Congress Attack : कांग्रेस PC लेकर बोले- भाजपा सरकार में हुआ 44 सौ करोड़ का शराब घोटाला...पढ़ें

Congress Attack : कांग्रेस PC लेकर बोले- भाजपा सरकार में हुआ 44 सौ करोड़ का शराब घोटाला…पढ़ें

रायपुर/नवप्रदेश। Congress Attack : छत्तीसगढ़ में ईडी द्वारा 2000 करोड़ के शराब घोटाले के खुलासे के बाद अब कांग्रेस ने पूर्ववर्ती रमन सरकार पर 4400 करोड़ के शराब घोटाले का आरोप लगाया है। कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला, प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर और महामंत्री रवि घोष ने सोमवार को राजीव भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रें स कर आरोप लगाया कि देश का सबसे बड़ा संगठित आबकारी घोटाला रमन सरकार के समय हुआ था।

भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप

ठेकदारों से मिलीभगत कर 4400 करोड़ का भ्रष्टाचार किया गया। उन्होने आरोप लगाया कि ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में बदलाव किए गए। शराब लाइसेंस की शर्तों को भी बदला गया वहीं ओएसडी समुन्द राम सिंह को रमन सरकार ने नियमों के खिलाफ जाकर लंबे समय तक नियुक्त रखा गया। कांग्रेस ने अपनी पत्रकारवार्ता में बताया कि प्रदेश में साल 2012 से 2017 के बीच शासन के उच्चस्तरीय संरक्षण में शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने और करोड़ों की कमीशनखोरी किए जाने से बिना मापदण्डों का पालन किए उनके उत्पाद को आईएमएफएल यानि इंडियन मेड फारेन लिकर की केटेगरी में शामिल करते हुए शराब की बिग्री में ठेकेदारों को ज्यादा मुनाफा दिया गया और ऊंची दरों पर शराब बेचते हुए कई सौ करोड़ रूपए की कमीशनखोरी कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया।

तत्कालीन सरकार अपने खास अफसरों पर मेहरबान

भाजपा की तत्कालीन सरकार ने इस महाघोटाले को अंजाम देने के लिये रमन सिंह ने अपने खास अधिकारी समुन्द राम सिंह को रिटार्यमेंट के बाद नियमों के खिलाफ जाते हुये 9 साल लगातार सेवा वृद्धि देते हुये आबकारी विभाग में ओएसडी के पद पर कार्यरत रखा। शासन के इशारे पर उक्त अधिकारी ने इस हजारो करोड़ के आबकारी घोटाले को अंजाम दिया। संविदा पर पदस्थ अधिकारी को नियमानुसार वित्तीय अधिकार नहीं होते पर तत्कालीन सरकार के संरक्षण में उक्त अधिकारी ने नियमों की अवहेलना करते हुये वित्तीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुये आबकारी नीति बनाते हुये इस महाघोटाले में सरकार का साथ दिया।

इस्तीफा देकर फरार

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2018 में संविदा पर पदस्थ ओएसडी समुन्द सिंह प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के दूसरे दिन इस्तीफा देकर फ रार हो गये। उक्त भ्रष्टाचार की शिकायत दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री से किये जाने पर भ्रष्टाचार की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी, जिस पर ईओडब्ल्यू ने जांच कर इस महाघोटाले पर मोहर लगाते हुये 26 अप्रैल 2019 को समुन्द सिंह के आठ ठिकानो पर छापा मार कार्यवाही की। विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

ईओडब्ल्यू ने समुंद सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश करते हुये जेल भेजा। जिसमें समुन्द सिंह की जमानत एक बार सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के 2 वर्ष बाद हुयी। वर्तमान यह प्रकरण अदालत में जारी है। शिकायत कर्ता ने रमन सरकार के दौरान बदली गई शराब नीति के खिलाफ ईडब्ल्यूओ में शिकायत की थी। शिकायत के जांच में तत्कालीन आबकारी अधिकारी समुंद सिंह के ऊपर कार्यवाही की गई।

कांग्रेस मांग करती है इस जांच के दायरे में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह, तत्कालीन आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल, तत्कालीन आबकारी सचिव एवं आबकारी आयुक्त गणेश शंकर मिश्रा की कार्यप्रणाली को भी जांच के दायरे में लिया जाये क्योंकि यह 4400 करोड़ का संगठित घोटाला था। शराब घोटाले से मिलने वाली 4400 करोड़ की कमीशन (Congress Attack) की राशि किस खाते में जायेगी इस बात को लेकर रमन सरकार के केबिनेट बैठक में दो मंत्रियों में विवाद हुआ था ये रमन सरकार की शराब घोटाले का प्रमाण है।

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