीखे प्लेटफार्म पर सैकड़ों नकली क्रिप्टोऐप्स मिल जाती हैं। लोग इन्हें डाउनलोड कर अपना पैसा गवां देते हैं। हालांकि इन ऐप्स को गवर्नमेंट की ओर से जल्दी ही बैन कर दिया जाता है, लेकिन तब तक बहुत से लोगों का पैसा डूब चुका होता है।

स्कैमर्स, लोगों को मेल या संदेश भेज कर धमकियां देते हैं। आपके द्वारा देखी गई एडल्ट वेबसाइट का रिकॉर्ड उनके पास है। इसके बदले अगर आप उनको क्रिप्टोवालेट की जानकारी या क्रिप्टोकरेंसी नहीं देंगे तो वे आपको बेनकाब कर देंगे। जालसाज एक योजना के तहत लोगों को अच्छे रिटन्र्स देने का वादा करते हैं। रातों-रात जल्दी पैसा कमाने की धुन में लोग जालसाजों के चुंगल में फंस जाते है। यह केवल एक भ्रम है, अत: इस प्रकार के किसी भी जाल में न फसें।

क्रिप्टोकरेंसी के लिए व्हाइट पेपर होना जरुरी है, जिसमें क्रिप्टो की संपूर्ण जानकारी समाहित होती है। हैकर्स जाली व्हाइट पेपर बना कर लोगों को बेवकूफ बनाकर ठगी करते हैं। इंटरनेट पर कई कम्पनीज की ऐसी वेबसाइट्स उपलब्ध हैं, जिनकी गवर्निंग बॉडी का कोई अता-पता नहीं होता है।

क्रिप्टो निवेश (Fake App) के अच्छे ऑफर को वेबसाइट पर शो कर लोग को सम्मोहित करते हैं और लोग उनके बिछे चंगुल में आसानी से फंस जाते हैं। यदि आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं तो अपने वालेट या ट्रेडिंग वेबसाइट की जानकारी किस भी व्यक्ति विशेष के साथ साझा न करें। सदैव अपने वालेट और ट्रेडिंग वेबसाइट पर पैनी नजर रखें। समय-समय पर अपने पासवर्ड को बदलते रहे। किसी भी अनजान कॉल या नकली आप के झांसे में न पड़े रातों रात अमीर बनाने वाले प्लान्स से दूर रहें।

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