धान खरीदी केंद्रों को लेकर CM भूपेश की नई रणनीति, जानिए...

धान खरीदी केंद्रों को लेकर CM भूपेश की नई रणनीति, जानिए…

World Water Day: CM's appeal should be committed to the protection and promotion of all sources of water

World Water Day

रायपुर/नवप्रदेश। CM Bhupesh Policy : छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 105 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य के साथ बुधवार 1 दिसंबर से आगाज हुआ है। जहां किसान इसे धान तिहार के रूप में देख रहा है तो वहीं राज्य शासन भी किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में शुरू हुए धान खरीदी पर कहा कि किसानों की मांग के अनुसार प्रदेश भर में धान खरीदी केंद्र में बढ़ोतरी की गई है। साथ ही सहकारी समितियों में भी वृद्धि की गई है ताकि किसान परेशान ना हो। उन्होंने कहा कि पहले किसान धान खरीदी केंद्रों में रात रात जागकर धान की रखवाली करते थे और सुबह तौलाई कराते थे, जिसको लेकर किसानों को काफी दिक्कतें आ रही थी। इन्ही दिक्कतों से निपटने इस बार 2399 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। किसानों की मांग के अनुसार प्रदेश भर में और भी नए धान खरीदी केंद्र मांग के अनुसार बढ़ाने के निर्णय भी लिया गया है। गांव के करीब खरीदी केंद्र बढ़ाए जाने से किसानों को दूर-दूर तक धान लेकर जाने की आवश्यकता अब नहीं पड़ेगी।

एक-एक दाना धन खरीदेगी सरकार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों के धान के रकबे में वृद्धि के साथ ही पंजीकृत किसानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। अब तक इस खरीफ वर्ष में 22. 66 लाख किसानों ने पंजीकरण किया है। सरकार की कोशिश है कि किसानों से एक-एक दाना धान खरीदा जाए, जिससे लक्ष्य की पूर्ति हो।

डिमांड के अनुसार बारदाना आपूर्ति नहीं

बारदाने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले साल कोरोना संकट होने की वजह से लॉकडाउन और फैक्ट्रियां बंद थी,जिसके कारण बारदाना आपूर्ति नहीं होना समझ आता है, लेकिन इस वर्ष जूट कमिश्नर कोलकाता से डिमांड के अनुसार बारदाना नहीं मिलना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि 5 लाख गठान की मांग की गई है, लेकिन अब तक आपूर्ति नहीं हो पाया है। सीएम भूपेश ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार पर बारदाना नहीं देने और परेशान करने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि बारदाना उपलब्ध करवाना जूट कमिश्नर का दायित्व बनता है। दूसरे जूट मिल टेंडर के अनुसार बारदाना नहीं दे पाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा बारदाना समय पर आपूर्ति नहीं करवाए जाने के कारण सरकार ने शुरू से ही प्रदेश के किसानों को स्वयं के बारदाने का उपयोग करने कहा है ताकि उन्हें कोई दिक्कत ना हो। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के द्वारा लाए जा रहे बारदाने का दर भी बढ़ाए जाने का निर्णय जल्द ही लिया जाएगा। जिससे किसानों को बारदाने में पिछले वर्ष की तरह नुकसान ना हो।

उसना चावल के लिए जद्दोजहद

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा 61 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य मिला है, लेकिन इसमें केवल अरवा चावल को ही हमें देना है। उसना चावल के लिए केंद्र सरकार ने अब तक अनुमति नहीं दी है, इसे दुर्भाग्य ही माना जाएगा। उन्होंने कहा कि उसना चावल की अनुमति के लिए हमारा मंत्रिमंडल प्रधानमंत्री से मिलने अनुमति मांगा है ताकि उनसे मिलकर उसना की अनुमति ली जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में करीब 500 उसना राइस मिल है, पर यदि परमिशन नहीं मिलता है तो यह राइस मिलें पूरी तरह से बंद होने के कगार पर रगेगी। छत्तीसगढ़ में उसनाक्वालिटी का धान भी अधिक मात्रा में उगाया जाता है। ऐसे में किसानों और मिलरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

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