Presidential Election : राष्ट्रपति चुनाव की कवायद

Presidential Election : राष्ट्रपति चुनाव की कवायद

Presidential Election: Presidential election defeated by NDA's bets

President Election

Presidential Election : भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है उनके स्थान पर देश का नया राष्ट्रपति चुनने की कवायद हो रही है। भाजपा ने अभी तक नए राष्ट्रपति के नाम को लेकर कोई घोषणा नहीं की है। एनडीए की ओर से राष्ट्रपति कौन होगा यह अभी तक तय नहीं है इस बारे में सिर्फ कुछ नामों को लेकर अटकले लगाई जा रही है। हो सकता है कि इन नामों से अलग कोई नया नाम सामने आएं। वैसे तो एनडीए का ही राष्ट्रपति बनना लगभग तय है। इसके बावजूद यूपीए अपनी ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की तलाश कर रही है।

इसके लिए पहले पहल बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी (Presidential Election) ने आनन फानन में २२ राजनीतिक पार्टियों की एक बैठक बुलाई जो बेनतीजा निकली। इस बैठक में आम आदमी पार्टी सहित चार पार्टियों ने भाग ही नहीं लिया। अलबत्ता कंाग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं ने इस बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई लेकिन इन नेताओं ने पूछे जाने के बावजूद कांग्रेस की ओर से किसी का नाम भी आगे नहीं रखा। ममता बेनर्जी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमों शरद पवार का नाम सामने किया, जिसपर शायद सहमती भी बन जाती लेकिन खुद शरद पवार ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने से इंकार कर दिया।

इसके बाद ममता बेनर्जी ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूख अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी का नाम आगे किया लेकिन इन दोनों ने भी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से साफ मना कर दिया। अब विपक्षी पार्टियां किसी और नए नाम की खोज में लगी है। यदि कोई नाम ढूंढ भी लिया जाता है तो उसपर सभी विपक्षी पार्टियों की सहमती बनेगी या नहीं बनेगी इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।

कुल मिलाकर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर विपक्षी पार्टियों में जो उहापोह की स्थिति बनी हुई है उसका सीधा लाभ एनडीए को मिल सकता है और चुनाव होने की स्थिति के बावजूद राष्ट्रपति पद पर एनडीए का उम्मीदवार ही आसानी से चुनाव जीत सकता है। यह इस बात पर भी निर्भर होगा कि एनडीओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार किसे बनाया जाता है।

यदि ऐसा नाम सामने किया जाता है जो निर्विवाद हो तो कई विपक्षी पार्टियों का समर्थन भी उसे मिल सकता है। बेहतर तो यही होगा कि राष्ट्रपति पद के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सहमति बनाई जाए और सर्वसम्मति से किसी योग्य व्यक्ति को राष्ट्रपति पद पर निर्विरोध निर्वाचित किया जाए। केंद्र में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रपति चुनाव में सर्वदलीय सहमति बनाना चाहती है।

यही वजह है कि पार्टी (Presidential Election) ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श करने के लिए अधिकृत किया है। पार्टी महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘भाजपा ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को विचार-विमर्श के लिए अधिकृत किया है।Ó

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