पिता की इच्छा से बने एक्टर और बन गये रजनीकांत के दामाद, साउथ में दबदबा

पिता की इच्छा से बने एक्टर और बन गये रजनीकांत के दामाद, साउथ में दबदबा

Rajinikanth's son-in-law became an actor by his father's wish, dominated the South

dhanush

Dhanus: दक्षिण में कलाकारों को भगवान की तरह माना जाता है। फिल्मों का बड़ा क्रेज है। साउथ इंडस्ट्री में भी हर साल कई फिल्में बनती हैं। आज साउथ के एक सुपरस्टार का जन्मदिन है। बेहद सिंपल दिखने वाले लेकिन एक्टिंग में उतने ही दमदार धनुष आज अपना 40वां जन्मदिन मना रहे हैं।

धनुष का जन्म 28 जुलाई 1983 को तमिलनाडु में हुआ था। उनका असली नाम वेंकटेश प्रभु कस्तूरी राजा था। धनुष के पिता कस्तूरीराजा एक निर्देशक हैं। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत अपने पिता की फिल्म से की थी। दरअसल धनुष पहले शेफ बनना चाहते थे। उन्होंने होटल मैनेजमेंट करने का सपना देखा था।

अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए धनुष के भाई निर्देशक बने। इसलिए उनके पिता चाहते थे कि धनुष अभिनेता बनें। अपने बड़े भाई और पिता की बात मानकर उन्होंने होटल मैनेजमेंट में एडमिशन लिए बिना ही सिनेमा इंडस्ट्री में कदम रखा। 19 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता द्वारा निर्देशित फिल्म ‘थुल्लुवधो इलमई’ से डेब्यू किया। इस फिल्म के दौरान उन्होंने अपना नाम वेंकटेश से बदलकर धनुष रख लिया।

पहली फिल्म से धनुष को कोई पहचान नहीं मिली। साथ ही कोई और फिल्म भी ऑफर नहीं हुई। इसलिए धनुष के भाई सेल्वाराघवन ने अपने निर्देशन की पहली फिल्म ‘कधाल कोंडे’ में धनुष को कास्ट किया। इस फिल्म की शूटिंग देखने आए लोगों ने धनुष से पूछा कि फिल्म का हीरो कौन है। तब धनुष में इतना आत्मविश्वास नहीं था कि वो खुद को हीरो कह सकें। उसने सोचा कि लोग उसका मज़ाक उड़ाएँगे। तो उन्होंने दूसरे कलाकार को इशारा किया।

सेट पर जब लोग हीरो को ढूंढ रहे थे तो एक शख्स का हाथ धनुष पर पड़ा। इसका एहसास होते ही लोग जोर-जोर से हंसने लगे। उन्होंने कहा कि उस ऑटोड्राइवर को देखो वह एक हीरो है। वो लोग धनुष का मजाक उड़ा रहे थे। यह देख धनुष दौड़कर कार के पास गए और खूब रोए। 19 साल के धनुष इस अपमान को सहन नहीं कर सके।

‘कधाल कोंडे’ 4 जुलाई 2003 को रिलीज़ हुई थी। फिल्म में कई बड़े सितारों ने शिरकत की। इसी दौरान थिएटर मालिक ने धनुष को रजनीकांत और उनकी बेटियों ऐश्वर्या और सौंदर्या से मिलवाया। इसी एक मुलाकात में उन्हें ऐश्वर्या पसंद आ गई। इसकी वजह ये थी कि ऐश्वर्या उस वक्त सिर्फ धनुष को ही देख रही थीं।

मूवी के बाद दोनों अपने-अपने घर चले गए। इस फिल्म ने धनुष को स्टार बना दिया। उनके पास फिल्मों के ऑफर आने लगे। अगले दिन रजनीकांत की बेटी ऐश्वर्या ने धनुष के घर फूल भेजे। साथ में एक नोट भी भेजा। इसमें कहा गया है, आपने फिल्म में बहुत अच्छा काम किया है और आप लगतार फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े रहे।

इसके बाद दोनों के बीच जान-पहचान बढ़ गई। चूंकि दोनों एक प्रतिष्ठित परिवार से आते हैं, इसलिए उनके अफेयर की चर्चाएं मनोरंजन करने लगीं। जैसे ही रजनीकांत ने इस चर्चा के बारे में सुना, वह परेशान हो गए। उन्होंने धनुष को बुलाया और शादी करने का फैसला किया। दोनों 18 नवंबर 2004 को शादी के बंधन में बंध गए। और इस तरह धनुष बन गये रजनीकांत के दामाद।

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