FD vs NSC: पोस्ट ऑफिस FD, एनएससी पर कितना रिटर्न? 2 लाख के निवेश पर कहां मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?

FD vs NSC: पोस्ट ऑफिस FD, एनएससी पर कितना रिटर्न? 2 लाख के निवेश पर कहां मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?

FD vs NSC: How Much Return on Post Office FD, NSC? Where will you get the maximum benefit on an investment of 2 lakhs?

FD Vs NSC Post Office Schemes

-एफडी बनाम एनएससी पोस्ट ऑफिस स्कीम

-टैक्स भी बचे तो पोस्ट ऑफिस स्कीम्स आपको यह दोहरा फायदा

नई दिल्ली। FD Vs NSC Post Office Schemes: अगर आप ऐसी स्कीम की तलाश में हैं जिसमें आपको अच्छा ब्याज भी मिले और टैक्स भी बचे तो पोस्ट ऑफिस स्कीम्स आपको यह दोहरा फायदा दे सकती हैं। डाकघर कई तरह की बैंक जैसी योजनाएं लाती है।

जो अच्छा रिटर्न देती हैं। बेहतर ब्याज दरों और टैक्स लाभ के लिए आप पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम (पोस्ट ऑफिस एफडी) में निवेश कर सकते हैं। इस योजना को पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट के नाम से जाना जाता है। 5 साल की एफडी को टैक्स फ्री एफडी कहा जाता है।

पोस्ट ऑफिस एफडी (FD Vs NSC Post Office Schemes) के अलावा आपके पास नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में भी निवेश का अच्छा विकल्प है। आप ब्याज और कर कटौती का भी भरपूर लाभ उठा सकते हैं। पोस्ट ऑफिस एफडी पर फिलहाल 7.5 फीसदी ब्याज मिल रहा है। जबकि एनएससी में आपको 7.7 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। अगर आप 2,00,000 रुपये निवेश करते हैं तो आइए देखें कि 5 साल की एफडी पर कितना पैसा मिलेगा और 5 साल की एनएससी पर कितना रिटर्न मिलेगा।

पोस्ट ऑफिस एफडी, एनएससी पर कितना रिटर्न?

यदि आप पोस्ट ऑफिस एफडी में 2,00,000 रुपये का निवेश करते हैं, तो आपको 7.5 प्रतिशत ब्याज की मौजूदा दर पर गणना करके 89,990 रुपये ब्याज मिलेगा। इस प्रकार आपकी परिपक्वता राशि 2,89,990 रुपये होगी। अगर आप पोस्ट ऑफिस एनएससी में 2,00,000 रुपये निवेश करते हैं तो आपको 7.7 प्रतिशत की दर से 5 साल में 89,807 रुपये ब्याज मिलेगा। इस प्रकार आपको मैच्योरिटी पर कुल 2,89,807 रुपये मिलेंगे।

एनएससी पर कम रिटर्न क्यों?

कैलकुलेशन पर गौर करें तो आपको दोनों के रिटर्न में थोड़ा अंतर नजर आएगा। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि एनएससी में ऊंची ब्याज दरों के बावजूद कम रिटर्न मिल रहा है, जबकि एफडी पर कम ब्याज दरों के बावजूद ज्यादा रिटर्न मिल रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पोस्ट ऑफिसएफडी में ब्याज की गणना तिमाही आधार पर की जाती है और एनएससी में ब्याज की गणना वार्षिक आधार पर की जाती है।

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