Bollywood Exploits : आस्था का अपमान कब तक?

Bollywood Exploits : आस्था का अपमान कब तक?

Bollywood Exploits : How long is the insult to faith?

Bollywood Exploits

Bollywood Exploits : बॉलीवुड वाले एक लंबे समय से बहुसंख्यक हिन्दुओं की आस्था का अपमान करते आ रहे है। सोशल मीडिया पर बॉयकाट बॉलीवुड मुहिम शुरू होने के बाद ऐसे फिल्मकारों की फिल्में फ्लाप हो रही है इसके बावजूद बॉलीवुड वाले अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ने नाम पर हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे है। ओम रावत की फिल्म आदि पुरूष जो १२ जनवरी से सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने जा रही है उस फिल्म का प्रोमो जारी होते ही इस फिल्म को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है।

हिन्दु साधु संतों ने इस फिल्म में हनुमान जी के परिधान (Bollywood Exploits) को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि हनुमान जी को जिन वस्त्रों में दिखाया गया है उससे हमारी भावनाएं आहत हो रही है। पुष्पक विमान को चमगादड़ के रूप में दिखाए जाने पर भी संत समाज ने आपत्ति दर्ज कराई है। इसी तरह रावण के चित्रण को लेकर भी नाराजगी जताई गई है। सैफ अली खान ने इस फिल्म में रावण की भूमिका निभाई है लेकिन इस फिल्म में रावण के बाल छोटे दिखाए गए है और दाढ़ी ऐसी दिखाई गई है मानों रावण कोई आतंकवादी हो। श्रीलंका का भी गलत चित्रण किया गया है।

इन सब बातों को लेकर हिन्दु साधु संतों ने फिल्मकार के प्रति रोष जाहिर किया है और ऐसे विवादास्पद द़ृश्यों को हटाने की मांग की है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तो इसे हिन्दु धर्म और सनातन संस्कृति का मजाक उड़ाना बताया है और चेतावनी दी है कि ऐसे आपत्तिजनक दृश्यों को फिल्म से हटाया नहीं गया तो फिल्मकार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

बहरहाल आदिपुरूष फिल्म को लेकर जो विवाद खड़ा हुआ है उसे देखते हुए यही लगता है कि कुछ फिल्मकार अपनी फिल्म को चर्चा में लाने के लिए जानबूझ कर आपत्तिजनक चीजें फिल्म में डाल देते है ताकि उसका विरोध हों और फिल्म का मुफ्त में प्रचार हो जाए लेकिन वे यह भूल गए है कि अब लोग सोशल मीडिया के जरिए हिन्दुओं की आस्था पर चोट पहुंचाने वाली फिल्मों का प्रबल विरोध करने लगे है और ऐसी फिल्में फ्लाप होने लगी है।

आदिपुरूष का (Bollywood Exploits) भी यही हाल होगा। सवाल यह उठता है कि आखिर हमारी आस्था का अपमान कब तक होता रहेगा। केन्द्रीय सैंसर बोर्ड और केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह इस बारे में कारगर कदम उठाएं और किसी भी धर्म का अपमान करने वाली ऐसी फिल्मों को प्रदर्शन की अनुमति न दें। जब तक इस तरह के कड़े कदम नहीं उठाए जाएंगे तब तक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर बॉलीवुड के फिल्मकार हमारी आस्था का अपमान करते ही रहेंगे।

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