Patra Chawl Scam : संजय राउत को राहत नहीं, बढ़ी 14 दिन की न्यायिक हिरासत
मुंबई/नवप्रदेश। Patra Chawl Scam : पात्रा चॉल भूमि घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे शिवसेना नेता संजय राउत की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब विशेष अदालत ने राउत की न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं उनकी जमानत याचिका पर भी आज सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट 21 सितंबर को संजय राउत की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है।
जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट (Patra Chawl Scam) को संज्ञान में लेते हुए संजय राउत की हिरासत बढ़ाने का निर्देश दिया है। वहीं कोर्ट के निर्देश के बाद ईडी ने संजय राउत को चार्टशीट की एक प्रति भी सौंप दी है।
31 जुलाई को हुई थी गिरफ्तारी
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी 60 वर्षीय राउत को 31 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने राउत के घर पर सुबह-सुबह छापा मारा था। करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था, इसके बाद देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
1039.79 करोड़ का है पात्रा चॉल घोटाला
मुंबई पश्चिमी उपगनर के गोरेगांव स्थित सिद्धार्थ नगर के पात्रा चॉल के 47 एकड़ जमीन पर 672 परिवारों के घरों के पुनर्विकास के लिए साल 2007 में सोसायटी द्वारा महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंड अथॉरिटी (म्हाडा) और गुरू कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था। इस करार के तहत कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर म्हाडा को देने थे। उसके बाद बची हुई जमीन प्राइवेट डेवलपर्स को बेचनी थी।
डीएचआईएल के राकेश वधावन, सारंग वधावन, प्रवीण राउत और गुरू आशीष इस कंपनी (Patra Chawl Scam) के निदेशक थे। आरोप है कि कंपनी ने म्हाडा को गुमराह कर पात्रा चॉल की एफएसआई 9 अलग-अलग बिल्डरों को बेच कर 901 करोड़ रुपये जमा किए। उसके बाद मिडोज नामक एक नया प्रोजेक्ट शुरू कर फ्लैट बुकिंग के नाम पर 138 करोड़ रुपये वसूले गए। लेकिन 672 लोगों को उनका मकान नहीं दिया गया। इस तरह पात्रा चॉल घोटाले में 1039.79 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। उसके बाद 2018 में म्हाडा ने गुरू कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया।