Captain Run Out : कैप्टन का रन आउट होना

Captain Run Out : कैप्टन का रन आउट होना

Captain Run Out : Captain Run Out

Captain Run Out

Captain Run Out : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आखिरकार इस्तीफा देने पर मजबूर हो गए। उनका कार्यकाल छह माह से भी कम समय का बचा था लेकिन पार्टी हाई कमान की बेरूखी के चलते वे इस कदर आहत हुए कि उन्होने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना ही बेहतर समझा। कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी बदौलत पंजाब में कांग्रेस को सत्ता में लेकर आए थे।

उनका कार्यकाल भी ठीक ठाक ही रहा लेकिन भाजपा से कांग्रेस में गए नवजोत सिंह सिद्धू से उनकी पटरी नहीं बैठ पाई। नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के उपमुख्यमंत्री पद पर काबिज होना चाहते थे लेकिन अमरिंदर सिंह ने उन्हे सिर्फ कैबिनेट मंत्री का ही दर्जा दिया था जिससे नाराज होकर नवजोत सिंह सिद्धू ने बहुत जल्द मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

क्रिकेट खिलाड़ी रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप रूपी बाउंसर पर बाउंसर फेंक के कैप्टन अमरिंदर सिंह को क्लीन बोल्ड करने की हर संभव कोशिश की लेकिन राजनीति के अनुभवी खिलाड़ी कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Run Out) पिच पर डटे रहे। आखिरकार कैप्टन को रन आउट होना पड़ा। इस तरह नवजोत सिह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पर से हटवाकर ही दम लिया। दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू के सिर पर पार्टी आलाकमान का हाथ रहा है और कैप्टन अमरिंदर सिंह की आपत्ति के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष भी बनाया गया था।

इसपर भी अमरिंदर सिंह ने नाखूशी जाहिर की थी किन्तु पार्टी अनुशासन की डोर में बंधे रहने के कारण उन्होने खुलकर इसका विरोध नहीं किया था। अब जबकि उन्होने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया है तब उन्होने नवजोत सिंह सिद्धू पर आक्रमण तेज कर दिया है और आरोप लगाया है कि नवजोत सिंह सिद्धू (Captain Run Out) पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के दोस्त है और वहां के आर्मी चीफ कमर वाजवा के साथ गले मिल चुके है इसलिए वे देश के लिए भी खतरनाक साबित हो सकते है।

कैप्टन के इस गंभीर आरोप के बाद यह तय है कि दोनों के बीच लड़ाई अभी लंबी चलेगी। यह तो सिर्फ टे्रलर है पूरी पिक्चर अभी बाकी है। अब देखना होगा कि क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी में रहकर ही लड़ाई लड़ते है या अपनी अलग पार्टी बनाते है या फिर आम आदमी पार्टी या भाजपा का दामन थामते है। तीनों ही स्थितियों में कंाग्रेस को पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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