SNCU Staff Nurse : प्रसव के बाद 'बोर्न बेबी' का न तो हॉर्ट-रेट एवं रेस्पिरेट्री-रेट किया काम, ऐसे बची जिंदगी |

SNCU Staff Nurse : प्रसव के बाद ‘बोर्न बेबी’ का न तो हॉर्ट-रेट एवं रेस्पिरेट्री-रेट किया काम, ऐसे बची जिंदगी

SNCU Staff Nurse: Neither heart-rate nor respiratory-rated work of 'born baby' after delivery, such a life survived

SNCU Staff Nurse

दंतेवाड़ा/नवप्रदेश। SNCU Staff Nurse : प्रसव के बाद हॉर्ट-रेट एवं रेस्पिरेट्री-रेट नहीं दिखाने वाले नवजात को डॉक्टरों एवं एसएनसीयू स्टॉफ ने अपनी कोशिशों से नया जीवन दिया है। जन्म के बाद नवजात की सांस की गति और हृदय की धड़कन नहीं चल रही थी। लगभग मृतप्राय अवस्था में एसएनसीयू के स्टॉफ नर्स ने नवजात को तुरंत एसएनसीयू में शिफ्ट किया।

नवजात को डॉक्टर एवं अस्पताल स्टॉफ ने दिया नया जीवन

एसएनवीयू के प्रभारी डॉ. राजेश ध्रुव और डॉ. अंकिता की सलाह व देखरेख में स्टॉफ नर्स हेड ममता पाल एवं कोहिमा ठाकुर ने तुरंत बैगन मास्क वेंटीलेशन एवं ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित किया। इसके साथ ही नवजात को चेस्ट कंप्रेशन दिया गया। इसके बाद भी नवजात के शरीर में कोई हरकत नहीं होने पर उसे तत्काल जीवनरक्षक इंजेक्शन दिया गया। करीब 30 मिनट तक लगातार इन प्रक्रियाओं को दोहराने के बाद नवजात में सांस की गति एवं दिल की धड़कन उत्पन्न हुई। शरीर में हलचल शुरू होने के बाद डॉक्टरों को उम्मीद जगी कि नवजात को बचाया जा सकता है।  

दंतेवाड़ा जिले के गीदम के नजदीक हारम गांव में रहने वाली पुलिस आरक्षक लक्ष्मी कश्यप को 19 जुलाई को जिला चिकित्सालय में नॉर्मल डिलीवरी से बेटा पैदा हुआ। प्रसव के बाद से ही नवजात का रेस्पिरेट्री-रेट एवं हॉर्ट-रेट नहीं दिख रहा था। लगभग मृतप्राय अवस्था में उसे तत्काल वहीं के एसएनसीयू में शिफ्ट किया गया। डॉक्टरों की सलाह पर नर्सिंग स्टॉफ की लगातार कोशिशों, जीवनरक्षक इंजेक्शन तथा बैगन मास्क वेंटीलेशन, ऑक्सीजन सप्लाई और  चेस्ट कंप्रेशन के माध्यम से अस्पताल स्टॉफ को नवजात की सांस और धड़कन लौटाने में कामयाबी मिली। डॉक्टरों एवं एसएनसीयू नर्सिंग स्टॉफ की मेहनत से नवजात में हार्ट-बीट और रेस्पिरेट्री-रेट आने के बाद जांच एवं उपचार के लिए 11 दिनों तक एसएनसीयू में रखा गया।

पूरा परिवार है खुश

अच्छी देखभाल और इलाज के बाद नवजात (SNCU Staff Nurse) धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ गया है। स्तनपान के साथ ही सामान्य शिशुओं की तरह हरकत, दिल की धड़कन एवं सांस की गति सामान्य हो गई है। सारे पैरामीटर्स सामान्य होने के बाद शिशु को अब डिस्चार्ज कर दिया गया है। शिशु के माता-पिता आरक्षक दम्पत्ति लक्ष्मी कश्यप और दयानंद कुमार ने अपने नवजात को पुनर्जीवन देने के लिए दंतेवाड़ा जिला अस्पताल के एसएनसीयू के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने एसएनसीयू स्टॉफ को हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी लगातार कोशिशों, इलाज और देखरेख से अब उनका बेटा सामान्य अवस्था में आ गया है। बेटे के पूर्णतः स्वस्थ होने से पूरा परिवार बेहद खुश है।    

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