Scary Corona : 1 लाख से ज्यादा बच्चे हुए अनाथ, अध्ययन में खुलासा
वाशिंगटन/नवप्रदेश। Scary Corona : कोरोना महामारी ने दुनियाभर में तबाही मचाई हुई है। अब तक लाखों लोगों की जान चली गई। इसका सबसे ज्यादा असर उन बच्चों पर पड़ा, जो इस दौर में अनाथ हुए हैं। यानी करीब 1 लाख 90 हजार बच्चे भारत के हैं जिन्होंने कोरोना काल में अपने माता-पिता दोनों या तो किसी एक को खो दिया है। हालांकि, बहुत चिकित्सीय विकसितशील देशों की तुलना में भारत में अनाथ हुए बच्चों की संख्या कम है। यह खुलासा ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित एक नए अध्ययन में सामने आई है।
शुरुआती महीनों से ही तबाही का कहर
रिपोर्ट के मुताबिक, तबाही (Scary Corona) का ये कहर शुरुआती महीनों से ही दिखने लगा था। इसमें से 1 लाख 90 हजार बच्चे भारत के हैं जिन्होंने कोरोना काल में अपने माता-पिता में से कोई एक या अभिरक्षा से संबंधित जैसे, दादा-दादी या नाना-नानी को खो दिया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी के शुरुआत के 14 महीनों में 10 लाख से ज्यादा बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों या इनमें से किसी एक को खो दिया, जबकि बाकी 50 हजार ने उनके साथ रहने वाले दादा-दादी को इस महामारी में खो दिया है।
अनाथालयों की संख्या में 8.5 गुना वृद्धि
विशेषज्ञों (Scary Corona) का अनुमान है कि भारत में मार्च 2021 से अप्रैल 2021 के बीच अनाथालयों में बच्चों की संख्या में 8.5 गुना वृद्धि हुई है। इस अंतराल में यहां अनाथ बच्चों की संख्या 5,091 से बढ़कर 43,139 हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि जिन बच्चों ने माता-पिता या देखभाल करने वाले को खो दिया है, उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा पर गहरा अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव पडऩे का खतरा है।
एक्सपर्ट की चिंता Scary Corona
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रग एब्यूज (एनआईडीए) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि भारत में कोरोना के कारण 25,500 बच्चों ने अपने मां को खो दिया, जबकि 90,751 ने अपने पिता को खोया। इनमें से 12 बच्चों की संख्या ऐसी है, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की कि माता-पिता के खोने से बच्चों में असुरक्षा के साथ-साथ बीमारी, शारीरिक शोषण, यौन हिंसा और किशोर गर्भावस्था का खतरा बढ़ सकता है।
इस अध्ययन के मुताबिक कोरोना के कारण 1,134,000 बच्चों ने अपने माता-पिता या संरक्षक दादा-दादी को खो दिया। हालांकि अधिकांश बच्चों ने अपने दोनों पेरेंट्स को खोया है।
ये है सबसे अधिक संख्या वाले देश
एनआईएच ने एक मीडिया विज्ञप्ति (Scary Corona) में कहा गया कि कुल मिलाकर 1,562,000 बच्चों ने कम से कम एक माता-पिता या संरक्षक या दादा-दादी (या अन्य रिश्तेदार) की मृत्यु का अनुभव किया है। इसमें कहा गया है कि प्राथमिक देखभाल करने वालों (माता-पिता या संरक्षक दादा-दादी) को खोने वाले बच्चों की सबसे अधिक संख्या एक उच्च विकसित देश हैं, उनके मुकाबले भारत बहुत कमतर है।
क्रमशः वह देश Scary Corona
- दक्षिण अफ्रीका
- पेरू
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- भारत
- ब्राजील
- मैक्सिको
भारत तुलनात्मक रूप से है कम
रिपोर्ट (Scary Corona) के अनुसार, 2,898 भारतीय बच्चों ने अपने कस्टोडियल दादा-दादी में से किसी एक को खो दिया, जबकि 9 ने अपने दादा-दादी दोनों को खो दिया। हालांकि, भारत में प्रति 1,000 बच्चों पर माता-पिता और संरक्षक पैरेंट के मरने की दर 0.5 है जो दक्षिण अफ्रीका (6.4), पेरू (14.1), ब्राजील (3.5), कोलंबिया (3.4), मैक्सिको (5.1) रूस (2.0), और यूएस (1.8) जैसे अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है।