शंकराचार्य हास्पिटल में ओपीडी सेवाओं का मरीजों को मिल रहा लाभ

शंकराचार्य हास्पिटल में ओपीडी सेवाओं का मरीजों को मिल रहा लाभ

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– भविष्य की स्थिति के लिए अस्पताल प्रबंधन है तैयार

दुर्ग/नवप्रदेश। शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (_shri shankaracharya institute of medical sciences bhilai) जुनवानी भिलाई में प्रतिदिन सुबह 9 बजे (9 am daily) से अपरान्ह 4 बजे तक जनरल ओ.पी.डी. (OPD) की सेवा नियमित रुप से जारी है। डॉक्टरो द्वारा रोज की तरह यहां सभी प्रकार के मरीजों का उपचार किया जा रहा है।

हास्पिटल को फिलहाल कोरोना अस्पताल (corona hospital) के रुप में कन्वर्ट नही किया गया है लेकिन हास्पिटल प्रबंधन भविष्य की स्थिति की लेकर पूरी तरह तैयार है। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर संकल्प द्विवेदी ने नवप्रदेश को बताया कि शासन के निर्देश के चलते कोरोना पेसेन्ट (Corona Passant) सेंटर की पूरी तैयार कर ली गई है और भविष्य की जरुरत को लेकर अस्पताल प्रबंधन सजग है।

हास्पिटल में 200 बेड कोरोना पीडि़त मरीजो के लिए तैयार है जिसमें 16 बेड का आई.सी.यू. है। वही प्रत्येक बेड पर वेन्टीलेटर की सुविधा भी है। अगर जरुरत पड़ी तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल का पूरा विंग इसके लिए तैयार रहेगा। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि शासन के निर्देश पर ही यह तैयारी की गई है।

उन्होने बताया कि शंकराचार्य मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस वैसे तो 750 बिस्तर वाला अस्पताल है पर अभी शासन ने 200 बेड ही मांगे है। जिसकी पूरी तैयारी कर ली है। उन्होने कहा कि अभी अस्पताल को कोरोना हास्पिटल के लिए कन्वर्ट नही किया गया है लेकिन यदि जरुरत पडी तो 24 घंटे में यह तैयारी कर ली जाएगी। उन्होने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को रायपुर एम्स में रिफर किया जा रहा है।

कोविड-19 या कोरोना वायरस के 85 फीसदी मरीज लक्षणों के आधार पर ईलाज से जल्द ठीक हो जाते है। शेष मरीजों का इलाज निगरानी में किया जाता है इसमें केवल 5 प्रतिशत मरीजो को गहन चिकित्सा की जरुरत पड़ती है।

सोशल डिस्टेसिंग जरुरी : द्विवेदी

डॉ. संकल्प द्विवेदी ने बताया कि कोरोना के संक्रमण से बचने सोशल डिस्टेसिंग का पालन बेहद आवश्यक है। कोरोना एक सामान्य फ्लू की तरह एक फ्लू है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर यह रोगी को बुरी तरह जकड़ लेता है। ऐसे मरीजों की मृत्यु तक हो सकती है। इस रोग की चपेट में ज्यादातर ऐसे लोग आते है जिनकी उम्र अधित होता है या जो फेफड़े या श्वास से संबंधी रोग से ग्रसित रहते है।

ऐसे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरुरत है। इसके लिए यह जरुरी है कि अतिआवश्यक कार्य के बिना घर से बाहर न निकले। हाथ लगातार धोते रहे, सेनेटराइज करें। तभी हम वायरस का खात्मा कर सकते है।

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