संपादकीय : ट्रंप को पीएम मोदी की खरीखरी

PM Modi's sharp retort to Trump
PM Modi’s sharp retort to Trump: जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित सदस्य के रूप में कनाड़ा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वहां आतंकवाद को लेकर अमेरिका सहित उन देशों पर भी निशाना साधा जो आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों का समर्थन करते है और उन्हें वित्तीय मदद मुहैय्या कराते है। पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में कहां कि आतंकवाद पर दोहरा रवैय्या नहीं चलेगा।
गौरतलब है कि एक ओर तो अमेरिका इरान के खिलाफ है और उस पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वहां आतंकवादी संगठन पल रहे हैं। इसी वजह से इजराइल ने इरान के खिलाफ हल्ला बोल रखा है और इजराइल को अमेरिका की शह मिल रही है।
हालांकि अभी तक अमेरिका इन दोनों देशों की जंग में शामिल नहीं हुआ है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार इरान को अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं। इसी जंग के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप जी-7 शिखर सम्मेलन को अधूरा छोड़कर वापस अमेरिका लौट गए और उन्होंने फिर से इरान के लिए चेतावनी जारी की है कि वह सरेंडर कर दे अन्यथा इरान को तबाह कर दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर अमेरिका में पाकिस्तानी आर्मी चीफ असिम मुनिर की मेहमान नवाजी की जा रही है।
खुद डोनाल्ड ट्रंप ने असिम मुनिर को वाइट हाउस में दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया था। संभवत: अमेरिका के इस दोहरे मापदंड को लेकर ही पीएम मोदी ने जी-7 सम्मेलन में यह कहां कि आतंकवाद पर दोहरा रवैय्या नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी ने आतंकवादियों को मानवता का दुश्मन बताते हुए विश्व समुदाय से अपील की है कि सभी देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो और आतंकवाद पर दोहरा रवैय्या अपना छोड़े। जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के इस संबोधन के तत्काल बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें फोन लगाया और आधे घंटे तक उनके साथ बातचीत की। गौरतलब है कि जब कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था।
तब डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन लगाया था और आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी। इसके बाद जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन सिंदूर चलाया और पाकिस्तान को करारा सबक सिखाया तब से डोनाल्ड ट्रंप और नरेन्द्र मोदी के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी।
यह बात अलग है कि डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने का दावा करते रहे हैं। किन्तु पीएम मोदी ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। अब जबकि खुद डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर लंबी बातचीत की तो पीएम मोदी ने उन्हें आपरेशन सिंदूर से अवगत कराया और यह भी कहां कि आपरेशन सिंदूर अभी सिर्फ पाकिस्तान के अनुरोध पर स्थगित हुआ है लेकिन खत्म नहीं हुआ है।
रही बात दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराने की तो भारत किसी तीसरे देश की मध्यस्थता का स्वीकार करेगा और न ही उसने ऐसा किया है। पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने पर ही भारत ने आपरेशन सिंदूर को स्थगित किया है और वह भी भारत ने अपनी शर्र्तों पर किया है। यदि पाकिस्तान ने फिर किसी आतंकवादी कार्रवाई को अंजाम दिया तो भारत पाकिस्तान के खिलाफ फिर बड़ी कार्रवाई करेगा। भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान की किसी भी आतंकी घटना को हम जंग मानेंगे और उसका उसी तरह जवाब देंगे।
पाकिस्तान ने आतंकवादियों के कंधे पर बंदूक रख कर यदि एक भी गोली चलाई तो उसका जवाब गोलो से दिया जाएगा। डोनाल्ड ट्रंप को पीएम मोदी ने खरीखरी सुनाकर उनकी बोलती बंद कर दी। तब डोनाल्ड ट्रंप में पीएम मोदी से गुजारीश कर दी कि वे कनाड़ा से भारत वापस लौटते समय थोड़ समय के लिए अमेरिका आकर उनसे मिले। लेकिन पीएम मोदी ने अपनी व्यस्थता का हवाला देकर अमेरिका आने में असमर्थता जाहिर कर दी और उलटे उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को भारत आने का न्यौता दे दिया। जिसे डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकार कर लिया है। बहरहाल पीएम मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन के मंच से आतंकवाद पर अपनी बात कह दी औैर एक तीर से कई निशाने साध लिए।