Bastar Rail Connectivity : बस्तर की पटरी पर अब विकास दौड़ेगा…! सुकमा-दंतेवाड़ा-बीजापुर को पहली बार मिलेगी रेल की रफ्तार…

27 जून, बस्तर| Bastar Rail Connectivity : देश के सबसे दुर्गम और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शुमार सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर अब रेल कनेक्टिविटी से जुड़ने जा रहे हैं — वो भी लिडार जैसी अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से।
तेलंगाना से छत्तीसगढ़ तक – एक विकास रेखा
कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल (छत्तीसगढ़) तक प्रस्तावित 160.33 किमी लंबी रेललाइन परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। इसमें से 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में फैला होगा – जो अब तक रेल सुविधाओं से वंचित था।
लिडार तकनीक से हो रहा सर्वे: जब तकनीक बदलती है ज़मीन की तक़दीर
भारतीय रेलवे इस परियोजना के फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) के लिए लिडार (LiDAR) तकनीक का उपयोग कर रही है, जिससे पहाड़ी, घने जंगलों और संवेदनशील इलाकों में भी सटीक सर्वेक्षण संभव हो सका (Bastar Rail Connectivity)है। यह तकनीक हवाई सर्वे के माध्यम से हाई-रेज़ोल्यूशन डेटा प्राप्त करती है, जिससे परियोजना की गति और गुणवत्ता दोनों बढ़ती है।
गृह मंत्रालय की निगरानी में ‘डबल इंजन’ मिशन
यह रेललाइन परियोजना गृह मंत्रालय द्वारा मॉनिटर की जा रही है, क्योंकि यह केवल ट्रैक नहीं, बल्कि ट्रांज़िशन है –
“विकास के लिए सुरक्षित रास्ता”
क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ेगी
रोज़गार और व्यवसाय के अवसर मिलेंगे
छात्रों, किसानों और आम लोगों को परिवहन की नई सहूलियत मिलेगी
छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग को रेलवे ने सराहा
रेल विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार का विशेष आभार जताया है, जिसके सहयोग, दिशा-निर्देश और समन्वय से यह परियोजना फिर से गति पकड़ (Bastar Rail Connectivity)पाई। इसमें जिला प्रशासन, स्थानीय जनप्रतिनिधि और सामुदायिक भागीदारी का भी उल्लेखनीय योगदान है।