chanakya neeti: बुद्धिमान पुरुष को तब तक ही भय से डरना चाहिए, जब तक कि भय सामने…
chanakya neeti: बुद्धिमान पुरुष को तब तक ही भय से डरना चाहिए, जब तक कि भय सामने नहीं आ जाता। अगर एक बार भय सामने आ ही जाये तो उसका मुकाबला करना ही श्रेयस्कर है।
भय के सामने आ जाने पर शंकित होना अथवा उसकी शक्ति से डरकर छिपने की कोशिश करना समझदारी का काम नहीं। जब संकट सामने हैं, तो जो होना है, होगा, देखा जायेगा-ऐसा न सोचकर उस पर पहल करते हुए वार करना चाहिए। वस्तुतः आत्मविश्वास और साहस के द्वारा व्यक्ति बड़े-बड़े संकट पर आसानी से काबू पा लेता है।
जिस प्रकार चार विधियों-घिसना, काटना, तपाना तथा पीटने से सोने के खरे-खोटेपन की जांच की जाती है, उसी प्रकार मनुष्य के ऊंचेपन तथा श्रेष्ठता की जांच भी चार तरीकों उसकी त्यागवृत्ति, शील, गुण तथा सत्कर्मों से होती है।