Controversial Statement : अपमानजनक टिप्पणी से बचे नेता
Controversial Statement : गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कुछ बड़बोले नेता लगातार विवादास्पद बयानबाजी और अपमानजनक टिप्पणी करने में लगे हुए है। चुनाव के दौरान कायदे से तो जनहित से जुड़े मुद्दों की बात होनी चाहिए लेकिन इसकी जगह व्यक्तिगत टीका टिप्पणी की जा रही है। इस तरह की टिप्पणी से जनसभा मेेंं मौजूद पार्टी समर्थकों की ताली की गडग़ड़ाहट जरूर सुनाई देती है लेकिन इस तरह के ओछे हथकंडों से वोट नहीं मिलता। उल्टे वोट कटने की संभावना बढ़ जाती है। कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिार्जुन खडग़े वरिष्ठ नेता है लेकिन उन्होने भी गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना रावण से कर दी।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव (Controversial Statement) के दौरान हर जगह दिख जाते है। क्या उनका भी रावण की तरह सौ सिर है? खडग़े जी को यह भी पता नहीं रावण के दस सिर थे न कि सौ सिर। वैसे भी देश के निर्वाचित प्रधानमंत्री के बारे में इस तरह की अभद्र टिप्पणी करना उन्हे कतई शोभा नहीं देता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में राज्य में कई रैली और रोड शो किए। भाजपा की नजरें रिकार्ड सातवें कार्यकाल पर टिकी हुई हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, असम और गोवा के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, ??
मनसुख मंडाविया, पीयूष गोयल और नितिन गडकरी ने भी पहले चरण के चुनाव के दौरान प्रचार किया। अभी कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस के ही एक और नेता ने गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान यह बयान दिया था कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनकी औकात दिखा देंगे। इसके जवाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के सभी बड़बोले नेताओं के बयानों का उल्लेख करते हुए उन्हे आईना दिखा दिया था। अब मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी इस तरह की विवादास्पद टिप्पणी कर कांग्रेस की फजीहत कर दी है। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के तमाम नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इशारे पर ही प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी के खिलाफ इस तरह की वाहियात टिप्पणी करते है क्योंकि उन्हे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नफरत है।
वास्तव में इन नेताओं को इस तरह की विवादास्पद बयानबाजी और आपत्तिजनक टिप्पणी से बचना चाहिए और अपने वाणी पर संयम रखना चाहिए क्योंकि इस तरह की अमर्यादित टीका टिप्पणी को जनता बर्दाश्त करती और चुनाव में उन्हे इसका जवाब देती है। बाद में फिर ये नेता ईवीएम का रोना रोने लगते है। बेहतर होगा कि चुनाव प्रचार के दौरान एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते समय मर्यादा का उल्लंघन न किया जाएं।
सिर्फ कांग्रेस ही नहीं अन्य पार्टियों में भी इस तरह के बयानवीर नेताओं की भरमार है जो चुनाव प्रचार के दौरान जो मुंह में आएं बोल देते है और उनके बड़बोलेपन का खामियाजा उनकी पार्टी को भुगतना पड़ता है। सभी राजनीतिक पार्टियों के हाईकमान को चाहिए कि वह ऐसे बड़बोले नेताओं के लिए गाईड लाईन जारी करे और उन्हे लक्ष्मण रेखा न लांघने की हिदायत दें। जो पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन (Controversial Statement) करें उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही करें तभी नेताओं के बीच चलने वाली जुबानी जंग रूक पाएगी।