Election Helplessness : चुनाव की लाचारी

Election Helplessness : चुनाव की लाचारी

Election Helplessness

Election Helplessness :Election Helplessness

Election Helplessness : उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू की है इसके साथ ही कोरोना के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए कोरोना गाइड लाइन भी जारी की है। जिसका पालन करने में विभिन्न राजनीतिक पार्टियां भारी कोताही कर रही है।

चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन (Election Helplessness) हो रहा है और नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग अब जहरीली होने लगी है। असुददीन ओवैसी जिस तरह की भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं। उसी का दुष्परिणाम है कि उनके काफिले पर गोली चलाने की घटना हुई। ङ्क्षहसा का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है जिन युवकों ने औवेसी के वाहन पर गोलीबारी की है उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए लेकिन इससे उन नेताओं को सबक भी लेना चाहिए जो अपनी जुबान से आग उगलते है।

ऐसे भड़काऊ और विवादास्पद बयान देना आचार संहिता का उल्लंघन है और इसके लिए चुनाव आयोग को भी ऐसे बयानवीर नेताओं के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि चुनाव के दौरान नफरत का माहौल न बने। इसी तरह कोरोना गाइड लाइन का भी कड़ाई पूर्वक पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने रैली और सभाओं में अब एक हजार लोगों के मंजूरी दे दी है लेकिन राजनीतिक रैलियों में हजारों की भीड़ उमड़ रही है। इसमें से ज्यादातर लोग मास्क लगाना भी जरूरी नहीं समझते सोशल डिसिटेंसिंग का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।

उत्तर प्रदेश में तो अब रोड शो की स्पर्धा चल पड़ी है जिसमें हजारों की भीड़ शामिल होती है। इस शक्ति प्रदर्शन से राजनीतिक दलों को कितना चुनावी फायदा मिल पाएगा यह तो पता नहीं लेकिन इससे कोरोना के फैलने का खतरा जरूर पैदा होगा। चुनाव आयोग की लाचारी वाकई समझ से परे है। सिर्फ दिशा निर्देश जारी करके चुनाव आयोग अपने कत्र्वव्य की इतिश्री मान लेता है। जबकि उसे चाहिए कि अपने निर्देशों का सक्ति से पालन कराए।

खास तौर पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले नेताओं के खिलाफ (Election Helplessness) तो कड़े कदम उठाना निहायत जरूरी है ताकि चुनाव के दौरान सामाजिक समरस्ता बनी रहे और नफरत का माहौल न बने। चुनाव आयोग कड़ाई बरतेगा तभी उत्तर प्रदेश व अन्य चार राज्यों में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो पाएंगे।

उम्मीद की जानी चाहिए कि चुनाव आयोग मतदान के दौरान किसी भी तरह की अप्रीय घटनाओं को रोकने के लिए कारगर पहल करेगा और जो राजनीतिक पार्टियां आचार संहिता और कोरोना गाइड लाइन को ठेंगा दिखाने का दुषाहस कर रही है उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने में नहीं हिचकिचाएगा।

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