Tension Between Taliban : तालिबान में आपसी खींचतान

Tension Between Taliban : तालिबान में आपसी खींचतान

Tension Between Taliban: Tension Between Taliban

Tension Between Taliban

Tension Between Taliban : अफगानिस्तान में जबरिया सत्ता पर काबिज हुए तालिबान में आपसी खींचतान मच गई है। जिसके चलते तालिबान की अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण समारोह रद्द करने की नौबत आ गई है। हालांकि तालिबानी प्रवक्ता ने शपर्थ ग्रहण समारोह रद्द करने की वजह यह बताई है कि मौजूद हालातों में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करना पैसे और संसाधनों की बर्बादी कहलाएगी लेकिन सच्चाई तो यह है कि तालिबान के भीतर चल रहे सत्ता संघर्ष की वजह से शपथ ग्रहण समारोह रद्द करना पड़ा है।

तालिबान में पाकिस्तान की दखलंदाजी के कारण हक्कानी गुट का वर्चस्व कायम हो गया है। वहीं मुल्ला बरादर गुट की उपेक्षा की गई है। मुल्ला बरादर को उपप्रधानमंत्री पद किया गया है जबकि वो प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार रहे है। तालिबान सरकार के गठन में मुल्ला बरादर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और उन्होने चीन का दौरा भी किया था। मुल्ला बरादर तालिबान सरकार (Tension Between Taliban) में अपने गुट के लेागों को महत्वपूर्ण पद न मिलने की वजह से नाराज बताएं जाते है।

मुल्ला बरादर और हक्कनी गुट ने हाल ही में हिंसक झड़प होने की भी खबरे सामने आई थी उसके बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पीफ ने काबूल का दौरा किया था और उसी के बाद से मुल्ला बरादर गायब हो गए है। वो इस समय कहा है कोई नहीं जानता। उन्हे लेकर तरह तरह की अफवाहें उड़ रही है।

यहां तक की आईएसआई के इशारें पर उनकी हत्या किए जाने की भी आशंका जाहिर की जा रही है। इन आशंकाओं को तालिबान ने खारिज किया है और उनका एक आडियों जारी कर यह दावा किया है कि मुल्ला बरादर ठीक है लेकिन वे सामने क्यों नहीं आ रहे है इस बारे में तालिबान कुछ नहीं कह रहा है।

तालिबान सरकार (Tension Between Taliban) को कतर की सरकार ने मदद करनी शुरू कर दी है और तालिबान सरकार से बातचीत के लिए कतर के उपप्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक बड़ा प्रतिनिधि मंडल काबुल पहुंचा है जिससे तालिबान सरकार के सभी मंत्रियों ने चर्चा की है लेकिन इस दौरान भी मुल्ला बरादर नदारद रहा है।

इसी से स्पष्ट है कि तालिबान में आपसी फूट पड़ गई है और सत्ता को लेकर संघर्ष शुरू हो गया है जो किसी अंजाम तक पहुंचेगा इस बारे में कुछ भी कह पाना मुहाल है।

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