उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता; वास्तव में क्या प्रावधान हैं ? जाने पूरी जानकारी…

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता; वास्तव में क्या प्रावधान हैं ? जाने पूरी जानकारी…

Uniform Civil Code in Uttarakhand; What exactly are the provisions? Know complete information…

uniform civil code bill

-तलाक और लिव-इन रिलेशनशिप से संबंधित कानूनों का उल्लेख

नई दिल्ली। uniform civil code bill: उत्तराखंड विधानसभा ने बुधवार को समान नागरिक संहिता विधेयक बहुमत से पारित कर दिया। इससे पहले मंगलवार को इसे विधानसभा में पेश किया गया था। अब राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा। इस प्रकार उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया। यह विरासत, विवाह, तलाक और लिव-इन रिलेशनशिप से संबंधित कानूनों से संबंधित है।

शादी के बारे में क्या?

  • -विवाह के लिए युवक की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
  • -ऐसा सिर्फ पुरुषों और महिलाओं के बीच ही हो सकता है। यदि पति/पत्नी जीवित है तो दूसरा विवाह पूर्णत: वर्जित है।
  • -तलाक के बाद किसी महिला के लिए उसी पुरुष या दूसरे पुरुष से दोबारा शादी करने के लिए किसी भी तरह की कोई शर्त नहीं है। इसका उल्लंघन करने पर तीन साल की कैद या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों से दंडनीय होगा।
  • -यदि विवाहित जोड़े में से कोई एक दूसरे की सहमति के बिना धर्म बदलता है, तो दूसरे को तलाक लेने और भरण-पोषण का दावा करने का पूर्ण अधिकार है।
  • -विवाह पंजीकरण अब अनिवार्य है। इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए अब ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम और जिला एवं राज्य स्तर पर उनका पंजीकरण कराना संभव हो गया है। पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक वेब पोर्टल भी उपलब्ध होगा।
  • -कानून किसी पुरुष और महिला के बीच विवाह के धार्मिक/सामाजिक संस्कार में हस्तक्षेप नहीं करता है। सप्तपदी, आशीर्वाद, निकाह, पवित्र मिलन या आनंद करुज या ऐसी अन्य परंपराओं का उपयोग किया जा सकता है।

तलाक के बारे में क्या कहा जाता है?

  • -कोर्ट-कचहरी में लंबित मामले जल्द निपटेंगे। मुस्लिम बहनों की स्थिति में सुधार होगा और उन्हें बच्चा गोद लेने का अधिकार भी मिलेगा।
  • -सभी धर्मों के लिए समान कानून होंगे। लेकिन समान नागरिक संहिता के अंतर्गत आने वाले मामलों को छोड़कर किसी भी धर्म की आस्था में कोई हस्तक्षेप नहीं है।
  • -गुलामी, विधवा, दहेज, तीन तलाक, बाल विवाह या अन्य प्रथाओं को कानून द्वारा समाप्त करने की गारंटी।

लिव इन रिलेशनशिप से जुड़े नियम

  • -लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े के लिए बेटी की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होना चाहिए।
  • -लिव-इन में रहने से पहले उसकी पहचान के उद्देश्य से पंजीकरण करना है।
  • -21 वर्ष से कम उम्र के लड़के-लड़कियों को इस पंजीकरण के बारे में अपने माता-पिता को सूचित करना होगा।

संपत्ति के अधिकार के बारे में क्या?

  • -समान नागरिक संहिता (uniform civil code bill) में मृतक की संपत्ति में माता-पिता को हिस्सा देने का प्रावधान है।
  • -संपत्ति के अधिकार में बेटे और बेटियों को समान अधिकार।
  • -अधिनियम की धारा 3 (1-ए) किसी भी रिश्ते से पैदा हुए बच्चे को परिभाषित करती है, जबकि धारा 49 किसी भी तरह से पैदा हुए बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार प्रदान करती है।
  • -अनुच्छेद 55 के तहत भ्रूण को अन्य बच्चों के समान अधिकार दिए गए हैं।
  • -जो बेटा या बेटी धन के लिए अपने माता-पिता की हत्या कर देते थे, उन्हें संपत्ति के अधिकार से वंचित कर दिया जाता था। इससे धन के लिए हत्या जैसे अपराधों में कमी आएगी।
  • -कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह से अर्जित सारी संपत्ति स्वेच्छा से किसी भी व्यक्ति को दे सकता है और यदि वह चाहे तो अपने जीवनकाल के दौरान वसीयत को बदल सकता है या वसीयत को रद्द कर सकता है।

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